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टॉपर बन गईं वसीमा शेख, अब डिप्टी कलेक्टर बनकर करेंगी परिवार का नाम रोशन

वसीमा शेख ने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर एक मिसाल पेश की है. वसीमा की मां घर-घर जाकर चूड़ियां बेचती हैं, जबकि उनका भाई ऑटो-रिक्शा चालक है. वसीमा की मां और भाई ने उनकी शिक्षा का पूरा खर्च उसी विकट परिस्थिति में उठाया. उनकी मेहनत और प्रयासों के कारण आज वसीमा डिप्टी कलेक्टर बनकर अपने गांव, परिवार और नारी समाज का नाम रौशन करेंगी. महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के एक छोटे से गांव में गरीबी और सामाजिक ताने-बाने को तोड़कर महाराष्ट्र सिविल सर्विस के महिला वर्ग में तीसरी रैंक लाने वाली लड़की की है यह कहानी.

वसीमा शेख
वसीमा शेख
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Published : Jun 27, 2020, 10:49 PM IST

नांदेड़ : महाराष्ट्र के नांदेड़ निवासी वसीमा शेख ने एक मिसाल कायम की है. वसीमा की मां घर-घर जाकर चूड़ियां बेचती हैं, जबकि उनका भाई ऑटो-रिक्शा चालक है. महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन (एमपीएससी) में महिला टॉपर्स की लिस्ट में तीसरा स्थान पाने वाली वसीमा शेख अब डिप्टी कलेक्टर बनेंगी. इस कारण उनका पूरा परिवार को गौरवान्वित हो रहा है.

नांदेड़ के सांगवी नाम के छोटे से गांव में पली बढ़ी वसीमा शेख के परिवार में चार बहनें, दो भाई और माता-पिता हैं. चूंकि वसीमा के पिता एक मानसिक बीमारी के कारण हालत ठीक नहीं है, यही वजह है कि उनकी मां गांव में घर-घर जाकर चूड़ियां बेचती हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उनका एक भाई पुणे में ऑटो रिक्शा चलाते हैं और दूसरे ने इमरान ने बी.एससी (विज्ञान की डिग्री) हासिल की, लेकिन उनके घर की हालत ठीक नहीं होने के कारण वह मजदूरी करने लगा. उन्होंने हर संभव कोशिश की कि वसीमा की शिक्षा के लिए किसी भी तरह आर्थिक दिक्कत न आए.

वसीमा की मां और भाई ने उनकी शिक्षा का पूरा खर्च उसी विकट परिस्थिति में उठाया. उनकी मेहनत और प्रयासों के कारण आज वसीमा डिप्टी कलेक्टर बनेंगी.

शिक्षा का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. प्रतिस्पर्धा के इस युग में, झुग्गी बस्ती में रहने वाली वसीमा ने दुनिया को दिखा दिया है कि मेहनत के आगे सबकुछ संभव है.

वसीमा की शैक्षणिक यात्रा ...

उन्होंने 7 वीं से 10 वीं कक्षा तक बाल ब्रह्मचारी स्कूल से पढ़ाई की.

11 वीं और 12 वीं में कंधार के प्रियदर्शनी गर्ल्स हाई स्कूल में शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने यशवंतराव चव्हाण ओपन विश्वविद्यालय में अध्ययन किया.

अखबारों में लोगों की सफलता की कहानियों को पढ़ने के बाद, वसीमा ने फैसला किया कि वह भी एमपीएससी की तैयारी करेगी. इसके वह पुणे चली गईं.

पढ़ें - जानिए झारखंड के 'आत्मनिर्भर' आरा-केरम गांव की कहानी

वसीमा 2018 में वसीमा ने MPSC परीक्षा की परीक्षा दी . उन्हें सेल्स टैक्स इंस्पेक्टर के पद के लिए चुना गया. वह नागपुर डिवीजन में कार्यरत है. लेकिन वसीमा का लक्ष्य बड़ा था. वह कोशिश करती रहीं और 2019 के परिणामों में बड़ी सफलता हासिल की. 8 जून को वसीमा ने लातूर जिले के जलकोट के हैदर शेख से शादी कर ली.

