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दिल्ली में वायु गुणवत्ता पिछले तीन साल में सबसे खराब स्तर पर - PK mishra on pollution

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर तीन साल में सबसे खराब स्तर पर है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 494 दर्ज किया गया. पढ़ें पूरी खबर...

प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Nov 3, 2019, 11:54 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण का स्तर रविवार को तीन साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया. इसके कारण परेशानी झेल रहे सैकड़ों लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इच्छा व्यक्त की कि वे खराब वायु गुणवत्ता के कारण शहर छोड़कर जाना चाहते हैं.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 494 दर्ज किया गया जो छह नवंबर 2016 के बाद से सर्वाधिक है. उस दिन एक्यूआई 497 था.

दिल्ली के 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 21 में एक्यूआई 490 से 500 के बीच दर्ज किया गया. आया नगर, अशोक विहार, आनंद विहार और अरविंदो मार्ग में शाम सात बजे वायु गुणवत्ता सर्वाधिक खराब दर्ज की गई.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक्यूआई फरीदाबाद में 493, नोएडा में 494, गाजियाबाद में 499, ग्रेटर नोएडा में 488 और गुड़गांव में 479 रहा.

सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी इकाई 'सफर' ने बताया कि शहर का समग्र एक्यूआई शाम करीब पांच बजे सर्वाधिक 708 पर पहुंच गया जो कि शून्य से 50 के सुरक्षित स्तर से 14 गुणा अधिक है.

एक्यूआई 0-50 के बीच 'अच्छा', 51-100 के बीच 'संतोषजनक', 101-200 के बीच 'मध्यम', 201-300 के बीच 'खराब', 301-400 के बीच 'अत्यंत खराब', 401-500 के बीच 'गंभीर' और 500 के पार 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

शनिवार को कहीं-कहीं हुई बारिश से आर्द्रता बढ़ गई जिसकी वजह से धुंध और बादलों के कारण सूर्य की किरणों की गर्मी जमीन तक नहीं पहुंच सकी और विनाशकारी धुंध बढ़ गई.

दिल्ली हवाईअड्डे पर धुंध के कारण कम दृश्यता की वजह से 37 विमानों का मार्ग परिवर्तित करके उन्हें अन्य हवाईअड्डों पर भेजना पड़ा.

प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाने के कारण गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव एवं फरीदाबाद में प्रशासनों ने पांच नवंबर तक सभी सरकारी एवं निजी स्कूल बंद करने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार शुक्रवार को ही पांच नवंबर तक स्कूल बंद रखे जाने का आदेश दे चुकी है.

मौसम की जानकारी देने वाली निजी कंपनी 'स्काईमैट वेदर' के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक महेश पलावत ने कहा, 'रविवार को वायु की गति काफी बढ़ गई थी, लेकिन कहीं-कहीं बारिश के बाद आर्दता बढ़ने के कारण धुंध और छाए बादलों ने सूर्य की किरणों को जमीन पर नहीं पहुंचने दिया. इसके परिणामस्वरूप जमीन के निकट वायु ठंडी एवं भारी रही.'

नासा के उपग्रह से ली गई तस्वीरों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार के अलावा झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में धुंध की चादर छाई हुई है.

मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि यदि बारिश नहीं होती है तो हालात में खास सुधार की उम्मीद नहीं है. पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात 'महा' के कारण सात और आठ नवंबर को बारिश हो सकती है.

ट्विटर पर रविवार को 'दिल्लीबचाओ' और 'दिल्लीएयरइमरजेंसी' हैशटैग ट्रेंड करते रहे और सैकड़ों लोगों ने हालात सुधरने तक एनसीआर से बाहर जाने की इच्छा जताई.

कई लोगों ने खिलाड़ियों एवं हजारों दर्शकों के स्वास्थ्य की चिंताओं को नजरअंदाज कर फिरोज शाह कोटला मैदान में पहला भारत-बांग्लादेश टी-20 मैच कराने के फैसले को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की निंदा की.

