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कोर्ट का सीबीआई से सवाल, अस्थाना का लाई डिटेक्टर परीक्षण क्यों नहीं हुआ - केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई ) से पूछा कि एजेंसी के पूर्व निदेशक राकेश अस्थाना का उसने मनोवैज्ञानिक एवं लाई डिटेक्टर परीक्षण क्यों नहीं करवाया. जानें विस्तार से...

राकेश अस्थाना
राकेश अस्थाना
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Published : Feb 19, 2020, 8:09 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 9:18 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई ) से पूछा कि एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का उसने मनोवैज्ञानिक एवं लाई डिटेक्टर परीक्षण क्यों नहीं करवाया.

गौरतलब है कि रिश्वतखोरी के एक मामले में अस्थाना को हाल में क्लीन चिट दी गई.

इसके साथ ही सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने शुरुआत में जांच करने वाले अधिकारी अजय कुमार बस्सी को 28 फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया .

इस मामले में सीबीआई की जांच पर अदालत ने पिछले सप्ताह बुधवार को नाराजगी जाहिर की थी और पूछा था कि जिन आरोपियों की इसमें बड़ी भूमिका है वे खुले क्यों घूम रहे हैं जबकि जांच एजेंसी अपने खुद के डीएसपी को गिरफ्तार कर चुकी है.

सीबीआई ने अस्थाना और डीएसपी देवेन्द्र कुमार के नाम, दोनों को मामले में आरोपी बनाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण आरोपपत्र के कॉलम 12 में लिखे थे. देवेन्द्र कुमार को 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी.

ये भी पढ़ें-CBI के पूर्व निदेशक राकेश अस्थाना को क्लीन चिट देने पर सीबीआई को फटकार

सीबीआई ने हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना की शिकायत के आधार पर अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ 2017 के मामले में सना पर भी जांच चल रही है.

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई ) से पूछा कि एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का उसने मनोवैज्ञानिक एवं लाई डिटेक्टर परीक्षण क्यों नहीं करवाया.

गौरतलब है कि रिश्वतखोरी के एक मामले में अस्थाना को हाल में क्लीन चिट दी गई.

इसके साथ ही सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने शुरुआत में जांच करने वाले अधिकारी अजय कुमार बस्सी को 28 फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया .

इस मामले में सीबीआई की जांच पर अदालत ने पिछले सप्ताह बुधवार को नाराजगी जाहिर की थी और पूछा था कि जिन आरोपियों की इसमें बड़ी भूमिका है वे खुले क्यों घूम रहे हैं जबकि जांच एजेंसी अपने खुद के डीएसपी को गिरफ्तार कर चुकी है.

सीबीआई ने अस्थाना और डीएसपी देवेन्द्र कुमार के नाम, दोनों को मामले में आरोपी बनाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण आरोपपत्र के कॉलम 12 में लिखे थे. देवेन्द्र कुमार को 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी.

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सीबीआई ने हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना की शिकायत के आधार पर अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ 2017 के मामले में सना पर भी जांच चल रही है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 9:18 PM IST
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