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दिल्ली के छात्र को 10 शीर्ष विश्वविद्यालयों से मिला इंटर्नशिप ऑफर - world famous universities

दिल्ली के इंजीनियरिंग छात्र अभिषेक अग्रहरी को 10 से अधिक विश्वविद्यालयों से इंटर्नशिप का प्रस्ताव मिला है. जहां कई छात्र जाने के लिए तरसते हैं, लेकिन शायद ही कभी मौका मिलता है. वह ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अगले साल जनवरी से इंटर्नशिप शुरू करेंगे.

Abhishek Agrahari
अभिषेक अग्रहरी
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Published : Oct 27, 2020, 11:54 PM IST

नई दिल्ली : हर छात्र का सपना होता है कि वह एक विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त करे, लेकिन रहने की लागत और अत्यधिक ट्यूशन फीस के कारण कुछ ही ऐसा करने में समक्ष होते हैं.

कभी-कभी, ये सपने कुछ शीर्ष विश्वविद्यालयों के चयन स्तर पर धराशायी हो जाते हैं, क्योंकि छात्र प्रसिद्ध संस्थानों से शिक्षा नहीं हासिल किए होते हैं.

हालांकि, एक भारतीय छात्र ने न केवल इन मानदंडों को तुच्छ साबित किया है, बल्कि 10 से अधिक विश्वविद्यालयों के साथ इंटर्न का प्रस्ताव हासिल किया. जहां कई स्कॉलर जाने के लिए तरसते हैं, लेकिन शायद ही कभी मौका मिलता है.

दिल्ली के इंजीनियरिंग के छात्र अभिषेक अग्रहरी को लंदन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और अमेरिका के पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी और इलिनोइस विश्वविद्यालय से इंटर्नशिप की पेशकश मिली है. जिससे वह काफी खुश हैं.

अग्रहरी ने बताया, 'बहुत अच्छा लगता है कि मुझे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव मिले. कड़ी मेहनत का आखिरकार फल मिला.'

अभिषेक अग्रहरी ने पहले गैस टरबाइन इंजन पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और फ्लूइड-स्ट्रक्चर इंट्रैक्शन पर आईआईटी बॉम्बे, और आईआईटी कानपुर में फ्लूइड डायनामिक्स पर काम किया.

20 वर्षीय अग्रहरी ने कहा कि रिसर्च ने मुझे शुरू से ही आकर्षित किया है, क्योंकि मुझे यह अनुसरण करना पसंद नहीं है कि मुख्यधारा में क्या किया गया है. मैं लगातार कुछ नया तलाशना चाहता था. मुझे तरल पदार्थ, ब्लैक होल जैसे विषयों पर शोध करना पसंद है.

अग्रहरी को लगता है कि डीआरडीओ और आईआईटी जैसे प्रमुख संगठनों के साथ काम करने के बाद, अब उनके लिए अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन का समय है.

उन्होंने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालय बुनियादी सुविधाओं और रिसर्च की गुणवत्ता के मामले में हम से थोड़े उन्नत हैं. इसके अलावा, आपको इंटरनेशनल एक्सपोजर मिलता है.

लेकिन यह सफलता उन्हें आसानी से नहीं मिली. उन्हें अपने स्नातक दिनों के दौरान और बाद में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वह एक गैर-आईआईटी कॉलेज से थे.

उन्होंने कहा कि वे (विश्वविद्यालय) निजी विश्वविद्यालयों से पढ़ाई करने वाले छात्रों को मौका देने के बजाय आईआईटी छात्रों पर आंख मूंदकर विश्वास करते हैं. पूरी प्रक्रिया मेरे लिए बहुत कठिन थी.

अग्रहरी ने कहा कि उन्हें अपने शोध के लिए अन्य स्रोतों से अध्ययन करना पड़ता है, क्योंकि जिन विषयों पर उनका ध्यान केंद्रित है, उन्हें स्नातक स्तर पर नहीं पढ़ाया जाता है.

नई दिल्ली : हर छात्र का सपना होता है कि वह एक विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त करे, लेकिन रहने की लागत और अत्यधिक ट्यूशन फीस के कारण कुछ ही ऐसा करने में समक्ष होते हैं.

कभी-कभी, ये सपने कुछ शीर्ष विश्वविद्यालयों के चयन स्तर पर धराशायी हो जाते हैं, क्योंकि छात्र प्रसिद्ध संस्थानों से शिक्षा नहीं हासिल किए होते हैं.

हालांकि, एक भारतीय छात्र ने न केवल इन मानदंडों को तुच्छ साबित किया है, बल्कि 10 से अधिक विश्वविद्यालयों के साथ इंटर्न का प्रस्ताव हासिल किया. जहां कई स्कॉलर जाने के लिए तरसते हैं, लेकिन शायद ही कभी मौका मिलता है.

दिल्ली के इंजीनियरिंग के छात्र अभिषेक अग्रहरी को लंदन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और अमेरिका के पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी और इलिनोइस विश्वविद्यालय से इंटर्नशिप की पेशकश मिली है. जिससे वह काफी खुश हैं.

अग्रहरी ने बताया, 'बहुत अच्छा लगता है कि मुझे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव मिले. कड़ी मेहनत का आखिरकार फल मिला.'

अभिषेक अग्रहरी ने पहले गैस टरबाइन इंजन पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और फ्लूइड-स्ट्रक्चर इंट्रैक्शन पर आईआईटी बॉम्बे, और आईआईटी कानपुर में फ्लूइड डायनामिक्स पर काम किया.

20 वर्षीय अग्रहरी ने कहा कि रिसर्च ने मुझे शुरू से ही आकर्षित किया है, क्योंकि मुझे यह अनुसरण करना पसंद नहीं है कि मुख्यधारा में क्या किया गया है. मैं लगातार कुछ नया तलाशना चाहता था. मुझे तरल पदार्थ, ब्लैक होल जैसे विषयों पर शोध करना पसंद है.

अग्रहरी को लगता है कि डीआरडीओ और आईआईटी जैसे प्रमुख संगठनों के साथ काम करने के बाद, अब उनके लिए अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन का समय है.

उन्होंने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालय बुनियादी सुविधाओं और रिसर्च की गुणवत्ता के मामले में हम से थोड़े उन्नत हैं. इसके अलावा, आपको इंटरनेशनल एक्सपोजर मिलता है.

लेकिन यह सफलता उन्हें आसानी से नहीं मिली. उन्हें अपने स्नातक दिनों के दौरान और बाद में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वह एक गैर-आईआईटी कॉलेज से थे.

उन्होंने कहा कि वे (विश्वविद्यालय) निजी विश्वविद्यालयों से पढ़ाई करने वाले छात्रों को मौका देने के बजाय आईआईटी छात्रों पर आंख मूंदकर विश्वास करते हैं. पूरी प्रक्रिया मेरे लिए बहुत कठिन थी.

अग्रहरी ने कहा कि उन्हें अपने शोध के लिए अन्य स्रोतों से अध्ययन करना पड़ता है, क्योंकि जिन विषयों पर उनका ध्यान केंद्रित है, उन्हें स्नातक स्तर पर नहीं पढ़ाया जाता है.

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