रविवार को जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली और एनसीआर के 40 प्रतिशत से अधिक निवासी शहर छोड़ कर कहीं और बसना चाहते हैं जबकि 16 प्रतिशत निवासियों ने इस दौरान शहर से बाहर जाने की इच्छा प्रकट की.

दिल्ली और एनसीआर के 17,000 निवासियों ने इस सर्वेक्षण में हिस्सा लिया.

पढ़ें-PM के प्रधान सचिव ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर की हाई लेवल मीटिंग

पर्यावरणविदों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वे 'बच्चों, बुजुर्गों समेत प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित लोगों को' बचाएं.

केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति पर प्रतिदिन नजर रखेंगे. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता में रविवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया.

मिश्रा ने राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न हालात की समीक्षा की.

एक बयान के अनुसार बैठक में दिल्ली के अधिकरियों के अलावा पंजाब और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये हिस्सा लिया.

नई दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण का स्तर रविवार को तीन साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया. इसके कारण परेशानी झेल रहे सैकड़ों लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इच्छा व्यक्त की कि वे खराब वायु गुणवत्ता के कारण शहर छोड़कर जाना चाहते हैं.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 494 दर्ज किया गया जो छह नवंबर 2016 के बाद से सर्वाधिक है. उस दिन एक्यूआई 497 था.

दिल्ली के 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 21 में एक्यूआई 490 से 500 के बीच दर्ज किया गया. आया नगर, अशोक विहार, आनंद विहार और अरविंदो मार्ग में शाम सात बजे वायु गुणवत्ता सर्वाधिक खराब दर्ज की गई.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक्यूआई फरीदाबाद में 493, नोएडा में 494, गाजियाबाद में 499, ग्रेटर नोएडा में 488 और गुड़गांव में 479 रहा.

सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी इकाई 'सफर' ने बताया कि शहर का समग्र एक्यूआई शाम करीब पांच बजे सर्वाधिक 708 पर पहुंच गया जो कि शून्य से 50 के सुरक्षित स्तर से 14 गुणा अधिक है.

एक्यूआई 0-50 के बीच 'अच्छा', 51-100 के बीच 'संतोषजनक', 101-200 के बीच 'मध्यम', 201-300 के बीच 'खराब', 301-400 के बीच 'अत्यंत खराब', 401-500 के बीच 'गंभीर' और 500 के पार 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

शनिवार को कहीं-कहीं हुई बारिश से आर्द्रता बढ़ गई जिसकी वजह से धुंध और बादलों के कारण सूर्य की किरणों की गर्मी जमीन तक नहीं पहुंच सकी और विनाशकारी धुंध बढ़ गई.

दिल्ली हवाईअड्डे पर धुंध के कारण कम दृश्यता की वजह से 37 विमानों का मार्ग परिवर्तित करके उन्हें अन्य हवाईअड्डों पर भेजना पड़ा.

प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाने के कारण गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव एवं फरीदाबाद में प्रशासनों ने पांच नवंबर तक सभी सरकारी एवं निजी स्कूल बंद करने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार शुक्रवार को ही पांच नवंबर तक स्कूल बंद रखे जाने का आदेश दे चुकी है.

मौसम की जानकारी देने वाली निजी कंपनी 'स्काईमैट वेदर' के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक महेश पलावत ने कहा, 'रविवार को वायु की गति काफी बढ़ गई थी, लेकिन कहीं-कहीं बारिश के बाद आर्दता बढ़ने के कारण धुंध और छाए बादलों ने सूर्य की किरणों को जमीन पर नहीं पहुंचने दिया. इसके परिणामस्वरूप जमीन के निकट वायु ठंडी एवं भारी रही.'

नासा के उपग्रह से ली गई तस्वीरों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार के अलावा झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में धुंध की चादर छाई हुई है.

मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि यदि बारिश नहीं होती है तो हालात में खास सुधार की उम्मीद नहीं है. पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात 'महा' के कारण सात और आठ नवंबर को बारिश हो सकती है.

