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भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की राज्यसभा में उठी मांग

शनिवार को सदन में राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने शून्यकाल में भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग का मुद्दा उठाते हुए सरकार से तत्काल इस विधेयक को लाने की अपील की.

rajya sabh
नीरज शेखर
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Published : Sep 19, 2020, 1:24 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा में शनिवार को भाजपा के एक सदस्य ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग करते हुए कहा कि करीब 50 साल से की जा रही इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार को तत्काल विधेयक लाना चाहिए.

सांसद नीरज शेखर ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में भोजपुरी बोलने वालों की संख्या करीब 20 करोड़ है और विदेशों में करीब आठ करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं.

पढ़ें: देश में 24 लाख टीबी के मरीज, बीमारी पर ध्यान दे सरकार : केजे अल्फोंस

उन्होंने कहा कि मॉरीशस, सूरीनाम, नेपाल और युगांडा में तो भोजपुरी भाषा बोलने वालों की बहुतायत है. मॉरीशस और नेपाल में इस भाषा को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है.

शेखर ने कहा कि भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में डाले जाने की मांग 1969 से की जा रही है. सरकार को चाहिए कि पिछले करीब 50 साल से चली आ रही इस मांग को पूरा करने के लिए वह तत्काल एक विधेयक लाएं.

नई दिल्ली : राज्यसभा में शनिवार को भाजपा के एक सदस्य ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग करते हुए कहा कि करीब 50 साल से की जा रही इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार को तत्काल विधेयक लाना चाहिए.

सांसद नीरज शेखर ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में भोजपुरी बोलने वालों की संख्या करीब 20 करोड़ है और विदेशों में करीब आठ करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं.

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उन्होंने कहा कि मॉरीशस, सूरीनाम, नेपाल और युगांडा में तो भोजपुरी भाषा बोलने वालों की बहुतायत है. मॉरीशस और नेपाल में इस भाषा को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है.

शेखर ने कहा कि भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में डाले जाने की मांग 1969 से की जा रही है. सरकार को चाहिए कि पिछले करीब 50 साल से चली आ रही इस मांग को पूरा करने के लिए वह तत्काल एक विधेयक लाएं.

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