सफलता का श्रेय...

उन्होंने कहा, आप सभी मेरे परिवार के बारे में जानते हैं. मेरे पिता मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं. मेरी मां ने मुझे चूड़ियां बेचकर पढ़ाया. मेरा भाई ऑटो-रिक्शा चलाकर मेरी पढ़ाई-लिखाई में मदद की. शेख वसीमा ने कहा कि मेरी सारी सफलता का श्रेय मेरी मां और भाई को जाता है.

नांदेड़ : महाराष्ट्र के नांदेड़ निवासी वसीमा शेख ने एक मिसाल कायम की है. वसीमा की मां घर-घर जाकर चूड़ियां बेचती हैं, जबकि उनका भाई ऑटो-रिक्शा चालक है. महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन (एमपीएससी) में महिला टॉपर्स की लिस्ट में तीसरा स्थान पाने वाली वसीमा शेख अब डिप्टी कलेक्टर बनेंगी. इस कारण उनका पूरा परिवार को गौरवान्वित हो रहा है.

नांदेड़ के सांगवी नाम के छोटे से गांव में पली बढ़ी वसीमा शेख के परिवार में चार बहनें, दो भाई और माता-पिता हैं. चूंकि वसीमा के पिता एक मानसिक बीमारी के कारण हालत ठीक नहीं है, यही वजह है कि उनकी मां गांव में घर-घर जाकर चूड़ियां बेचती हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उनका एक भाई पुणे में ऑटो रिक्शा चलाते हैं और दूसरे ने इमरान ने बी.एससी (विज्ञान की डिग्री) हासिल की, लेकिन उनके घर की हालत ठीक नहीं होने के कारण वह मजदूरी करने लगा. उन्होंने हर संभव कोशिश की कि वसीमा की शिक्षा के लिए किसी भी तरह आर्थिक दिक्कत न आए.

वसीमा की मां और भाई ने उनकी शिक्षा का पूरा खर्च उसी विकट परिस्थिति में उठाया. उनकी मेहनत और प्रयासों के कारण आज वसीमा डिप्टी कलेक्टर बनेंगी.

शिक्षा का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. प्रतिस्पर्धा के इस युग में, झुग्गी बस्ती में रहने वाली वसीमा ने दुनिया को दिखा दिया है कि मेहनत के आगे सबकुछ संभव है.

वसीमा की शैक्षणिक यात्रा ...

उन्होंने 7 वीं से 10 वीं कक्षा तक बाल ब्रह्मचारी स्कूल से पढ़ाई की.

11 वीं और 12 वीं में कंधार के प्रियदर्शनी गर्ल्स हाई स्कूल में शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने यशवंतराव चव्हाण ओपन विश्वविद्यालय में अध्ययन किया.

अखबारों में लोगों की सफलता की कहानियों को पढ़ने के बाद, वसीमा ने फैसला किया कि वह भी एमपीएससी की तैयारी करेगी. इसके वह पुणे चली गईं.

पढ़ें - जानिए झारखंड के 'आत्मनिर्भर' आरा-केरम गांव की कहानी

वसीमा 2018 में वसीमा ने MPSC परीक्षा की परीक्षा दी . उन्हें सेल्स टैक्स इंस्पेक्टर के पद के लिए चुना गया. वह नागपुर डिवीजन में कार्यरत है. लेकिन वसीमा का लक्ष्य बड़ा था. वह कोशिश करती रहीं और 2019 के परिणामों में बड़ी सफलता हासिल की. 8 जून को वसीमा ने लातूर जिले के जलकोट के हैदर शेख से शादी कर ली.

सफलता का श्रेय...

उन्होंने कहा, आप सभी मेरे परिवार के बारे में जानते हैं. मेरे पिता मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं. मेरी मां ने मुझे चूड़ियां बेचकर पढ़ाया. मेरा भाई ऑटो-रिक्शा चलाकर मेरी पढ़ाई-लिखाई में मदद की. शेख वसीमा ने कहा कि मेरी सारी सफलता का श्रेय मेरी मां और भाई को जाता है.

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