ETV Bharat / bharat

डीके शिवकुमार एक अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में

दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वे एक अक्टूबर तक हिरासत में रहेंगे. हालांकि कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया है कि शिवकुमार को पहले अस्पताल ले जाया जाए और जांच कराई जाए. पढ़ें पूरा विवरण....

डीके शिवकुमार
author img

By

Published : Sep 18, 2019, 9:53 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 12:57 AM IST

नई दिल्ली: धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार कर्नाटक कांग्रेस के नेता डी. के. शिवकुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. दिल्ली की एक अदालत ने यह फैसला दिया.

इस बीच, शिवकुमार ने धन शोधन मामले में ईडी द्वारा रिकार्ड किये गये अपने बयान की प्रति मांगने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया. उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनके खिलाफ कार्यवाही ईडी अधिकारियों के इशारे पर पूर्वाग्रह से ग्रसित है और जांच राजनीतिक पूर्वाग्रह के साथ की गई.

निचली अदालत के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया कि शिवकुमार को पहले अस्पताल ले जाया जाए और यह देखा जाए कि क्या चिकित्सक उन्हें वहां भर्ती करने का सुझाव देते हैं.

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, 'यह निर्देश दिया जाता है कि आरोपी को पहले अस्पताल ले जाया जाए और उनकी मेडिकल स्थिति स्थिर बताये जाने पर ही उन्हें केंद्रीय कारागार, तिहाड़ भेजा जाए...आरोपी को एक अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है.'

etvbharat shivkumar
जेल जाने से पहले होगी मेडिकल जांच

अदालत ने शिवकुमार की जमानत याचिका की सुनवाई बुधवार दोपहर साढ़े तीन बजे के लिए सूचीबद्ध की है.

न्यायाधीश ने कहा, '(कांग्रेस) विधायक को अस्पताल में भर्ती किये जाने की स्थिति में, उनकी हिरासत तिहाड़ जेल अधीक्षक लेंगे जो आरोपी के लिए गार्ड मुहैया कराएंगे. अस्पताल में उन्हें भर्ती किये जाने की स्थिति में चिकित्सक उनकी हिरासत केंद्रीय जेल, तिहाड़ के अधीक्षक को उन्हें (शिवकुमार को) अस्पताल से छुट्टी मिलने पर ही सौंपे.'

पढ़ें-कांग्रेस नेता शिवकुमार की बेटी ईडी के समक्ष पेश हुई

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि शिवकुमार को तिहाड़ ले जाए जाने की स्थिति में अधिकारी उन्हें अपनी दवाइयां लेने की इजाजत दे सकते हैं, जो जेल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर की मंजूरी पर निर्भर करेगा.

अदालत ने शिवकुमार के मेडिकल रिकार्ड पर विचार किया, जिसमें कहा गया है कि वह उच्च रक्त चाप और 'ब्लड प्रेशर' में उतार-चढ़ाव से ग्रसित हैं तथा उनकी 'एंजियोप्लास्टी' भी हो चुकी है. साथ ही वह काफी मात्रा में दवाइयां ले रहे हैं.

जांच एजेंसी ने अदालत में दावा किया कि उनसे पूछताछ अभी पूरी नहीं हो पाई है और न्यायिक हिरासत के दौरान उनसे पूछताछ करने की न्यायाधीश से इजाजत मांगी.

etvbharat shivkumar
डीके शिवकुमार पूरे सितंबर हिरासत में रहेंगे

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज और विशेष सरकारी वकील अमित महाजन, एन के मट्टा तथा नीतेश राणा ईडी की ओर से पेश हुए. उन्होंने अदालत से कहा कि शिवकुमार के स्वास्थ्य की स्थिति के चलते वे कारगर पूछताछ नहीं कर पाए.

कांग्रेस नेता के वकीलों ने न्यायिक हिरासत की मांग वाले ईडी के अनुरोध का विरोध किया और मेडिकल आधार पर उनकी जमानत मांगी.

पढ़ें-कुमारस्वामी के सामने रो पड़ीं डीके शिवकुमार की मां

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी कांग्रेस नेता की ओर से पेश हुए. उन्होंने अदालत में दलील दी कि उनकी हालत गंभीर है और दिल का दौरा पड़ने के करीब पहुंच गये इसलिए उन्हें जमानत दी जाए.

