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हिमाचल: सरकार ने नहीं सुनी, मरीजों के मसीहा बन डॉक्टर ने खुद खरीदे 10 लाख के उपकरण

डॉ. उदय ने साबित कर दिया है कि डॉक्टर को भगवान क्यों कहा जाता है. उन्होंने मरीजों की सुविधाओं और जरूरतों को देखते हुए अपनी जेब से 10 लाख के उपकरण खरीदे और अब मरीजों का इलाज कर रहे हैं. पढे़ं पूरी खबर.

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Published : Jul 14, 2019, 12:08 AM IST

डॉ उदय की फाइल फोटो

शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक डॉक्टर ने मरीजों को सुविधा देने के लिए दस लाख रुपये के उपकरण खरीदे हैं. जो सुविधा आज तक कई सरकारें नहीं दे सकीं, वो जोनल अस्पताल मंडी में डॉक्टर उदय भानु राणा मरीजों को आसानी से उप्लब्ध करा रहे हैं.

डॉक्टर को धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है. इस बात को जोनल अस्पताल मंडी में तैनात युवा डॉक्टर उदय भानु राणा ने चरितार्थ कर दिखाया है. सिर्फ मरीजों को सुविधा देने के लिए डॉक्टर ने दस लाख रुपये के उपकरण खरीदे हैं.

डॉ. उदय ने खरीदे 10 लाख के उपकरण

दूरबीन तकनीक से गर्भाश्य ऑपरेशन करने वाला जोनल अस्पताल मंडी प्रदेश का पहला सरकारी जोनल अस्पताल है. निजी अस्पताल में इस आपरेशन का खर्चा करीब दो लाख रुपए होता है, जबकि स्वास्थ्य कार्ड धारक मरीजों को यह सुविधा बिलकुल मुफ्त मिल रही है. इस ऑपरेशन की खासियत यह है कि मात्र 20 दिनों में मरीज सामान्य हो जाता है.

पढ़ें: हाइड्रोपोनिक खेती के लिये जरूरी नहीं मिट्टी और खेत, युवा सिखा रहे किसानों को तकनीक

बता दें, डॉक्टर उदय भानु राणा ने खुद करीब तीन लाख रुपये खर्च कर दूरबीन तकनीक से ऑपरेशन करने की ट्रेनिंग की है. इसे डॉक्टरी भाषा में लैप्रोस्कोपी मिनिमल इन्वेसिव सर्जरी कहते हैं.

गौरतलब है, इसके पहले जोनल अस्पताल मंडी में तैनात सीनियर कंस्लटेंट डॉ. संदीप राठौर भी यही कार्य कर चुके हैं. उन्होंने भी तीन लाख रुपये खर्च कर यह ट्रेनिंग की. उसके बाद कमला नेहरू अस्पताल में दूरबीन तकनीक से ऑपरेशन करने के लिए उपकरण खरीदे और आज डॉ. संदीप राठौर और डॉ. उदय भानु मिलकर दूरबीन तकनीक से जोनल अस्पताल मंडी में ऑपरेशन कर रहे हैं.

इस संबंध में डॉक्टर उदय भानु ने बताया कि उन्होंने सरकार को भी लैप्रोस्कोपी उपकरण के लिए प्रपोजल दिया था लेकिन इसमें काफी समय लग रहा था. ऐसे में उन्होंने खुद ही लैब उपकरण खरीद लिये और सर्जरी करना शुरू कर दी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक डॉक्टर ने मरीजों को सुविधा देने के लिए दस लाख रुपये के उपकरण खरीदे हैं. जो सुविधा आज तक कई सरकारें नहीं दे सकीं, वो जोनल अस्पताल मंडी में डॉक्टर उदय भानु राणा मरीजों को आसानी से उप्लब्ध करा रहे हैं.

डॉक्टर को धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है. इस बात को जोनल अस्पताल मंडी में तैनात युवा डॉक्टर उदय भानु राणा ने चरितार्थ कर दिखाया है. सिर्फ मरीजों को सुविधा देने के लिए डॉक्टर ने दस लाख रुपये के उपकरण खरीदे हैं.

