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'फ्री कश्मीर' पोस्टर विवाद : आरोपी लड़की पर FIR दर्ज

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के खिलाफ देश के कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. हालांकि, मुंबई में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर देखे जाने के बाद विवाद हो रहा है. इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है. जानें क्या है पूरा मामला...

contorversy continues ove free kashmir poster in mumbai
फ्री कश्मीर
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Published : Jan 7, 2020, 4:16 PM IST

Updated : Jan 7, 2020, 7:49 PM IST

मुंबई : जेएनयू में हुए हमले के विरोध में गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' के पोस्टर पर अब भी विवाद जारी है. मंगलवार को पुलिस ने इस मामले में उस लड़की पर एफआईआर दर्ज कर ली है, जिसने इस पोस्टर को लहराया था. उसका नाम महक है. इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग हुई.

गेटवे ऑफ इंडिया पर सोमवार को एक प्रदर्शनकारी ने एक पोस्टर ले रखा था, जिस पर लिखा था 'फ्री कश्मीर'.

इस घटना के संबंध में महाराष्ट्र पुलिस ने महक नाम की लड़की के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. महक पर 'फ्री कश्मीर' के नारे के साथ एक पोस्टर के उपयोग का आरोप है. जेएनयू हिंसा के विरोध में सोमवार को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान महक को 'फ्री कश्मीर' लिखा पोस्टर पकड़े हुए देखा गया था.

पोस्टर के फोटो को ट्वीट के साथ टैग कर फडणवीस ने पूछा कि वास्तव में विरोध किसलिए था और क्या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस 'भारत विरोधी अभियान' को सहन करेंगे.

उन्होंने लिखा, 'विरोध वास्तव में किसलिए है? 'फ्री कश्मीर' के नारे क्यों लग रहे हैं ? हम ऐसे अलगाववादी तत्वों को मुंबई में कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? आजादी गैंग मुख्यमंत्री कार्यालय से दो किलोमीटर दूर 'फ्री कश्मीर' के नारे लगा रहा है? उद्धवजी क्या आप अपनी नाक के नीचे कश्मीर को आजाद कराने के इस भारत विरोधी अभियान को बर्दाश्त करेंगे?'

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देवेंद्र फडणवीस का ट्वीट.

इसे भी पढ़ें- जेएनयू हिंसा को लेकर अहमदाबाद में भिड़े ABVP व NSUI कार्यकर्ता, कई घायल

भाजपा नेता ने ट्वीट में ठाकरे के ट्विटर हैंडल को भी जोड़ा.

फडणवीस को जवाब देते हुए पाटिल ने उन पर आरोप लगाया कि फडणवीस घृणास्पद तरीके से शब्दों का अर्थ बयां कर रहे हैं.

पाटिल ने लिखा, 'देवेंद्रजी, इसका अर्थ यह है कि कश्मीर को सभी प्रकार के भेदभाव से मुक्त किया जाए. उसे सेल्युलर नेटवर्क पर लगे प्रतिबंध और केंद्रीय नियंत्रण से मुक्त किया जाए. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि आप जैसा जिम्मेदार नेता शब्दों का इस प्रकार घृणास्पद अर्थ निकालकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. यह सत्ता छिन जाने के कारण हो रहा है या खुद से नियंत्रण खो देने से?'

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देवेंद्र फडणवीस का ट्वीट.

इसे भी पढ़ें- JNU हिंसा पर बोले VC- घटना निंदनीय, नए सेमेस्टर के लिए छात्र कराएं रजिस्ट्रेशन

फडणवीस ने इसका उत्तर देते हुए कहा कि राष्ट्र पहले आता है और उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि पाटिल वोट बैंक की राजनीति करेंगे.

उन्होंने लिखा, 'अफसोस की बात है! अब अलगाववादी धारणा को सरकार का समर्थन मिल रहा है. जयंतराव, आपसे इस वोट बैंक की राजनीति की उम्मीद नहीं थी. कश्मीर पहले से ही भेदभाव से मुक्त हो चुका है और वहां कुछ प्रतिबंध सुरक्षा कारणों से दशकों से हैं. सत्ता में हो या विपक्ष में, हमारे लिए एक ही सिद्धांत है- राष्ट्र प्रथम.'

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देवेंद्र फडणवीस का ट्वीट.

बाद में शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कहा कि 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर लिए लोग इंटरनेट, मोबाइल सेवा और संचार पर लगे प्रतिबंध से आजादी मांग रहे थे.

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संजय राउत की प्रतिक्रिया.

मुंबई : जेएनयू में हुए हमले के विरोध में गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' के पोस्टर पर अब भी विवाद जारी है. मंगलवार को पुलिस ने इस मामले में उस लड़की पर एफआईआर दर्ज कर ली है, जिसने इस पोस्टर को लहराया था. उसका नाम महक है. इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग हुई.

गेटवे ऑफ इंडिया पर सोमवार को एक प्रदर्शनकारी ने एक पोस्टर ले रखा था, जिस पर लिखा था 'फ्री कश्मीर'.

