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सिर्फ आरक्षण से किसी समुदाय का विकास सुनिश्चित नहीं हो सकता है : गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आरक्षण के विषय पर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोटा प्रणाली से पिछड़े लोगों का पूरा विकास नहीं किया जा सकता है.

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Published : Sep 16, 2019, 9:06 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 9:17 PM IST

नितिन गडकरी.

नागपुर: केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय के लोगों के विकास के लिये आरक्षण जरूरी है. लेकिन सिर्फ कोटा प्रणाली से ही उनका सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित नहीं हो सकता है. उन्होंने शिक्षा, सामाजिक एवं आर्थिक कदमों से समुदाय के विकास पर जोर दिया.

गडकरी ने जातिगत विचार से ऊपर उठकर नेतृत्व की बात की और 'कभी अपनी जाति का सहारा नहीं लेने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की.'

केंद्रीय मंत्री ने महात्मा फुले शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित 'अखिल भारतीय माली समाज महाअधिवेशन' में आये लोगों को संबोधित किया.

इससे पहले कार्यक्रम में माली समुदाय के नेताओं ने अपने समाज के लोगों का और अधिक प्रतिनिधित्व तथा उनके लिये चुनाव में टिकट समेत अन्य चीजों की मांग की. यह समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है.

बाद में गडकरी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हर समुदाय से आम तौर पर ऐसी मांगें सामने आती हैं और इस तरह के दावों से परे हटकर सोचना चाहिए.

भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर महसूस किया है कि समुदाय से अधिक से अधिक मंत्रियों के होने का यह मतलब नहीं है कि उक्त सामाजिक समूह के लोग अधिक प्रगति करेंगे.

गडकरी ने कहा, 'जब लोग अपने काम के आधार पर टिकट पाने में नाकाम रहते हैं तो वे जाति का कार्ड खेलते हैं.'

उन्होंने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि क्या जॉर्ज फर्नांडीस (पूर्व केंद्रीय मंत्री) का संबंध किसी जाति से था? वह किसी जाति से संबंधित नहीं थे... वह ईसाई थे. क्या इंदिरा गांधी जाति के आधार पर सत्ता में आयीं?'

उन्होंने कहा, 'क्या अशोक गहलोत आपकी जाति से है? लेकिन वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने जब अन्य जाति के लोगों ने उनकी मदद की.'

उन्होंने कहा, 'लोगों ने मुझे बताया कि महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए, मैंने कहा, 'जी हां उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए.' लेकिन, मैंने उनसे पूछा कि क्या इंदिरा गांधी को आरक्षण मिला था. कई साल तक उन्होंने देश पर शासन किया और लोकप्रिय बनीं.'

गडकरी ने कहा, 'इसी तरह से वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज (भाजपा नेता) को क्या आरक्षण मिला था?'

केंद्रीय मंत्री ने किसी समुदाय से बेहतर और दूरदर्शी नेतृत्व को बढ़ावा देने पर जोर दिया ताकि उस समुदाय के लोग सफलता के पथ पर आगे बढ़ सकें.

उन्होंने कहा, 'आरक्षण दिया जाना चाहिए लेकिन उन लोगों को जो शोषित-पीड़ित, दलित, समाज में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े हैं.'

पढ़ें: सरायकेलाः तालाब में मोती की खेती, ढाई लाख की लागत, 20 लाख रुपए सालाना कमाई

उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर कोई यह सोचता है कि सिर्फ आरक्षण से किसी समुदाय का सम्पूर्ण विकास होगा तो यह सच नहीं है. जिस समुदाय को अत्यधिक आरक्षण मिलता है - वे विकास करते हैं, यह सोच भी सही नहीं है.'

गडकरी ने कहा, 'राजनीति में जो अच्छा काम करता है, उसे वोट के लिये पूछना नहीं पड़ता है क्योंकि उसे वोट स्वाभाविक रूप से मिलते हैं.'

गडकरी ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने कभी अपनी जाति के बारे में बात नहीं की. मैं वाकई में मोदीजी की प्रशंसा करता हूं. आज तक नरेंद्र मोदी ने कभी नहीं कहा कि मैं पिछड़े समुदाय से हूं.'

