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धनखड़ बोले- बंगाल पुलिस राजनीतिक रूप से प्रेरित, ममता का पलटवार - मदन गोराई की मौत हिरासत में

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने राजनीतिक रूप से प्रेरित राज्य पुलिस पर शासन के हर क्षेत्र में दखल देने के आरोप लगाए. यही नहीं इस पत्र पर ममता ने भी कई पलटवार किए जिसमें उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से राज्य की पुलिस को बदनाम किया जा रहा है.

Dhankhar tells Mamata Work
धनखड़ और ममता के बीच वाकयुद्ध
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Published : Oct 19, 2020, 7:04 AM IST

Updated : Oct 19, 2020, 7:15 AM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच रविवार को उस समय वाकयुद्ध शुरू हो गया, जब राज्यपाल ने राज्य पुलिस पर राजनीति से प्रेरित होने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग 'निहित राजनीतिक हितों के लिए पुलिस को बदनाम' कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक व्यक्ति की हिरासत में हुई मौत के मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया कि राज्य की राजनीतिक रूप से प्रेरित पुलिस शासन के हर क्षेत्र में दखल दे रही है. भाजपा का दावा है कि वह व्यक्ति उसका कार्यकर्ता था.

धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा कि पूर्वी मेदिनीपुर के कनकपुर गांव के निवासी मदन गोराई की मौत हिरासत में हुए 'अमानवीय अत्याचार, उत्पीड़न और मौत' की एक और घटना है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं.

धनखड़ ने कहा कि यह खुला रहस्य है कि राजनीतिक रूप से प्रेरित पुलिस शासन के हर क्षेत्र में दखल दे रही है और यह पुलिस की आदत बन गई है.

गोराई को अपहरण के एक मामले में 26 सितंबर को पूर्वी मेदिनीपुर के पताशपुर में गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस ने कहा है कि वह उसकी नहीं, बल्कि न्यायिक हिरासत में था जबकि भाजपा कह रही है कि उसे पुलिस हिरासत में रखा गया था.

धनखड़ ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा, 'यह सही समय है कि आप अपनी संवैधानिक शपथ को निभाएं, कानून का शासन लागू करें, राज्य में लोकतांत्रिक शासन सुनिश्चित करें और पुलिस एवं प्रशासन को 'राजनीतिक रूप से तटस्थ और जवाबदेह' बनाएं.'

इसके बाद, बनर्जी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि राज्य पुलिस और प्रशासन संकट से निपटने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें बदनाम कर रहे हैं.

बनर्जी ने स्पष्ट रूप से भाजपा नेताओं का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य पुलिस सरकार के साथ मिलकर भगवा दल के नेताओं की अप्राकृतिक मौत के हालिया मामलों के सबूत दबाने की कोशिश कर रही है.

बनर्जी ने यहां दिन में कई दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग केवल पुलिस बल और राज्य पर दोषारोपण करने और उन्हें नीचा दिखाने में विश्वास करते हैं.'

बनर्जी ने कहा, 'वे संकट के समय में, कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच और अन्य समय में भी पुलिस के किए काम को भूल गए. यदि आप किसी का तिरस्कार करते हैं, तो आपके साथ भी जैसे को तैसा होगा.'

पढ़ें - प.बंगाल : ममता ने किया 69 स्थानों पर दुर्गापूजा का ऑनलाइन उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी की मौत टीबी से होती है, तो 'यह लोग पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पर उंगली उठाएंगे. वह कहेंगे कि मौत (राजनीतिक) हिंसा के कारण हुई.' उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इस प्रकार की बातें की जा रही हैं.

धनखड़ ने गोराई के परिजन से मुलाकात के बाद कहा कि राज्य पुलिस 'आग के साथ खेल रही है'. उन्होंने बनर्जी से कानून एवं संविधान के अनुसार काम करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य पुलिस 'राजनीतिक कार्यकर्ताओं' की तरह काम नहीं कर सकती.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच रविवार को उस समय वाकयुद्ध शुरू हो गया, जब राज्यपाल ने राज्य पुलिस पर राजनीति से प्रेरित होने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग 'निहित राजनीतिक हितों के लिए पुलिस को बदनाम' कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक व्यक्ति की हिरासत में हुई मौत के मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया कि राज्य की राजनीतिक रूप से प्रेरित पुलिस शासन के हर क्षेत्र में दखल दे रही है. भाजपा का दावा है कि वह व्यक्ति उसका कार्यकर्ता था.

धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा कि पूर्वी मेदिनीपुर के कनकपुर गांव के निवासी मदन गोराई की मौत हिरासत में हुए 'अमानवीय अत्याचार, उत्पीड़न और मौत' की एक और घटना है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं.

धनखड़ ने कहा कि यह खुला रहस्य है कि राजनीतिक रूप से प्रेरित पुलिस शासन के हर क्षेत्र में दखल दे रही है और यह पुलिस की आदत बन गई है.

गोराई को अपहरण के एक मामले में 26 सितंबर को पूर्वी मेदिनीपुर के पताशपुर में गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस ने कहा है कि वह उसकी नहीं, बल्कि न्यायिक हिरासत में था जबकि भाजपा कह रही है कि उसे पुलिस हिरासत में रखा गया था.

धनखड़ ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा, 'यह सही समय है कि आप अपनी संवैधानिक शपथ को निभाएं, कानून का शासन लागू करें, राज्य में लोकतांत्रिक शासन सुनिश्चित करें और पुलिस एवं प्रशासन को 'राजनीतिक रूप से तटस्थ और जवाबदेह' बनाएं.'

इसके बाद, बनर्जी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि राज्य पुलिस और प्रशासन संकट से निपटने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें बदनाम कर रहे हैं.

बनर्जी ने स्पष्ट रूप से भाजपा नेताओं का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य पुलिस सरकार के साथ मिलकर भगवा दल के नेताओं की अप्राकृतिक मौत के हालिया मामलों के सबूत दबाने की कोशिश कर रही है.

बनर्जी ने यहां दिन में कई दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग केवल पुलिस बल और राज्य पर दोषारोपण करने और उन्हें नीचा दिखाने में विश्वास करते हैं.'

बनर्जी ने कहा, 'वे संकट के समय में, कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच और अन्य समय में भी पुलिस के किए काम को भूल गए. यदि आप किसी का तिरस्कार करते हैं, तो आपके साथ भी जैसे को तैसा होगा.'

पढ़ें - प.बंगाल : ममता ने किया 69 स्थानों पर दुर्गापूजा का ऑनलाइन उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी की मौत टीबी से होती है, तो 'यह लोग पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पर उंगली उठाएंगे. वह कहेंगे कि मौत (राजनीतिक) हिंसा के कारण हुई.' उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इस प्रकार की बातें की जा रही हैं.

धनखड़ ने गोराई के परिजन से मुलाकात के बाद कहा कि राज्य पुलिस 'आग के साथ खेल रही है'. उन्होंने बनर्जी से कानून एवं संविधान के अनुसार काम करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य पुलिस 'राजनीतिक कार्यकर्ताओं' की तरह काम नहीं कर सकती.

Last Updated : Oct 19, 2020, 7:15 AM IST
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