नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कई अहम घोषणाएं की. कोरोना महामारी के मद्देनजर घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने लगातार चौथी बार मीडिया से बात करते हुए रक्षा, उड्डयन और खनन क्षेत्र से जुड़ी कई अहम घोषणाएं की. रक्षा क्षेत्र से जुड़ी घोषणाओं पर ईटीवी भारत ने उरी सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व करने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा से खास बातचीत की.
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हुड्डा ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र में हो रही गड़बड़ी के कारण ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के कॉरपोरेटाइजेशन का फैसला लिया गया है. बता दें कि वित्त मंत्रालय ने आर्थिक पैकेज की चौथी किश्त की घोषणा करते हुए कई बड़े संशोधनों का एलान किया. इसमें भारत में होने वाले रक्षा आयात पर प्रतिबंध, एमआरओ का अभिसरण और रक्षा में 49 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक की वृद्धि शामिल है.
वित्त मंत्रालय के फैसलों के मद्देनजर रक्षा क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ेगा ? इस सवाल पर डीएस हुड्डा ने नीतियों के कार्यान्वयन की कमी का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों के स्वदेशीकरण में बेहतर परिणाम के लिए नीतियों के कार्यान्वयन की आवश्यकता थी.
उन्होंने कहा कि उच्च मानकों के कुछ उपकरणों का तब तक आयात होता रहेगा जब तक कि देश उन्हें सर्वोत्तम मानकों के मुताबिक पूर्ण आत्मविश्वास के साथ तैयार नहीं कर लेता.
जनरल हुड्डा ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ने से विदेशी निवेश आकर्षित होगा और रक्षा वस्तुओं के लिए स्वदेशी आधार बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत लंबे समय से इस मॉडल पर काम कर रहा है और यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया है.
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उन्होंने कहा कि नीति और कार्यान्वयन में काफी निकटता होनी चाहिए और स्वदेशी संस्थानों को एक हद तक विकसित किया जाना है, जिससे यह संस्थाएं आत्मविश्वास के साथ निर्यात स्तर के उपकरणों के मानकों का मुकाबला कर सकें.