सम्मेलन में माली समुदाय के नेताओं ने गडकरी से अनुरोध किया कि वे महाराष्ट्र के महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को 'भारतरत्न' दिलवाने के लिये जोर दें. गडकरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से इस संबंध में बात करेंगे.

नागपुर: केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय के लोगों के विकास के लिये आरक्षण जरूरी है. लेकिन सिर्फ कोटा प्रणाली से ही उनका सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित नहीं हो सकता है. उन्होंने शिक्षा, सामाजिक एवं आर्थिक कदमों से समुदाय के विकास पर जोर दिया.

गडकरी ने जातिगत विचार से ऊपर उठकर नेतृत्व की बात की और 'कभी अपनी जाति का सहारा नहीं लेने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की.'

केंद्रीय मंत्री ने महात्मा फुले शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित 'अखिल भारतीय माली समाज महाअधिवेशन' में आये लोगों को संबोधित किया.

इससे पहले कार्यक्रम में माली समुदाय के नेताओं ने अपने समाज के लोगों का और अधिक प्रतिनिधित्व तथा उनके लिये चुनाव में टिकट समेत अन्य चीजों की मांग की. यह समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है.

बाद में गडकरी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हर समुदाय से आम तौर पर ऐसी मांगें सामने आती हैं और इस तरह के दावों से परे हटकर सोचना चाहिए.

भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर महसूस किया है कि समुदाय से अधिक से अधिक मंत्रियों के होने का यह मतलब नहीं है कि उक्त सामाजिक समूह के लोग अधिक प्रगति करेंगे.

गडकरी ने कहा, 'जब लोग अपने काम के आधार पर टिकट पाने में नाकाम रहते हैं तो वे जाति का कार्ड खेलते हैं.'

उन्होंने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि क्या जॉर्ज फर्नांडीस (पूर्व केंद्रीय मंत्री) का संबंध किसी जाति से था? वह किसी जाति से संबंधित नहीं थे... वह ईसाई थे. क्या इंदिरा गांधी जाति के आधार पर सत्ता में आयीं?'

उन्होंने कहा, 'क्या अशोक गहलोत आपकी जाति से है? लेकिन वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने जब अन्य जाति के लोगों ने उनकी मदद की.'

उन्होंने कहा, 'लोगों ने मुझे बताया कि महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए, मैंने कहा, 'जी हां उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए.' लेकिन, मैंने उनसे पूछा कि क्या इंदिरा गांधी को आरक्षण मिला था. कई साल तक उन्होंने देश पर शासन किया और लोकप्रिय बनीं.'

गडकरी ने कहा, 'इसी तरह से वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज (भाजपा नेता) को क्या आरक्षण मिला था?'

केंद्रीय मंत्री ने किसी समुदाय से बेहतर और दूरदर्शी नेतृत्व को बढ़ावा देने पर जोर दिया ताकि उस समुदाय के लोग सफलता के पथ पर आगे बढ़ सकें.

उन्होंने कहा, 'आरक्षण दिया जाना चाहिए लेकिन उन लोगों को जो शोषित-पीड़ित, दलित, समाज में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े हैं.'

पढ़ें: सरायकेलाः तालाब में मोती की खेती, ढाई लाख की लागत, 20 लाख रुपए सालाना कमाई

उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर कोई यह सोचता है कि सिर्फ आरक्षण से किसी समुदाय का सम्पूर्ण विकास होगा तो यह सच नहीं है. जिस समुदाय को अत्यधिक आरक्षण मिलता है - वे विकास करते हैं, यह सोच भी सही नहीं है.'

गडकरी ने कहा, 'राजनीति में जो अच्छा काम करता है, उसे वोट के लिये पूछना नहीं पड़ता है क्योंकि उसे वोट स्वाभाविक रूप से मिलते हैं.'

गडकरी ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने कभी अपनी जाति के बारे में बात नहीं की. मैं वाकई में मोदीजी की प्रशंसा करता हूं. आज तक नरेंद्र मोदी ने कभी नहीं कहा कि मैं पिछड़े समुदाय से हूं.'

