महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के चंद्रपुर स्थिल ढ़ाबा गांव में भक्तों की आस्था और श्रद्धा कुछ इस प्रकार देखने को मिली है. यहां भक्त नंगे पांव कोयले में चलते दिखाई दिए.
गौरतलब है कि इस अग्निकुंड प्रभावली कार्यक्रम में बूढ़े,बच्चे, पुरुष और महिलाएं सभी भाग लेते हैं.
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महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों से भक्त इस कार्यक्रम को देखने आते हैं.
बता दें कि ढ़ाबा गांव में संत परमहंस कोंडाया महाराज यात्रा महोत्सव चल रहा है,और इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण 'अग्निकुंड प्रभावली' कार्यक्रम है.
बता दें सबसे पहले लकड़ी को जलाया जाता है और फिर कोयले की पूजा की जाती है.
वहीं आधी रात से शुरू होने वाला यह कार्यक्रम तब तक जारी रहता है जब तक आग बुझ नही जाती. भक्तों का विश्वास है कि, जलते कोयले पर चलने से शारीरिक और मानसिक पवित्रता मिलती है.