एएसजी ने अदालत से कहा कि अदालत के निर्देश के मुताबिक और शिवकुमार की बीमारी के चलते उन्हें (शिवकुमार को) अस्पताल ले जाया गया, जिसके चलते पूछताछ जारी नहीं रह सकी थी.

सिंघवी ने आगे कहा, 'अदालत को गुमराह करने के लिए ईडी ने रुपयों का काल्पनिक आंकड़ा उद्धृत किया. शिवकुमार के पास से सिर्फ 41 लाख रुपये बरामद हुए थे और ना कि 8.5 करोड़ रुपये, जैसा कि ईडी ने आरोप लगाया था तथा अब अचानक ही यह आंकड़ा बढ कर 143 करोड़ रुपये हो गया है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी पूर्वाग्रह से ग्रसित है और दुर्भावना रखे हुए है तथा वह जांच के बारे में अदालत के समक्ष झूठ बोल रही.

सिंघवी ने कहा कि 317 बैंक खाते होने का एजेंसी का दावा मीडिया और लोगों के बीच शिवकुमार की बस छवि खराब करने के लिए है.

पढ़ें-ED के सामने पेश हुए डीके शिवकुमार, येदियुरप्पा पर बदले की राजनीति का आरोप

रोहतगी ने कांग्रेस नेता की जमानत का अनुरोध करते हुए कहा कि वह सात बार से विधायक हैं और उनके देश छोड़ कर भागने का खतरा भी नहीं है. यह मामला दस्तावेजी साक्ष्य पर आधारित है और शिवकुमार को और अधिक हिरासत में रखने का कोई आधार नहीं है क्योंकि उनका कोई आपराधिक अतीत नहीं है.

etvbharat shivkumar
परिवार के सदस्यों के साथ डीके शिवकुमार

उन्होंने कहा कि आयकर विभाग द्वारा रुपये की बरामदगी, जो इस मामले का आधार बना... वह कानून के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. ईडी ने आयकर विभाग की प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया.

उन्होंने आगे कहा कि यह जमानत देने का एक मामला है और अदालत शर्तें लगा सकती हैं. नहीं तो, फिर शिवकुमार को मेडिकल जमानत देने पर विचार किया जाए.

ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसने शिवकुमार की मेडिकल स्थिति का ध्यान रखा है.

जांच एजेंसी ने यह आरोप भी लगाया कि धन शोधन शिवकुमार और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों के जरिए हुआ.

उल्लेखनीय है कि शिवकुमार को ईडी ने धन शोधन के मामले में तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था. हिरासत में पूछताछ की अवधि खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया.

पढ़ें-डीके शिवकुमार ने ईडी से पूछताछ की ट्रांसक्रिप्ट मांगी

मंगलवार को ही शिवकुमार ने उच्च न्यायालय से यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत ईडी के सहायक निदेशक द्वारा दर्ज किए गए उनके बयान की प्रतिलिपि उन्हें उपलब्ध कराई जाए.

उन्होंने उच्च न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि जांच एजेंसी के पास उनके खिलाफ पीएमएलए के प्रावधान लगाने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.

कर्नाटक की कनकपुरा सीट से कांग्रेस के विधायक ने अपनी याचिका में दावा किया कि पीएमएलए की धारा 50 के तहत बयान सिर्फ ईडी के निदेशक ही दर्ज कर सकते हैं और उनके मामले में किसी अन्य अधिकारी द्वारा दर्ज किया गया बयान रिकार्ड से हटाया जाए.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि शिवकुमार के खिलाफ कार्यवाही ईडी अधिकारियों के इशारे पर पूर्वाग्रह से ग्रसित है और जांच राजनीतिक पूर्वाग्रह के साथ की गई.

ईडी ने शिवकुमार की बेटी ऐशवर्या से भी पूछताछ की है और उसके बयान पीएमएलए के तहत दर्ज किये गए. वह प्रबंधन में स्नातक है.

सूत्रों के मुताबिक 2017 में सिंगापुर में उसकी एक यात्रा के सिलसिले में उसका आमना-सामना शिवकुमार के दस्तावेजों और बयानों से कराया गया. वह अपने पिता द्वारा बनाये गए एक शिक्षा न्यास (ट्रस्ट) में न्यासी है.

