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कोरोना ने कश्मीरी शादियों का रंग किया फीका

कश्मीर में शादियां बहुत धूमधाम से की जाती हैं. शादी के लिए दूल्हा और दुल्हन को सूखे मौसम का इंतजार करना पड़ता है. गेस्ट लिस्ट को हफ्तों पहले तैयार किया जाता है. दूल्हा और दुल्हन को फैंसी कपड़ों से सजाया जाता है, मगर कोरोना ने कश्मीरी शादियों का रंग फीका कर दिया है. पढ़िए इब्राहिम मूसा व सज्जाद भट की श्रीनगर से रिपोर्ट...

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Published : Sep 22, 2020, 10:37 PM IST

श्रीनगर : मुदस्सिर याकूब ने अपनी शादी की बड़ी-बड़ी योजनाएं बना रखी थीं. उनकी शादी की तारीख पिछले साल अगस्त में तय की गई थी, लेकिन सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के कारण उन्हें मार्च तक के लिए शादी को स्थगित करना पड़ा.

फिर मार्च में कोरोना आ गया और लॉकडाउन ने उन्हें शादी की तारीख को फिर से निर्धारित करने के लिए मजबूर कर दिया. 25 वर्षीय दूल्हे ने कभी नहीं सोचा था कि उसे अतिथि सूची के लिए भी सरकार से अनुमति लेनी होगी.

मुदस्सिर ने बताया कि मेरी शादी पिछले साल अगस्त में तय हुई थी, लेकिन अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के कारण शादी को स्थगित कर दिया. इस साल मार्च में फिर से कोविड-19 की वजह से शादी को स्थगित करना पड़ा.

कश्मीर में शादियां बहुत धूमधाम से की जातीं हैं. शादी के लिए दूल्हा और दुल्हन को सूखे मौसम का इंतजार करना पड़ता है. गेस्ट लिस्ट को हफ्तों पहले तैयार किया जाता है और एक खास पकवान वजवान को बड़े हॉल में तांबे की प्लेटों में परोसा जाता है. दूल्हा और दुल्हन को फैंसी कपड़ों से सजाया जाता है.

कश्मीर में शादी का मौसम आमतौर पर मार्च में शुरू होता है. छह महीने तक रहने वाली सर्दियों में शादियां नहीं होतीं. हालांकि, इस साल महामारी और उससे बचाव के लिए जारी सरकारी दिशानिर्देशों के कारण रंगत फीकी पड़ गई है.

कोरोना के कारण जारी सरकारी दिशानिर्देश जोन के आधार पर शादियाें में 30 से 50 के बीच मेहमानों की संख्या को सीमित करते हैं. नागरिकों द्वारा किसी भी उल्लंघन पर पुलिस महामारी अधिनियम के तहत केत दर्ज कर सकती है.

श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि शादी समारोहों में पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी और शारीरिक दूरी अनिवार्य होगी.

कोविड-19 के प्रसार ने कश्मीर में जीवन और व्यवसायों को प्रभावित किया. यहां 41560 लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं और 778 मौतें हुईं हैं.

मुदस्सिर ने कहा कि इस साल अगस्त में प्रशासन से अनुमति प्राप्त करने के बाद हमने शादी की. हमने कोविड के सभी दिशानिर्देशों का पालन किया. हमने अपने रिश्तेदारों को भी भीड़ से बचने के लिए आमंत्रित नहीं किया.

विवाह समारोह क्षेत्र की आर्थिक संरचना के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. रसोइये से लेकर सजावट का काम करने वाले इसी के जरिए रोजी-रोटी चलाते हैं.

मुदस्सिर ने कहा कि इस महामारी ने बहुत कुछ सिखाया है. इस महामारी से हमें सादगी से विवाह करने का अवसर मिला. बड़े विवाह समारोह के दौरान भोजन की बहुत बर्बादी होती है. सादगी से विवाह करने पर धन की भी बचत होती है.

श्रीनगर : मुदस्सिर याकूब ने अपनी शादी की बड़ी-बड़ी योजनाएं बना रखी थीं. उनकी शादी की तारीख पिछले साल अगस्त में तय की गई थी, लेकिन सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के कारण उन्हें मार्च तक के लिए शादी को स्थगित करना पड़ा.

फिर मार्च में कोरोना आ गया और लॉकडाउन ने उन्हें शादी की तारीख को फिर से निर्धारित करने के लिए मजबूर कर दिया. 25 वर्षीय दूल्हे ने कभी नहीं सोचा था कि उसे अतिथि सूची के लिए भी सरकार से अनुमति लेनी होगी.

मुदस्सिर ने बताया कि मेरी शादी पिछले साल अगस्त में तय हुई थी, लेकिन अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के कारण शादी को स्थगित कर दिया. इस साल मार्च में फिर से कोविड-19 की वजह से शादी को स्थगित करना पड़ा.

कश्मीर में शादियां बहुत धूमधाम से की जातीं हैं. शादी के लिए दूल्हा और दुल्हन को सूखे मौसम का इंतजार करना पड़ता है. गेस्ट लिस्ट को हफ्तों पहले तैयार किया जाता है और एक खास पकवान वजवान को बड़े हॉल में तांबे की प्लेटों में परोसा जाता है. दूल्हा और दुल्हन को फैंसी कपड़ों से सजाया जाता है.

कश्मीर में शादी का मौसम आमतौर पर मार्च में शुरू होता है. छह महीने तक रहने वाली सर्दियों में शादियां नहीं होतीं. हालांकि, इस साल महामारी और उससे बचाव के लिए जारी सरकारी दिशानिर्देशों के कारण रंगत फीकी पड़ गई है.

कोरोना के कारण जारी सरकारी दिशानिर्देश जोन के आधार पर शादियाें में 30 से 50 के बीच मेहमानों की संख्या को सीमित करते हैं. नागरिकों द्वारा किसी भी उल्लंघन पर पुलिस महामारी अधिनियम के तहत केत दर्ज कर सकती है.

श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि शादी समारोहों में पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी और शारीरिक दूरी अनिवार्य होगी.

कोविड-19 के प्रसार ने कश्मीर में जीवन और व्यवसायों को प्रभावित किया. यहां 41560 लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं और 778 मौतें हुईं हैं.

मुदस्सिर ने कहा कि इस साल अगस्त में प्रशासन से अनुमति प्राप्त करने के बाद हमने शादी की. हमने कोविड के सभी दिशानिर्देशों का पालन किया. हमने अपने रिश्तेदारों को भी भीड़ से बचने के लिए आमंत्रित नहीं किया.

विवाह समारोह क्षेत्र की आर्थिक संरचना के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. रसोइये से लेकर सजावट का काम करने वाले इसी के जरिए रोजी-रोटी चलाते हैं.

मुदस्सिर ने कहा कि इस महामारी ने बहुत कुछ सिखाया है. इस महामारी से हमें सादगी से विवाह करने का अवसर मिला. बड़े विवाह समारोह के दौरान भोजन की बहुत बर्बादी होती है. सादगी से विवाह करने पर धन की भी बचत होती है.

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