ट्विटर पर रविवार को 'दिल्लीबचाओ' और 'दिल्लीएयरइमरजेंसी' हैशटैग ट्रेंड करते रहे और सैकड़ों लोगों ने हालात सुधरने तक एनसीआर से बाहर जाने की इच्छा जताई.

कई लोगों ने खिलाड़ियों एवं हजारों दर्शकों के स्वास्थ्य की चिंताओं को नजरअंदाज कर फिरोज शाह कोटला मैदान में पहला भारत-बांग्लादेश टी-20 मैच कराने के फैसले को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की निंदा की.

रविवार को जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली और एनसीआर के 40 प्रतिशत से अधिक निवासी शहर छोड़ कर कहीं और बसना चाहते हैं जबकि 16 प्रतिशत निवासियों ने इस दौरान शहर से बाहर जाने की इच्छा प्रकट की.

दिल्ली और एनसीआर के 17,000 निवासियों ने इस सर्वेक्षण में हिस्सा लिया.

पढ़ें-PM के प्रधान सचिव ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर की हाई लेवल मीटिंग

पर्यावरणविदों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वे 'बच्चों, बुजुर्गों समेत प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित लोगों को' बचाएं.

केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति पर प्रतिदिन नजर रखेंगे. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता में रविवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया.

मिश्रा ने राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न हालात की समीक्षा की.

एक बयान के अनुसार बैठक में दिल्ली के अधिकरियों के अलावा पंजाब और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये हिस्सा लिया.

