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महाराष्ट्र : किसानों को वित्तीय मदद मुहैया कराने पर कार्यवाहक सीएम राजी - शिवसेना - shivsena on farmers

शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार से बेमौसम बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर भूमि की तत्काल सहायता देने की घोषणा की करने की मांग की. बता दें कि राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह बेमौसम बरसात से प्रभावित किसानों को तत्काल वित्तीय सहायता देने के लिए विशेष प्रावधान के तौर पर 10,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी. पढ़ें पूरा विवरण...

शिवसेना के मंत्री रामदास कदम
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Published : Nov 6, 2019, 11:22 PM IST

मुंबई : शिवसेना ने बेमौसम बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर भूमि की तत्काल सहायता देने की घोषणा करने की महाराष्ट्र सरकार से मांग की और कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस पर राजी हो गये हैं.

राज्य के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने बुधवार को फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद कहा, 'हम उद्धव जी (शिवसेना प्रमुख) के निर्देशों पर बैठक में शामिल हुए. शिवसेना ने किसानों के लिए तत्काल वित्तीय सहायता के तौर पर 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की मांग की है. कार्यवाहक मुख्यमंत्री इसपर राजी हो गये.'

गौरतलब है कि इस बैठक में कदम व एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के छह मंत्री शामिल हुए. कयास लगाये जा रहे थे कि यह सरकार गठन को लेकर यह बैठक हुई, लेकिन शिवसेना ने स्पष्ट किया कि किसानों की समस्याओं को लेकर यह बैठक थी.

पढे़ं : राजस्थान में भी कर्नाटक की तरह भाजपा बना सकती है सरकार : रामदास अठावले

कदम ने बताया कि 19 लाख हेक्टेयर पर कपास और 18 लाख हेक्टेयर पर सोयाबीन समेत 70 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसल बर्बाद हो गयी. उन्होंने बताया कि कोंकण क्षेत्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं की मरम्मत और किसानों को धान की खेती के लिए मुआवजा भी दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि शिवसेना के मंत्रियों ने किसानों से कर्ज वसूली और बिजली के बिलों का भुगतान रोकने की भी मांग की. साथ ही उन्होंने ये भी कहा, 'किसानों को रबी फसल तैयार करने में मदद मुहैया करानी चाहिए.'

इस बीच, राज्य के वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि बेमौसम बरसात से 70 लाख हेक्टेयर की भूमि पर फसल बर्बाद हो गई है और 60 लाख हेक्टेयर भूमि पर नुकसान का आकलन पूरा कर लिया गया है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 14 जिलों में दो रुपये और तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से क्रमश: चावल और गेहूं की आपूर्ति कर रही है. मंत्री ने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो हम अन्य जिलों में भी इस योजना का विस्तार कर सकते हैं, जो बेमौसम बरसात से प्रभावित हैं.'

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह बेमौसम बरसात से प्रभावित किसानों को तत्काल वित्तीय सहायता देने के लिए विशेष प्रावधान के तौर पर 10,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी.

शिवसेना ने इसे अपर्याप्त करार देते हुए 25,000 करोड़ रुपये से 30,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की है.

मुंबई : शिवसेना ने बेमौसम बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर भूमि की तत्काल सहायता देने की घोषणा करने की महाराष्ट्र सरकार से मांग की और कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस पर राजी हो गये हैं.

राज्य के पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने बुधवार को फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद कहा, 'हम उद्धव जी (शिवसेना प्रमुख) के निर्देशों पर बैठक में शामिल हुए. शिवसेना ने किसानों के लिए तत्काल वित्तीय सहायता के तौर पर 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की मांग की है. कार्यवाहक मुख्यमंत्री इसपर राजी हो गये.'

गौरतलब है कि इस बैठक में कदम व एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के छह मंत्री शामिल हुए. कयास लगाये जा रहे थे कि यह सरकार गठन को लेकर यह बैठक हुई, लेकिन शिवसेना ने स्पष्ट किया कि किसानों की समस्याओं को लेकर यह बैठक थी.

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कदम ने बताया कि 19 लाख हेक्टेयर पर कपास और 18 लाख हेक्टेयर पर सोयाबीन समेत 70 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसल बर्बाद हो गयी. उन्होंने बताया कि कोंकण क्षेत्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं की मरम्मत और किसानों को धान की खेती के लिए मुआवजा भी दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि शिवसेना के मंत्रियों ने किसानों से कर्ज वसूली और बिजली के बिलों का भुगतान रोकने की भी मांग की. साथ ही उन्होंने ये भी कहा, 'किसानों को रबी फसल तैयार करने में मदद मुहैया करानी चाहिए.'

इस बीच, राज्य के वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि बेमौसम बरसात से 70 लाख हेक्टेयर की भूमि पर फसल बर्बाद हो गई है और 60 लाख हेक्टेयर भूमि पर नुकसान का आकलन पूरा कर लिया गया है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 14 जिलों में दो रुपये और तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से क्रमश: चावल और गेहूं की आपूर्ति कर रही है. मंत्री ने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो हम अन्य जिलों में भी इस योजना का विस्तार कर सकते हैं, जो बेमौसम बरसात से प्रभावित हैं.'

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह बेमौसम बरसात से प्रभावित किसानों को तत्काल वित्तीय सहायता देने के लिए विशेष प्रावधान के तौर पर 10,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी.

शिवसेना ने इसे अपर्याप्त करार देते हुए 25,000 करोड़ रुपये से 30,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की है.

Intro:नई दिल्ली। जमीअत-उलेमा ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने आज यहां कहा कि बाबरी मस्जिद कानून और न्याय की दृष्टि में एक मस्जिद थी और करीब 400 वर्षों से बाबरी मस्जिद एक मस्जिद थी इसलिए वह आज भी शरिया के अनुसार एक मस्जिद है और कयामत तक मस्जिद रहेगी।

अरशद मदनी ने हालांकि यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद कहा है यह मामला एकमात्र मालिकाना मामला है और हम इस बारे में अपने पुराने दृष्टिकोण पर कायम है सबूतों साक्ष्यों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा वह हमें स्वीकार होगा। मदनी ने इसके साथ ही सभी नागरिकों से विशेषकर मुस्लिम समाज से यह अपील की है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय जो भी हो वह उसका सम्मान करें।




Body:जमीअत-उलेमा ए-हिंद के अध्यक्ष ने कहा कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद न सिर्फ मुस्लिम बल्कि आरएसएस के मोहन भागवत ने भी सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है और इसपर हम सब एक साथ हैं।


अरशद मदनी ने यह भी बयान दिया कि मुसलमानों का दृष्टिकोण पूरी तरह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को ध्वस्त कर या किसी मंदिर की जगह पर नहीं किया गया है।





Conclusion:अरशद मदनी नहीं इसी के साथ मामले सिंह की घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि कोलकाता, मध्य प्रदेश जैसे गैर बीजेपी शासित राज्यों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं कम है जबकि उत्तर प्रदेश और कई बीजेपी शासित राज्यों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं ज्यादा हैं क्योंकि इन राज्यों में लिंचिंग को लेकर किसी तरीके का कानून नहीं बना है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है और सभी राज्यों में मॉब लिंचिंग को लेकर कानून बने ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी तरीके की घटना न हो।
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