अमरावती : आंध्र प्रदेश के गोदावरी नदी में हुई एक नौका दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 तक पहुंच गई है. पुलिस ने कहा कि नदी में 315 फुट से अधिक की गहराई में जा चुकी नाव को ऊपर लाने में काफी मुश्किलें आ रही हैं.
बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि छह और शव बरामद होने के बाद मृतकों की संख्या 34 तक पहुंच गई है. अधिकारियों के मुताबिक मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है.
इससे पहले मंगलवार को पुलिस उप महानिरीक्षक मोहम्मद एहसान रजा ने कहा कि अब तक 19 शव बरामद किए गए हैं और कई लोगों के नाव के अंदर फंसे होने की आशंका है.
नौसेना और एनडीआरएफ के दक्ष गोताखोरों की टीम शवों की तलाश कर रही है. शवों को राजामहेंद्रवरम के सरकारी अस्पताल में रखा गया है. मुख्यमंत्री ने पूर्वी गोदावरी के जिला कलेक्टर मुरलीधर रेड्डी को हादसे की जांच करने का निर्देश दिया है.
रविवार को 'रॉयल वशिष्ठ' नामक नौका के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद आठ शव बरामद किये गये थे.
माना जा रहा है कि नौका किसी बड़ी चट्टान से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. घटना अमरावती से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर पूर्वी गोदावरी जिले में कछुलूर में हुई है.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण भी किया है.
नौका नदी में 300 फुट की गहराई में बरामद हुई है, हालांकि अधिकारी अब भी कछुलूर में घटनास्थल पर भारी क्रेनों और अन्य उपकरणों को लाने की कोशिश कर रहे हैं.
नौसेना के विशेषज्ञ गोताखोर और उत्तराखंड के विशेष गोताखोर सिर्फ 150 फुट तक जाने में सक्षम हैं. हादसे के बाद भारतीय नौसेना के एक यूएच 3एच हेलीकॉप्टर ने तलाश अभियान में हिस्सा लिया.
इसके बाद चेतक ने भी अभियान में हिस्सा लिया. तलाश अभियान में ओएनजीसी के एक हेलीकॉप्टर को भी सेवा में लगाया गया.
आठ नौकाओं में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और आंध्र प्रदेश आपदा प्रतिक्रिया एवं दमकल सेवा के कर्मियों ने इलाके में छानबीन की.
'रॉय वशिष्ठ' नौका के मालिक के. वेंकट रमण के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (ए) (लापरवाही से मौत) का आपराधिक मामला दर्ज किया गया है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच में यह पता चला कि भीषण बाढ़ के चलते नदी में नौका चलाने पर प्रतिबंध के बावजूद इस नौका का परिचालन हुआ. आंध्र प्रदेश सरकार ने बीते चार अगस्त को नदी में यात्री नौकाओं के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था.
बताया जाता है कि देवीपट्टनम पुलिस ने नौका संचालक को सेवा शुरू करने को लेकर चेतावनी भी दी थी लेकिन नौका संचालक ने इसका पालन नहीं किया और दावा किया कि उसके पास जरूरी लाइसेंस है.