पटना : कोरोना काल में बिहार में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण के लिए जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा है. नीतीश कुमार से लेकर सुशील मोदी तक, तेजस्वी से लेकर जीतनराम मांझी तक अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक अपने उम्मीदवारों को विधानसभा पहुंचा सके.
हालांकि, कोरोना काल में हो रहे चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने कई गाइडलाइन जारी किए हैं, इसके बावजूद नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. चाहे वह नीतीश की सभा हो या तेजस्वी की रैली, हर जगह नियम कानून को ताक पर रखकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है.
रैली में लोग नहीं लगा रहे मास्क
भले ही नेता दावा कर रहे हैं कि चुनाव आयोग ने जो गाइडलाइन जारी किए हैं, उसी के तहत चुनाव प्रचार किए जा रहे हैं, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. रैली में आने वाले अधिकतर लोग न तो मास्क लगा रहे हैं, न ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को फॉलो कर रहे हैं.
रैली में नियमों की उड़ रहीं धज्जियां
सबसे बड़ी बात ये है कि सीएम नीतीश की सभा हो या तेजस्वी की रैली, हर जगह नियमों को ताक पर रख कर चुनाव प्रचार किया जा रहा है. सोशल डिस्टेसिंग के मानकों की साफ अनदेखी हो रही है. साथ ही चुनाव आयोग के कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का साफ उल्लंघन हो रहा है.
कोरोना के लिए प्रोटोकॉल
दरअसल, गृह विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार, इनडोर या आउटडोर सभी तरह की रैलियों में मास्क पहनना अनिवार्य है. बंद हॉल में 200 लोगों से अधिक एकत्र नहीं हो सकते और साथ ही छह फीट की दूरी का पालन करना जरूरी है. रैलियों में गले मिलना और हाथ मिलाने से बचना चाहिए. आयोजकों को पेपर नैपकीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही स्थल पर उचित सेनेटाइजेशन की व्यवस्था करना भी जरूरी है.