इस घटना के संबंध में महाराष्ट्र पुलिस ने महक नाम की लड़की के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. महक पर 'फ्री कश्मीर' के नारे के साथ एक पोस्टर के उपयोग का आरोप है. जेएनयू हिंसा के विरोध में सोमवार को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान महक को 'फ्री कश्मीर' लिखा पोस्टर पकड़े हुए देखा गया था.

पोस्टर के फोटो को ट्वीट के साथ टैग कर फडणवीस ने पूछा कि वास्तव में विरोध किसलिए था और क्या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस 'भारत विरोधी अभियान' को सहन करेंगे.

उन्होंने लिखा, 'विरोध वास्तव में किसलिए है? 'फ्री कश्मीर' के नारे क्यों लग रहे हैं ? हम ऐसे अलगाववादी तत्वों को मुंबई में कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? आजादी गैंग मुख्यमंत्री कार्यालय से दो किलोमीटर दूर 'फ्री कश्मीर' के नारे लगा रहा है? उद्धवजी क्या आप अपनी नाक के नीचे कश्मीर को आजाद कराने के इस भारत विरोधी अभियान को बर्दाश्त करेंगे?'

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देवेंद्र फडणवीस का ट्वीट.

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भाजपा नेता ने ट्वीट में ठाकरे के ट्विटर हैंडल को भी जोड़ा.

फडणवीस को जवाब देते हुए पाटिल ने उन पर आरोप लगाया कि फडणवीस घृणास्पद तरीके से शब्दों का अर्थ बयां कर रहे हैं.

पाटिल ने लिखा, 'देवेंद्रजी, इसका अर्थ यह है कि कश्मीर को सभी प्रकार के भेदभाव से मुक्त किया जाए. उसे सेल्युलर नेटवर्क पर लगे प्रतिबंध और केंद्रीय नियंत्रण से मुक्त किया जाए. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि आप जैसा जिम्मेदार नेता शब्दों का इस प्रकार घृणास्पद अर्थ निकालकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. यह सत्ता छिन जाने के कारण हो रहा है या खुद से नियंत्रण खो देने से?'

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देवेंद्र फडणवीस का ट्वीट.

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फडणवीस ने इसका उत्तर देते हुए कहा कि राष्ट्र पहले आता है और उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि पाटिल वोट बैंक की राजनीति करेंगे.

उन्होंने लिखा, 'अफसोस की बात है! अब अलगाववादी धारणा को सरकार का समर्थन मिल रहा है. जयंतराव, आपसे इस वोट बैंक की राजनीति की उम्मीद नहीं थी. कश्मीर पहले से ही भेदभाव से मुक्त हो चुका है और वहां कुछ प्रतिबंध सुरक्षा कारणों से दशकों से हैं. सत्ता में हो या विपक्ष में, हमारे लिए एक ही सिद्धांत है- राष्ट्र प्रथम.'

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देवेंद्र फडणवीस का ट्वीट.

बाद में शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कहा कि 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर लिए लोग इंटरनेट, मोबाइल सेवा और संचार पर लगे प्रतिबंध से आजादी मांग रहे थे.

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संजय राउत की प्रतिक्रिया.
Intro:पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले और वहाँ सिख समुदाय समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आज दिल्ली के पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रोष प्रदर्शन किया । इस विरोध प्रदर्शन में सिख समुदाय के भी लोग शामिल हुए । विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पहले ही सुरक्षा के इन्तजाम कड़े कर दिये गए थे और जगह जगह पुलिस बैरिकेडिंग की गई थी । प्रदर्शनकारी पाकिस्तान उच्चायोग के मुख्य द्वार तक जा कर प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन उन्हें नीति मार्ग पर ही रोक दिया । बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान का झंडा जला कर अपना विरोध जताया और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का पुतला दहन भी करना चाहते थे लेकिन ऐसा करने से पहले ही सुरक्षकर्मीयों ने उन्हें रोक लिया और कुछ लोगों को हिरासत में भी ले लिया ।


Body:विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कर्याध्यक्ष आलोक कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा की वो पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं की जिस तरह वो सभी धर्मों के धर्म स्थलों का सम्मान करते हैं उसी तरह पाकिस्तान में भी अल्पसंख्यकों के धर्म स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए । विहिप कर्याध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा है की आज पाकिस्तान अपने अस्तित्व के लिये जूझ रहा है और वहाँ जगह जगह विद्रोह के स्वर फूट रहे हैं ।अगर पाकिस्तान ने समय रहते खुद को नहीं सुधारा तो वो दिन दूर नहीं जब वो एक देश के रूप में अपनी पहचान भी खो देगा ।


Conclusion:कुल मिलाकर यह विरोध प्रदर्शन शान्तिपूर्ण और सांकेतिक रहा । सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस्कर्मीयों ने विरोध मार्च को चानक्य्पुरी के नीति मार्ग से आगे नहीं बढ़ने दिया और कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया ।
Last Updated : Jan 7, 2020, 7:49 PM IST
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