भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने बयान के कारण फिर से विवादों में आ गए हैं. उन्होंने दुराचार के मामलों में भगवा धारियों के लिप्त होने पर सवाल उठाया, जिस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हमलावर हो गई है. भाजपा ने सिंह को हिंदू व भगवा विरोधी करार दिया. वहीं दिग्विजय सिंह ने अपने बयान पर सफाई दी है.
राजधानी में मंगलवार को एक संत समागम का आयोजन किया गया. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, 'भगवा वस्त्र पहनकर लोग चूरन बेच रहे हैं. भगवा वस्त्र पहनकर बलात्कार हो रहे हैं. मंदिरों में बलात्कार हो रहे हैं. क्या यही हमारा धर्म है? हमारे सनातन धर्म को जिन लोगों ने बदनाम किया है, उन्हें ईश्वर भी माफ नहीं करेगा. ऐसे कृत्यों को माफ नहीं किया जा सकता.'
सिंह के इस बयान पर भाजपा हमलावर हो गई है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा, 'कांग्रेस में कुछ ऐसे लोग हैं, जो जब तक मीडिया में कुछ उल्टा-सीधा बयान न दें तो उनका दिन नहीं कटता है. यह वही लोग हैं, जिन्होंने कांग्रेस को 400 से 52 पर ला दिया है.'
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उन्होंने कहा, 'भगवा और हिंदुओं का अपमान करना दिग्विजय सिंह की आदत बन गई है. किसी भी कर्म का किसी भी रंग से कोई संबंध नहीं होता है. भगवा के सानिध्य में खड़े होकर भगवा को बदनाम करना निर्लज्जता की निशानी है. इसी मानसिकता के चलते लोकसभा में भी दिग्विजय सिंह की पराजय हुई. इनकी मानसिक ग्रन्थि ही खराब है. प्रभु इन्हें सद्बुद्धि दें.'
वहीं, दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा, 'हिंदू संत हमारी सनातन आस्था का प्रतीक हैं. इसीलिए उनसे उच्चतम आचरण की अपेक्षा है. अगर संत वेश में कोई भी गलत आचरण करता है, तो उसके खिलाफ आवाज उठनी ही चाहिए. सनातन धर्म, जिसका मैं स्वयं पालन करता हूं, उसकी रक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी ही है.'