डॉ. उदय ने खरीदे 10 लाख के उपकरण

दूरबीन तकनीक से गर्भाश्य ऑपरेशन करने वाला जोनल अस्पताल मंडी प्रदेश का पहला सरकारी जोनल अस्पताल है. निजी अस्पताल में इस आपरेशन का खर्चा करीब दो लाख रुपए होता है, जबकि स्वास्थ्य कार्ड धारक मरीजों को यह सुविधा बिलकुल मुफ्त मिल रही है. इस ऑपरेशन की खासियत यह है कि मात्र 20 दिनों में मरीज सामान्य हो जाता है.

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बता दें, डॉक्टर उदय भानु राणा ने खुद करीब तीन लाख रुपये खर्च कर दूरबीन तकनीक से ऑपरेशन करने की ट्रेनिंग की है. इसे डॉक्टरी भाषा में लैप्रोस्कोपी मिनिमल इन्वेसिव सर्जरी कहते हैं.

गौरतलब है, इसके पहले जोनल अस्पताल मंडी में तैनात सीनियर कंस्लटेंट डॉ. संदीप राठौर भी यही कार्य कर चुके हैं. उन्होंने भी तीन लाख रुपये खर्च कर यह ट्रेनिंग की. उसके बाद कमला नेहरू अस्पताल में दूरबीन तकनीक से ऑपरेशन करने के लिए उपकरण खरीदे और आज डॉ. संदीप राठौर और डॉ. उदय भानु मिलकर दूरबीन तकनीक से जोनल अस्पताल मंडी में ऑपरेशन कर रहे हैं.

इस संबंध में डॉक्टर उदय भानु ने बताया कि उन्होंने सरकार को भी लैप्रोस्कोपी उपकरण के लिए प्रपोजल दिया था लेकिन इसमें काफी समय लग रहा था. ऐसे में उन्होंने खुद ही लैब उपकरण खरीद लिये और सर्जरी करना शुरू कर दी.

Intro:मंडी। डॉक्टरों को धरती के भगवान का दर्जा दिया गया है। इसको जोनल अस्पताल मंडी में तैनात एक युवा डाक्टर ने चरितार्थ कर दिया है। सिर्फ मरीजों को सुविधा देने के लिए डॉक्टर ने दस लाख रुपए के उपकरण खरीद लिए। अब तो आप भी कहेंगे यह डाक्टर असल में धरती का भगवान है। आज तक जो सुविधा कोई सरकारें नहीं दे सकीं, वह सुविधा अब जोनल अस्पताल मंडी में डाक्टर उदय भानु राणा उबलब्ध करवा रहे हैं।




Body:दूरबीन तकनीक से गर्भाश्य आपरेशन करने वाला जोनल अस्पताल मंडी प्रदेश का पहला सरकारी जोनल अस्पताल है। निजी अस्पताल में इस आपरेशन का खर्चा करीब दो लाख रुपए तक रहता है, जबकि स्वास्थ्य कार्ड धारक मरीजों को यह सुविधा
बिलकुल फ्री मिल रही है। इस आपरेशन की खासियत यह है कि मरीज के मरीज करीब। 20 दिनों में मरीज सामान्य हो जाता है। डाक्टर उदय भानु राणा ने खुद करीब तीन लाख रुपए खर्च कर दूरबीन तकनीक से आपरेशन करने के लिए ट्रेनिंग तक की, जिसे डाक्टरी भाषा में लैपरोस्कोपी मिमिमल इनवेसिव सर्जरी कहते हैं। जोनल अस्पताल मंडी में ही तैनात सीनियर कंस्लटेंट डा. संदीप राठौर ने भी अपने खर्च पर यह ट्रेनिंग की थी और अपनी जेब से करीब तीन लाख रुपए खर्च कर कमला नेहरू अस्पताल में दूरबीन तकनीक से आपरेशन करने के लिए उपकरण खरीदे थे। अब डा. संदीप राठौर और डा. उदय भानु मिलकर दूरबीन तकनीक से जोनल अस्पताल मंडी में आपरेशन कर रहे हैं।




Conclusion:डॉक्टर उदय भानु का कहना है कि हालांकि उन्होंने सरकार को भी लेप्रोस्कोपी उपकरण के लिए प्रपोजल भेजी थी, लेकिन इसमें समय लगना था। ऐसे में खुद ही लैब उपकरण लिए। इसके बाद यहां सर्जरी की।

बाइट : डॉक्टर उदय भानु राणा

नोट: खराब स्वास्थ्य की वजह से वीओ संभव नहीं है।
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