गुवाहाटी : संसद से नागरिकता संशोधन कानून (सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) पारित होने के बाद देश के कई राज्यों, विशेष रूप से असम सहित पूर्वोत्तर में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी है.
लगातार विरोध प्रदर्शन के बीच असम में राज्य प्रशासन ने 16 दिसंबर शाम 7 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। हालांकि राज्य के कई हिस्सों में लागू कर्फ्यू में शनिवार को कुछ ढील दी गयी, जिससे आमजन ने तनिक राहत महसूस की. इस क्रम में गुवाहाटी में पूर्वाह्न नौ बजे से अपराह्न चार बजे तक कर्प्यू में ढील दी गई.
सीएए के विरोध का सबसे ज्यादा असर असम में ही देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग को रोकने और शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रखने का फैसला किया गया है.
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अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं राजनीतिक विभाग) संजय कृष्ण ने बताया कि राज्य में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर कानून- व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित रखा जाना और 48 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि इन सेवाओं को निलंबित किया गया है क्योंकि 'फेसबुक, ह्वाट्सएप, ट्विटर और यू-ट्यूब आदि जैसे सोशल मीडिया मंच का इस्तेमाल अफवाहों को फैलाने और तस्वीरों, वीडियो आदि को प्रसारित करने के लिए किया जा सकता है, जो लोगों उकासाने के साथ ही कानून-व्यवस्था को खराब कर सकता है.’
इंटरनेट सेवाओं को शुरुआत में राज्य के 10 जिलों में बुधवार को 24 घंटे के लिए निलंबित किया गया था तथा फिर इसे समूचे राज्य में और 48 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया, यह निलंबन शनिवार की दोपहर को समाप्त होना था.
गौरतलब है कि सीएबी के खिलाफ असम में हुए हिंसक प्रदर्शनों के कारण कारण प्रशासन को कई स्थानों पर कर्फ्यू लगाना पड़ा.
इस कानून के चलते पूर्वोत्तर में काफी रोष है क्योंकि लोगों को आशंका है कि यह घुसपैठ की समस्या को बढ़ा सकता है.