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नौ साल बाद अपने गांव लौटे माकपा के कद्दावर नेता सुशांतो घोष - cpi leader sushanto ghosh returned to his village

माकपा के कद्दावर नेता सुशांतो घोष नौ साल बाद अपने गांव पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर पहुंचे. 2011 में उन्हें गारबेटा नरकंकाल मामले में दोषी करार दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें नवंबर में जमानत दे दी गई.

सुशांतो घोष
सुशांतो घोष
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Published : Dec 7, 2020, 7:37 AM IST

गारबेटा : गारबेटा नरकंकाल मामले में 2011 में दोषी करार दिये गए तथा बाद में जमानत पर रिहा हुए माकपा के कद्दावर नेता सुशांतो घोष रविवार को नौ साल बाद पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में अपने गांव लौटे, जहां उनका मोटरसाइकिल सवार सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने अभिवादन किया.

राज्य में वाम मोर्चे के शासन के दौरान गारबेट के बेनाचपाडा में घोष के पैतृक आवास में खुदाई में सात नरकंकाल निकले थे. इससे पहले जमानत मिलने के बावजूद निचली अदालत ने घोष को जिले में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.

नवंबर में उच्चतम न्यायालय ने उनकी जमानत से जुड़ी शर्तों को हटा दिया था और पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में प्रवेश की अनुमति दे दी थी.

गारबेटा : गारबेटा नरकंकाल मामले में 2011 में दोषी करार दिये गए तथा बाद में जमानत पर रिहा हुए माकपा के कद्दावर नेता सुशांतो घोष रविवार को नौ साल बाद पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में अपने गांव लौटे, जहां उनका मोटरसाइकिल सवार सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने अभिवादन किया.

राज्य में वाम मोर्चे के शासन के दौरान गारबेट के बेनाचपाडा में घोष के पैतृक आवास में खुदाई में सात नरकंकाल निकले थे. इससे पहले जमानत मिलने के बावजूद निचली अदालत ने घोष को जिले में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.

नवंबर में उच्चतम न्यायालय ने उनकी जमानत से जुड़ी शर्तों को हटा दिया था और पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में प्रवेश की अनुमति दे दी थी.

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