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URG GEN NAT
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DL-LD POLLUTION
Delhi records poorest air quality in 3 years, Cabinet Secy to monitor situation daily; odd even kicks in Monday
(Eds: Incorporating related stories)
         New Delhi, Nov 3 (PTI) Pollution level in Delhi peaked to a three-year high on Sunday notwithstanding claims of heightened checks and curbs by authorities, while the Centre reviewed the situation with the governments of Delhi, Haryana and Punjab and announced that Cabinet Secretary Rajiv Gauba would monitor it on a daily basis.
          After Delhi, all schools up to Class 12 were also closed in the National Capital Region till Tuesday following spike in pollution level. The heavy smog also caused a major disruption at Delhi airport as 37 flights were diverted to other airports due to low visibility, officials said.
          According to the Central Pollution Control Board (CPCB), the national capital's 24-hour average air quality index (AQI) stood at 494 at 4 pm on Sunday, the highest since November 6, 2016 when it was 497.
          Twenty-one of the 37 air quality monitoring stations recorded AQI between 490 and 500 and air quality sensors at Aya Nagar, Ashok Vihar, Anand Vihar and Aurobindo Marg peaked out at 7 pm.
          The odd-even scheme road space rationing scheme will kick in from 8 am on Monday, with only even-numbered non-transport vehicles allowed on Delhi roads on the first day of the exercise.
          In the National Capital Region (NCR), Faridabad with AQI 493, Noida (494), Ghaziabad (499) and Greater Noida (488), Gurugram (479), also breathed extremely polluted air.
          The Ministry of Earth Sciences' air quality monitor, SAFAR, said the city's overall AQI reached as high as 708 around 5 pm, which is 14 times the safe level of 0-50.
          An AQI between 0-50 is considered 'good', 51-100 'satisfactory', 101-200 'moderate', 201-300 'poor', 301-400 'very poor' and 401-500 'severe'. An AQI above 500 falls in the 'severe plus' category.
          The apocalyptic haze stiffened its choke on Delhi and satellite towns as scattered rains on Saturday increased humidity, leading to smog. A cloud cover added to the woes.
          NASA satellite imagery showed vast swathes of the northern plains, covering Punjab, Haryana, Delhi, Uttar Pradesh, Bihar, and parts of Jharkhand and West Bengal, blanketed under a smoky haze.
          "Wind speed increased significantly on Sunday. But the smog, due to high humidity after scattered rains, and a cloud cover didn't let sun rays reach the ground. As a result, the air near the ground remained cold and heavy," Mahesh Palawat, a senior scientist at Skymet Weather, a private forecaster, explained.
          Weather experts said any significant improvement in the situation is highly unlikely unless there is rainfall, which may occur on November 7 and 8 under the influence of Cyclone Maha and a western disturbance.
          The spurt in pollution levels prompted the administrations in Ghaziabad, Noida, Greater Noida, Gurgaon and Faridabad to shut all government and private schools till November 5.
          The Delhi government had on Friday directed closure of schools till November 5 and banned construction activities after the Supreme Court-mandated Environment Pollution (Prevention and Control) Authority declared a public health emergency as air quality plummeted.
          On Twitter, hashtags 'DelhiBacho' and 'DelhiAirEmergency' trended for a major part of the day as hundreds of people said they wanted to leave the NCR till the situation ameliorates.
          Many also criticised the Board of Control for Cricket in India's (BCCI) decision to go ahead with the first India-Bangladesh T20 match at the Firoz Shah Kotla Grounds on Sunday evening, disregarding concerns about the health of players and thousands of spectators.
          "Delhi ppl should leave at least for 1-2 weeks.. It is painful to live," a Delhi resident tweeted. "I think it's time to leave Delhi. Went out for groceries and came back with eyes burning," another said.
          According to a survey released on Sunday, over 40 per cent residents of Delhi and NCR want to move to another city because of bad air quality while 16 per cent want to travel during the period. The survey involved 17,000 respondents from Delhi and NCR.
          A group of environmentalists wrote a letter to Prime Minister Narendra Modi requesting him to save "the children, the elderly and our most-vulnerable who suffer the worst effects of pollution".
          Meanwhile, P K Mishra, the principal secretary to the prime minister, reviewed the situation arising out of severe air pollution in the National Capital Region, and other parts of north India with senior officials from the states of Punjab, Haryana and Delhi, who joined through video-conferencing, according to a statement.
          Union Cabinet Secretary Rajiv Gauba will monitor the alarming pollution situation in Delhi and neighbouring states on a daily basis, it was decided at a high-level meeting held a day after the chief ministers of Delhi, Haryana and Punjab sought the Centre's intervention.
          Mishra reviewed the situation arising out of burning of stubble and wastes, construction activities, and industrial and vehicular pollution in the National Capital Region and other parts of north India, the statement said.
          The Delhi government issued a health advisory in view of the severe air pollution in the city and asked people to avoid outdoor activities as much as possible, especially during the morning and late evening hours.
          Delhi Congress president Subhash Chopra and several other leaders of the party were detained by the police during a protest at Chief Minister Arvind Kejriwal's residence against the high levels of air pollution in the city.
          Kejriwal said the issue of pollution should not be "politicised" and called on all neighbouring states and the Centre to "sit together" and deliberate on how to prevent stubble burning as the air quality in the national capital dipped to alarming levels.
          The Delhi chief minister said his government was not indulging in "blame game" but looking for solutions to pollution caused by stubble burning.
          "This matter should not be politicised. People of Delhi did everything they could to reduce pollution in the city but concrete steps have to be taken against stubble burning," he said in a video message.
          However, Punjab Chief Minister Amarinder Singh said his government has acted against nearly 3,000 farmers for burning stubble and accused Kejriwal of doing little beyond "playing" politics to address the problem.
          "Instead of addressing the problem, Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal is playing political games," said Singh, asking what the AAP leader has done on the ground to resolve the issue.
          The Uttar Pradesh government has warned against burning of garbage, polythene and stubble in the field.
          "Stubble burning in fields results in massive air pollution. Therefore, farmers should be encouraged and made aware of the consequences of burning straw in their fields. Officials should ensure straw is mixed in the soil to make compost," Chief Secretary Rajendra Kumar Tiwari said in a directive to officers concerned.
          Apart from this, arrangements should be made to ensure sprinkling of water at construction sites, he said.
          Officials said fines were being imposed on farmers who were found burning stubble. PTI GVS NSD KIS
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