पढ़ें-'शिवकुमार की गिरफ्तारी के लिए सिद्धारमैया जिम्मेदार'

ईडी का आरोप है कि इस ट्रस्ट के पास करोड़ों रुपये की संपत्ति और कारोबार है तथा काफी संख्या में इंजीनियरिंग एवं अन्य कॉलेज हैं. ऐश्वर्या इन सबके पीछे मुख्य व्यक्ति हैं.

नई दिल्ली: धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार कर्नाटक कांग्रेस के नेता डी. के. शिवकुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. दिल्ली की एक अदालत ने यह फैसला दिया.

इस बीच, शिवकुमार ने धन शोधन मामले में ईडी द्वारा रिकार्ड किये गये अपने बयान की प्रति मांगने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया. उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनके खिलाफ कार्यवाही ईडी अधिकारियों के इशारे पर पूर्वाग्रह से ग्रसित है और जांच राजनीतिक पूर्वाग्रह के साथ की गई.

निचली अदालत के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया कि शिवकुमार को पहले अस्पताल ले जाया जाए और यह देखा जाए कि क्या चिकित्सक उन्हें वहां भर्ती करने का सुझाव देते हैं.

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, 'यह निर्देश दिया जाता है कि आरोपी को पहले अस्पताल ले जाया जाए और उनकी मेडिकल स्थिति स्थिर बताये जाने पर ही उन्हें केंद्रीय कारागार, तिहाड़ भेजा जाए...आरोपी को एक अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है.'

etvbharat shivkumar
जेल जाने से पहले होगी मेडिकल जांच

अदालत ने शिवकुमार की जमानत याचिका की सुनवाई बुधवार दोपहर साढ़े तीन बजे के लिए सूचीबद्ध की है.

न्यायाधीश ने कहा, '(कांग्रेस) विधायक को अस्पताल में भर्ती किये जाने की स्थिति में, उनकी हिरासत तिहाड़ जेल अधीक्षक लेंगे जो आरोपी के लिए गार्ड मुहैया कराएंगे. अस्पताल में उन्हें भर्ती किये जाने की स्थिति में चिकित्सक उनकी हिरासत केंद्रीय जेल, तिहाड़ के अधीक्षक को उन्हें (शिवकुमार को) अस्पताल से छुट्टी मिलने पर ही सौंपे.'

पढ़ें-कांग्रेस नेता शिवकुमार की बेटी ईडी के समक्ष पेश हुई

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि शिवकुमार को तिहाड़ ले जाए जाने की स्थिति में अधिकारी उन्हें अपनी दवाइयां लेने की इजाजत दे सकते हैं, जो जेल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर की मंजूरी पर निर्भर करेगा.

अदालत ने शिवकुमार के मेडिकल रिकार्ड पर विचार किया, जिसमें कहा गया है कि वह उच्च रक्त चाप और 'ब्लड प्रेशर' में उतार-चढ़ाव से ग्रसित हैं तथा उनकी 'एंजियोप्लास्टी' भी हो चुकी है. साथ ही वह काफी मात्रा में दवाइयां ले रहे हैं.

जांच एजेंसी ने अदालत में दावा किया कि उनसे पूछताछ अभी पूरी नहीं हो पाई है और न्यायिक हिरासत के दौरान उनसे पूछताछ करने की न्यायाधीश से इजाजत मांगी.

etvbharat shivkumar
डीके शिवकुमार पूरे सितंबर हिरासत में रहेंगे

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज और विशेष सरकारी वकील अमित महाजन, एन के मट्टा तथा नीतेश राणा ईडी की ओर से पेश हुए. उन्होंने अदालत से कहा कि शिवकुमार के स्वास्थ्य की स्थिति के चलते वे कारगर पूछताछ नहीं कर पाए.

कांग्रेस नेता के वकीलों ने न्यायिक हिरासत की मांग वाले ईडी के अनुरोध का विरोध किया और मेडिकल आधार पर उनकी जमानत मांगी.

