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अनुच्छेद 370 को लेकर सीपीआई का विरोध प्रदर्शन

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कश्मीरी नेताओं की रिहाई की मांग भी की. पढ़ें पूरी खबर...

विरोध करते कम्युनिस्ट नेता
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Published : Aug 7, 2019, 3:55 PM IST

Updated : Aug 7, 2019, 8:21 PM IST

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और राज्य के विभाजन के खिलाफ वामदलों ने राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया.

माकपा और भाकपा सहित अन्य वामदलों ने मंडी हाउस संसद मार्ग तक पैदल मार्च किया. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के महासचिव डी राजा, भाकपा के राज्यसभा सदस्य बिनॉय विश्वम, माकपा की वरिष्ठ नेता वृंदा करात सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया.

राजा ने कहा कि संविधान से अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू कश्मीर का विभाजन कर केन्द्र शासित क्षेत्र घोषित करने के सरकार के फैसले से संविधान, लोकतंत्र और संघीय ढांचे की हत्या हुई है.

सीपीआई ने किया विरोध

उन्होंने कहा कि इसके विरोध में वामदलों के आह्वान पर आयोजित किये गये देशव्यापी आंदोलन के तहत दिल्ली में शांतिमार्च का आयोजन किया गया.

येचुरी ने कहा कि सरकार ने तीन साल पहले कश्मीर के मामले में कोई भी फैसला करने से पहले सभी पक्षकारों से पर्याप्त विचार विमर्श करने का वादा किया था. लेकिन अब सरकार ने विचार विमर्श की प्रक्रिया में शामिल होने वाले पक्षकारों को जेल में डाल दिया और समूचे इलाके की संचार सेवायें ठप कर इसे देश के अन्य इलाकों से अलग कर दिया.

पढ़ें-भारत में तबाही की ताक में मसूद अजहर, खुफिया एजेंसी का अलर्ट

येचुरी ने कहा कि यह न सिर्फ संघीय व्यवस्था बल्कि भारत की एकता और अखंडता के लिये चेतावनी है.

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और राज्य के विभाजन के खिलाफ वामदलों ने राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया.

माकपा और भाकपा सहित अन्य वामदलों ने मंडी हाउस संसद मार्ग तक पैदल मार्च किया. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के महासचिव डी राजा, भाकपा के राज्यसभा सदस्य बिनॉय विश्वम, माकपा की वरिष्ठ नेता वृंदा करात सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया.

राजा ने कहा कि संविधान से अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू कश्मीर का विभाजन कर केन्द्र शासित क्षेत्र घोषित करने के सरकार के फैसले से संविधान, लोकतंत्र और संघीय ढांचे की हत्या हुई है.

सीपीआई ने किया विरोध

उन्होंने कहा कि इसके विरोध में वामदलों के आह्वान पर आयोजित किये गये देशव्यापी आंदोलन के तहत दिल्ली में शांतिमार्च का आयोजन किया गया.

येचुरी ने कहा कि सरकार ने तीन साल पहले कश्मीर के मामले में कोई भी फैसला करने से पहले सभी पक्षकारों से पर्याप्त विचार विमर्श करने का वादा किया था. लेकिन अब सरकार ने विचार विमर्श की प्रक्रिया में शामिल होने वाले पक्षकारों को जेल में डाल दिया और समूचे इलाके की संचार सेवायें ठप कर इसे देश के अन्य इलाकों से अलग कर दिया.

पढ़ें-भारत में तबाही की ताक में मसूद अजहर, खुफिया एजेंसी का अलर्ट

येचुरी ने कहा कि यह न सिर्फ संघीय व्यवस्था बल्कि भारत की एकता और अखंडता के लिये चेतावनी है.

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Last Updated : Aug 7, 2019, 8:21 PM IST
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