नई दिल्ली : बागजान में तेल के कुएं में हुए विस्फोट को लेकर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अमेरिकी ऊर्जा विभाग (डीओई) और अन्य विशेषज्ञों के साथ बातचीत की. इस चर्चा में सिंगापुर के विशेषज्ञ भी मौजूद थे.
यूएस पक्ष ने अमेरिका में इसी तरह की घटनाओं से निपटने में अपना अनुभव साझा किया. यूएस डीओई और विशेषज्ञों ने ओएनजीसी विशेषज्ञों द्वारा अब तक उठाए गए कदमों का समर्थन किया है. दोनों पक्षों ने आने वाले दिनों में फिर से विचारों का आदान-प्रदान करने का फैसला किया.
इन चर्चाओं को भारत-अमेरिका की रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी के तहत आयोजित किया गया. आपको बता दें कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से मुलाकात की और नौ जून को ऑयल इंडिया लिमिटेड के बागजान गैस कुएं में आग लगने की घटना पर चर्चा की.
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गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र स्टेट गेस्ट हाउस में सोनोवाल के आधिकारिक आवास पर बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री दोनों ने स्थिति के बारे में जानकारी के लिए घटनास्थल का संयुक्त दौरा करने का फैसला किया.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को घटना के बारे में सूचित करते हुए कहा कि राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के अपने प्रयासों में ओआईएल को सभी आवश्यक समर्थन प्रदान कर रही है.
आपको बता दें कि असम बागजान में दुर्घटना 27 मई को हुई थी, जब अहमदाबाद स्थित निजी फर्म 'जॉन एनर्जी' के श्रमिकों ने बागजान में तेल कुआं नंबर 5 पर काम शुरू किया.
यहां कुछ ही देर में तेल के कुएं से प्रोपेन, मीथेन और प्रोपलीन सहित अन्य गैस लीक होने लगीं. गैस लीक होने के बाद वहां सफेद धुएं का गुब्बारा उठने लगा और लड़ाकू विमान की तरह एक गगनभेदी ध्वनि की आवाज सुनाई दी.