नई दिल्ली/धौलपुर. राजस्थान में आतंक का दूसरा नाम जगन गुर्जर ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए. उसने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है.
डाकू के आत्मसमर्पण करने के बाद अब डांग और चंबल के बीहड़ों में थोड़ी बहुत राहत मिलेगी.
लेकिन डाकू भारत गुर्जर और डाकू रामविलास यह दोनों पुलिस के लिए अभी भी चुनौती बने हुए हैं.
जगन डकैत के आज सरेंडर करने के बाद धौलपुर पुलिस ने राहत की सांस ली है.
पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि हाल ही में जेल से जमानत पर छूटने के बाद डकैत जगन गुर्जर ने 12 जून को बाड़ी में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया. उसने हैवानियत की सीमाएं पार करते हुए 3 महिलाओं के साथ मारपीट कर उन्हें मानवीय यातनाएं दी.
पुलिस द्वारा डकैत जगन की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे.
डांग क्षेत्र में जगन अपने साथियों के साथ छुप रहा था। पुलिस द्वारा विशेष टीम गठित कर डांग क्षेत्र में लगातार कॉम्बिंग कर सर्च अभियान भी चलाया जा रहा था.
पुलिस के दबाव को देखकर डकैत भयभीत हो चुका था. पुलिस की स्पेशल टीम ने सदर थाना क्षेत्र के मुगलपुरा के जंगलों में जगन डकैत की घेराबंदी की.
पुलिस टीम से अपने आप को घिरा हुआ देख डकैत ने आत्मसमर्पण कर दिया.
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डकैत के कब्जे से पुलिस ने 315 बोर की राइफल के साथ करीब आधा दर्जन जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. धौलपुर पुलिस ने डकैत जगन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस को आशंका हा कि पूछताछ के दौरान बड़ी बड़ी वारदातों के भी खुलासे हो सकते हैं.