मुंबई : कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था. लॉकडाउन की अवधि के दौरान मुंबई शहर में बड़े अपराधों में काफी गिरावट देखी गई है. डेटा के मुताबिक अप्रैल में दर्ज मामलों की तुलना में मई में गंभीर अपराधों में 50 प्रतिशत की गिरावट आई है.
अप्रैल में हत्या, हत्या की कोशिश, डकैती, फिरौती, चोरी, वाहन चोरी, बलात्कार, छेड़छाड़ और दंगों जैसे प्रमुख अपराधों की संख्या 5,703 थी. मई में इन्हीं अपराधों की संख्या घटकर 2,532 हो गई. मई के महीने में मुंबई के 94 पुलिस थानों में हत्या के केवल 10 मामले दर्ज किए गए जबकि हत्या के प्रयास के 19 मामले सामने आए.
मुंबई में चेन स्नेचिंग के 12 मामले और कुछ मामले डकैती के दर्ज हुए. फिरौती के 4 मामले, चोरी के 49 मामले, 51 चोरी के, वाहन चोरी के 158, 24 दंगे के, 19 बलात्कार के, 56 छेड़छाड़ के, फिजिकल ऑफेंस के 252 और 1,877 अन्य अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं.
पुलिस ने पिछले महीने 2532 अपराधों में से 1828 मामलों में जांच पूरी कर ली है और 1828 मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
पिछले 5 महीनों में साइबर अपराध बढ़े हैं
फिलहाल एक तरफ जहां बड़े अपराधों में कमी आई है वहीं 1 जनवरी से 31 मई के दौरान मुंबई में साइबर अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है. कंप्यूटर सिस्टम पर साइबर अटैक के 4 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि ऑनलाइन फिशिंग और नाइजीरियन धोखाधड़ी के 15 मामले दर्ज किए गए हैं.
अश्लील मेल, एसएमएस और एमएमएस भेजने के 72 मामले दर्ज किए गए हैं. सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल के जरिए अपराध करने के लिए 16 अपराधियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.
क्रेडिट कार्ड के जरिए धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा 212 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 614 अन्य अपराधों के मामले दर्ज हैं. दर्ज किए गए साइबर अपराधों की कुल संख्या 938 बताई जा रही है.