सम्मेलन में माली समुदाय के नेताओं ने गडकरी से अनुरोध किया कि वे महाराष्ट्र के महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को 'भारतरत्न' दिलवाने के लिये जोर दें. गडकरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से इस संबंध में बात करेंगे.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 20:27 HRS IST




             
  • सिर्फ आरक्षण से किसी समुदाय का विकास सुनिश्चित नहीं हो सकता है : गडकरी



नागपुर (महाराष्ट्र), 16 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय के लोगों के विकास के लिये आरक्षण जरूरी है लेकिन सिर्फ कोटा प्रणाली से ही उनका सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित नहीं हो सकता है।



उन्होंने शिक्षा, सामाजिक एवं आर्थिक कदमों से समुदाय के विकास पर जोर दिया।



गडकरी ने जातिगत विचार से ऊपर उठकर नेतृत्व की बात की और ‘‘कभी अपनी जाति का सहारा नहीं लेने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की।’’



केंद्रीय मंत्री ने महात्मा फुले शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीय माली समाज महाअधिवेशन’ में आये लोगों को संबोधित किया।



इससे पहले कार्यक्रम में माली समुदाय के नेताओं ने अपने समाज के लोगों का और अधिक प्रतिनिधित्व तथा उनके लिये चुनाव में टिकट समेत अन्य चीजों की मांग की। यह समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है।



बाद में गडकरी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हर समुदाय से आम तौर पर ऐसी मांगें सामने आती हैं और इस तरह के दावों से परे हटकर सोचना चाहिए।



भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर महसूस किया है कि समुदाय से अधिक से अधिक मंत्रियों के होने का यह मतलब नहीं है कि उक्त सामाजिक समूह के लोग अधिक प्रगति करेंगे।



गडकरी ने कहा, ‘‘जब लोग अपने काम के आधार पर टिकट पाने में नाकाम रहते हैं तो वे जाति का कार्ड खेलते हैं।’’



उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं कि क्या जॉर्ज फर्नांडीस (पूर्व केंद्रीय मंत्री) का संबंध किसी जाति से था? वह किसी जाति से संबंधित नहीं थे... वह ईसाई थे। क्या इंदिरा गांधी जाति के आधार पर सत्ता में आयीं?’’



उन्होंने कहा, ‘‘क्या अशोक गहलोत आपकी जाति से है? लेकिन वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने जब अन्य जाति के लोगों ने उनकी मदद की।’’



उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने मुझे बताया कि महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए, मैंने कहा, ‘जी हां उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए।’ लेकिन, मैंने उनसे पूछा कि क्या इंदिरा गांधी को आरक्षण मिला था। कई साल तक उन्होंने देश पर शासन किया और लोकप्रिय बनीं।’’



गडकरी ने कहा, ‘‘इसी तरह से वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज (भाजपा नेता) को क्या आरक्षण मिला था?’’



केंद्रीय मंत्री ने किसी समुदाय से बेहतर और दूरदर्शी नेतृत्व को बढ़ावा देने पर जोर दिया ताकि उस समुदाय के लोग सफलता के पथ पर आगे बढ़ सकें।



उन्होंने कहा, ‘‘आरक्षण दिया जाना चाहिए लेकिन उन लोगों को जो शोषित-पीड़ित, दलित, समाज में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े हैं।’’



उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर कोई यह सोचता है कि सिर्फ आरक्षण से किसी समुदाय का सम्पूर्ण विकास होगा तो यह सच नहीं है। जिस समुदाय को अत्यधिक आरक्षण मिलता है - वे विकास करते हैं, यह सोच भी सही नहीं है।’’



गडकरी ने कहा, ‘‘राजनीति में जो अच्छा काम करता है, उसे वोट के लिये पूछना नहीं पड़ता है क्योंकि उसे वोट स्वाभाविक रूप से मिलते हैं।’’



गडकरी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने कभी अपनी जाति के बारे में बात नहीं की। मैं वाकई में मोदीजी की प्रशंसा करता हूं। आज तक नरेंद्र मोदी ने कभी नहीं कहा कि मैं पिछड़े समुदाय से हूं।’’



सम्मेलन में माली समुदाय के नेताओं ने गडकरी से अनुरोध किया कि वे महाराष्ट्र के महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को ‘भारतरत्न’ दिलवाने के लिये जोर दें।



गडकरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से इस संबंध में बात करेंगे।

 


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Last Updated : Sep 30, 2019, 9:17 PM IST
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