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तबलीगी जमात मामला : 92 इंडोनेशियाई नागरिकों को मिली जमानत - इंडोनेशियाई नागरिकों को मिली जमानत

तबलीगी जमात मामले में 92 इंडोनेशियाई नागरिकों को दिल्ली की अदालत ने जमानत दे दी है. इन पर कथित रूप से वीजा नियमों का उल्लंघन कर धर्म प्रचार के कार्य में शामिल होने का आरोप है. पढ़ें विस्तार से...

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तबलीगी जमात मामला
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Published : Jul 16, 2020, 6:07 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 7:15 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने तबलीगी जमात में शामिल हुए 92 इंडोनेशियाई नागरिकों को जमानत दे दी है. इन पर कथित रूप से वीजा नियमों का उल्लंघन कर धर्म प्रचार के कार्य में शामिल होने और कोविड-19 के संबंध में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का आरोप है.

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सभी विदेशी नागरिकों को जमानत दे दी.

विदेशियों की ओर से पेश हुए वकीलों आशिमा मंडला, मंदाकिनी सिंह और फहीम खान ने बताया कि सभी आरोपी शुक्रवार को अपनी गलती स्वीकार करते हुए सजा कम करने का अनुरोध करने वाली अर्जी देंगे.

दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) ऐसे मामलों में अपनी गलती स्वीकार करते हुए सजा कम करने का अनुरोध करने की अनुमति देती है, जिनमें अधिकतम सजा सात साल कारावास हो, अपराध से समाज का सामाजिक-आर्थिक ताना-बाना प्रभावित ना हुआ हो और अपराध किसी महिला या 14 साल से कम आयु के बच्चे के खिलाफ ना किया गया हो.

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने तबलीगी जमात में शामिल हुए 92 इंडोनेशियाई नागरिकों को जमानत दे दी है. इन पर कथित रूप से वीजा नियमों का उल्लंघन कर धर्म प्रचार के कार्य में शामिल होने और कोविड-19 के संबंध में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का आरोप है.

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सभी विदेशी नागरिकों को जमानत दे दी.

विदेशियों की ओर से पेश हुए वकीलों आशिमा मंडला, मंदाकिनी सिंह और फहीम खान ने बताया कि सभी आरोपी शुक्रवार को अपनी गलती स्वीकार करते हुए सजा कम करने का अनुरोध करने वाली अर्जी देंगे.

दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) ऐसे मामलों में अपनी गलती स्वीकार करते हुए सजा कम करने का अनुरोध करने की अनुमति देती है, जिनमें अधिकतम सजा सात साल कारावास हो, अपराध से समाज का सामाजिक-आर्थिक ताना-बाना प्रभावित ना हुआ हो और अपराध किसी महिला या 14 साल से कम आयु के बच्चे के खिलाफ ना किया गया हो.

Last Updated : Jul 16, 2020, 7:15 PM IST
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