नई दिल्ली : तिब्बतियों के सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के लिए उसकी प्रशंसा और आभार व्यक्त किया है.
दलाई लामा ने कहा, 'आज हम कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के कारण कठिन समय से गुजर रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय पंरपरा दुनिया के निर्माण,पालन और विनाश का वर्णन करती है और ऐसे समय में जब सभी संकट के दौर से गुजर रहे हैं तो अनुभव व संयम से चुनौतियों से निबट कर प्राणियों को बचाया जा सकता है. दृढ़ संकल्प, साहस के साथ विज्ञान और मानवीय प्रतिभा को नियोजित करना चाहिए. वर्तमान में हर कोई कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है. उन्होंने खतरों को कम करने के लिए राष्ट्रों के ठोस प्रयासों की सराहना की है.
तिब्बती धर्मगुरु ने कहा, 'भारत सरकार द्वारा कोविड-19 से निबटने के लिए अन्य सार्क देशों के साथ मिलकर एक आपात्कालीन निधि बनाने तथा सूचना, ज्ञान एवं विशेषज्ञ इत्यादि के आदान-प्रदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म बनाने की पहल की सराहना करता हूं. यह पहल भविष्य में भी ऐसे संकटों का सामना करने में एक मिसाल पेश करेगी.'
इससे पहले दलाई लामा ने कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए, हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री राहत कोष में 15 लाख रुपये का योगदान भी दिया. उन्होंने कहा कि उनका इस राज्य के साथ गहरा संबंध है और उनका यह 60 साल से घर है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को गत 26 मार्च को लिखे एक पत्र में, धर्मगुरु ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को नियंत्रित करने के प्रयासों में अपना समर्थन व्यक्त किया. जो दुनियाभर में फैल गया है और यहां तक कि इस राज्य में फैल गया.
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दलाई लामा ने पत्र में लिखा, 'चूंकि हिमाचल प्रदेश लगभग 60 वर्षों से मेरा घर है, इसलिए मैं स्वाभाविक रूप से अपने लोगों के लिए एक आत्मीयता महसूस करता हूं. इसलिए सम्मान और सहानुभूति के टोकन के रूप में, मैं दलाई लामा गादेन फोडरंग ट्रस्ट से मुख्यमंत्री के लिए एक दान कर रहा हूं.'
पत्र में लिखा है, 'गरीब और जरूरतमंदों के लिए भोजन और दवा जैसी आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने में योगदान देने के लिए मेरा टोकन स्वीकार करें.'
दलाई लामा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम वायरस के प्रसार को रोकने में प्रभावी होंगे. गौरतलब है कि तिब्बती प्रशासन-निर्वासन धर्मशाला शहर में स्थित है.