अगरतला : दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा को' पूर्वनियोजित षडयंत्र बताते हुए त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने हिंसा से प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के लिए एक अभियान शुरू किया. सरकार ने दंगा पीड़ितों की मदद करने की अपील करते हुए हिंसा से निपटने में प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए. इस हिंसा में कम से कम 53 लोग मारे गए थे.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा, उपद्रवियों को दिल्ली के बाहर से लाया गया था. उन्होंने कई घरों और दुकानों में तोड़-फोड़ की और उन्हें बर्बाद कर दिया.
यह सांप्रदायिक हिंसा से भड़का पूर्व नियोजित षड्यंत्र था.
राज्य में विपक्ष के नेता ने कहा, 'मैं सभी से दंगा पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने की अपील करता हूं.सरकार ने आरोप लगाया कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ गंभीर कदम नहीं उठाए गए.
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पार्टी के नेताओं ने बताया कि माकपा कार्यकर्ताओं की तरफ से चलाया जा रहा कोष संग्रह का यह अभियान अगले कुछ दिनों तक पूरे राज्य में जारी रहेगा.
दिल्ली में 24 फरवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चले दंगों में कम से कम 200 लोग घायल हुए, सैकड़ों विस्थापित हो गए और कई कारोबार बर्बाद हो गए.
करीब 700 मामले दर्ज किए गए और करीब 2,400 लोगों को या तो हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया. इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि हिंसा में 79 घर और 327 दुकानें पूरी तरह जल गईं थी.