पढ़ें-कुमारस्वामी के सामने रो पड़ीं डीके शिवकुमार की मां

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी कांग्रेस नेता की ओर से पेश हुए. उन्होंने अदालत में दलील दी कि उनकी हालत गंभीर है और दिल का दौरा पड़ने के करीब पहुंच गये इसलिए उन्हें जमानत दी जाए.

एएसजी ने अदालत से कहा कि अदालत के निर्देश के मुताबिक और शिवकुमार की बीमारी के चलते उन्हें (शिवकुमार को) अस्पताल ले जाया गया, जिसके चलते पूछताछ जारी नहीं रह सकी थी.

सिंघवी ने आगे कहा, 'अदालत को गुमराह करने के लिए ईडी ने रुपयों का काल्पनिक आंकड़ा उद्धृत किया. शिवकुमार के पास से सिर्फ 41 लाख रुपये बरामद हुए थे और ना कि 8.5 करोड़ रुपये, जैसा कि ईडी ने आरोप लगाया था तथा अब अचानक ही यह आंकड़ा बढ कर 143 करोड़ रुपये हो गया है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी पूर्वाग्रह से ग्रसित है और दुर्भावना रखे हुए है तथा वह जांच के बारे में अदालत के समक्ष झूठ बोल रही.

सिंघवी ने कहा कि 317 बैंक खाते होने का एजेंसी का दावा मीडिया और लोगों के बीच शिवकुमार की बस छवि खराब करने के लिए है.

पढ़ें-ED के सामने पेश हुए डीके शिवकुमार, येदियुरप्पा पर बदले की राजनीति का आरोप

रोहतगी ने कांग्रेस नेता की जमानत का अनुरोध करते हुए कहा कि वह सात बार से विधायक हैं और उनके देश छोड़ कर भागने का खतरा भी नहीं है. यह मामला दस्तावेजी साक्ष्य पर आधारित है और शिवकुमार को और अधिक हिरासत में रखने का कोई आधार नहीं है क्योंकि उनका कोई आपराधिक अतीत नहीं है.

etvbharat shivkumar
परिवार के सदस्यों के साथ डीके शिवकुमार

उन्होंने कहा कि आयकर विभाग द्वारा रुपये की बरामदगी, जो इस मामले का आधार बना... वह कानून के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. ईडी ने आयकर विभाग की प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया.

उन्होंने आगे कहा कि यह जमानत देने का एक मामला है और अदालत शर्तें लगा सकती हैं. नहीं तो, फिर शिवकुमार को मेडिकल जमानत देने पर विचार किया जाए.

ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसने शिवकुमार की मेडिकल स्थिति का ध्यान रखा है.

जांच एजेंसी ने यह आरोप भी लगाया कि धन शोधन शिवकुमार और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों के जरिए हुआ.

उल्लेखनीय है कि शिवकुमार को ईडी ने धन शोधन के मामले में तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था. हिरासत में पूछताछ की अवधि खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया.

पढ़ें-डीके शिवकुमार ने ईडी से पूछताछ की ट्रांसक्रिप्ट मांगी

मंगलवार को ही शिवकुमार ने उच्च न्यायालय से यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत ईडी के सहायक निदेशक द्वारा दर्ज किए गए उनके बयान की प्रतिलिपि उन्हें उपलब्ध कराई जाए.

उन्होंने उच्च न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि जांच एजेंसी के पास उनके खिलाफ पीएमएलए के प्रावधान लगाने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.

कर्नाटक की कनकपुरा सीट से कांग्रेस के विधायक ने अपनी याचिका में दावा किया कि पीएमएलए की धारा 50 के तहत बयान सिर्फ ईडी के निदेशक ही दर्ज कर सकते हैं और उनके मामले में किसी अन्य अधिकारी द्वारा दर्ज किया गया बयान रिकार्ड से हटाया जाए.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि शिवकुमार के खिलाफ कार्यवाही ईडी अधिकारियों के इशारे पर पूर्वाग्रह से ग्रसित है और जांच राजनीतिक पूर्वाग्रह के साथ की गई.

ईडी ने शिवकुमार की बेटी ऐशवर्या से भी पूछताछ की है और उसके बयान पीएमएलए के तहत दर्ज किये गए. वह प्रबंधन में स्नातक है.

सूत्रों के मुताबिक 2017 में सिंगापुर में उसकी एक यात्रा के सिलसिले में उसका आमना-सामना शिवकुमार के दस्तावेजों और बयानों से कराया गया. वह अपने पिता द्वारा बनाये गए एक शिक्षा न्यास (ट्रस्ट) में न्यासी है.

पढ़ें-'शिवकुमार की गिरफ्तारी के लिए सिद्धारमैया जिम्मेदार'

ईडी का आरोप है कि इस ट्रस्ट के पास करोड़ों रुपये की संपत्ति और कारोबार है तथा काफी संख्या में इंजीनियरिंग एवं अन्य कॉलेज हैं. ऐश्वर्या इन सबके पीछे मुख्य व्यक्ति हैं.

ZCZC
PRI GEN LGL NAT
.NEWDELHI LGD38
DL-COURT-2NDLD SHIVAKUMAR
Delhi court sends Congress leader D K Shivakumar to judicial custody till Oct 1
(Eds: Updating with details)
         New Delhi, Sep 17 (PTI) A Delhi court Tuesday sent Karnataka Congress leader D K Shivakumar, arrested in a money laundering case by Enforcement Directorate, to 14-day judicial custody.
         Special judge Ajay Kumar Kuhar directed the ED to take Shivakumar to hospital first and to see whether doctor suggests admitting him there.
         "It is directed that the accused be first taken to the hospital and only after his medical condition is opined to be stable, he be sent to judicial custody in Central Jail, Tihar... The accused is remanded to judicial custody till October 1," the judge said in the order.
         The court has listed Shivakumar's bail plea for hearing on Wednesday at 3.30 pm.
         The judge said that in case the MLA is admitted to the hospital, his custody be taken over by the Superintendent of Tihar jail and the doctors hand over his custody only on his discharge.
         "In case, he is admitted in the hospital, his custody shall be taken over by the Superintendent Central jail, Tihar who shall provide guards for the accused. In case of his admission in the hospital, the doctors shall hand over his custody to the Superintendent, Central jail, Tihar only on his discharge," said the judge.
         The judge also said that in case Shivakumar was taken to Tihar jail, then the authorities permit him to take his medicines subject to the approval of doctor on duty in the jail.
         The court took into consideration the medical records of Shivakumar, which said that he suffered from hypertension and fluctuating blood pressure and has undergone angioplasty earlier and is on a heavy medical dosage.
         The probe agency claimed in the court that his interrogation was yet to be completed and sought permission from the judge to question him during the judicial custody.
         Additional Solicitor General (ASG) K M Nataraj and Special Public Prosecutors Amit Mahajan, N K Matta and Nitesh Rana, appearing for the ED, told the court that Shivakumar's health condition did not allow his effective questioning.
         The Congress leader's counsels opposed the ED plea for judicial custody and sought his bail on medical grounds.
         Senior advocates A M Singhvi and Mukul Rohatgi, appearing for Shivakumar, submitted in the court that the MLA's health condition was very serious and he was close to a heart attack; therefore, he be granted bail.
         The ASG told the court that Shivakumar was taken to hospital as directed by court and due to his aliment, his interrogation could not be continued.
         Singhvi further said that only Rs 41 lakh was recovered from Shivakumar and not Rs 8.5 crore, as alleged by the ED and now surprisingly the figure has become Rs 143 crore.
         He alleged that ED is biased and mala fide and is lying before the court about the investigation.
          The agency's claim about 317 bank accounts was only to spoil Shivakumar's image in media and public, he added.
          Rohatgi, also representing Shivakumar and seeking bail for him, said he was a 7-time MLA and not a flight risk.
          It is a case based on documentary evidence and there was no ground to keep Shivakumar in custody as he has no criminal antecedent, he said.
          Rohatgi further said that this is a case of granting bail and the court can impose conditions; if not, then granting medical bail to Shivakumar should be considered.
          Opposing the bail plea, ED said that it had taken care of his medical conditions.
          It also alleged that laundering of money took place through bank accounts of the MLA and his family members.
          Shivakumar, arrested on September 3 by the ED in a money laundering case, was produced before the court Tuesday on the expiry of his custodial interrogation. PTI PKS UK LLP
SA
09171857
NNNN
Last Updated : Oct 1, 2019, 12:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.