ETV Bharat / bharat

बिहार में BJP-JDU की 'दोस्ती': क्या अरुणाचल में लगे झटके से आ गई है 'दरार' ? - अरुणाचल प्रदेश

कड़ाके की ठंड के बावजूद बिहार की राजनीति इन दिनों अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर गर्म हो गई है. राष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख कमजोर होते देख जेडीयू भड़क गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने सख्त लहजे में कहा कि बीजेपी ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया. इस बैठक के बाद जदयू ने आर-पार की लड़ाई के संकेत भी दे ही दिए हैं.

दोस्ती में दरार
दोस्ती में दरार
author img

By

Published : Dec 29, 2020, 10:17 AM IST

Updated : Dec 29, 2020, 11:06 AM IST

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जदयू और भाजपा के बीच विवाद सतह पर आने लगे हैं. चुनाव के नतीजों ने भाजपा को जहां बड़ा भाई बना दिया है वहीं जदयू हार के लिए भाजपा को कटघरे में खड़ा कर रही है. इसके बावजूद दोनों पार्टियां काफी हदतक तालमेल बैठाने की कोशिश में लगी थी और गठबंधन के लोग बार-बार ये कह भी रहे थे कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. ऊपरी तौर पर दिख भी यही रहा था, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच दिल में लगी आग उस वक्त भड़क गई जब बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के 6 विधायकों को अपनी ओर खीच लिया.

इस घटना के बाद जेडीयू और बीजेपी के बीच की अंदरूनी कलह सामने आने लगी. दोनों के बीच बयानबाजी और जले पर मरहम लगाने का दौर शुरू हो गया. बीजेपी ने बहुत कोशिश की कि जेडीयू इस घटना को हलके में ले, लेकिन जेडीयू जो 15 साल से बड़े भाई की भूमिका में थी कब चुप रहने वाली थी.

जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

राष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख कमजोर होते देख जेडीयू भड़क गई. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने सख्त लहजे में कहा कि बीजेपी ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया. इस बैठक के बाद जदयू ने आर-पार की लड़ाई के संकेत भी दे ही दिए.

जदयू ने भाजपा के खिलाफ कई फ्रंट पर खोला मोर्चा
बिहार विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद जदयू खेमे में निराशा थी. नीतीश कुमार भी संख्या बल को देखते हुए मुख्यमंत्री बनने को तैयार नहीं थे. लेकिन भाजपा के अनुरोध के बाद उन्होंने कुर्सी संभालने का फैसला किया. सीट बंटवारे से लेकर सरकार के गठन तक दोनों दलों ने कई उतार-चढ़ाव देखे और जदयू आखिरकार सरकार में रहते हुए छोटे भाई की भूमिका में आ गई.

'एलजेपी के कारण कमजोर हुई जेडीयू'
जदयू का मानना है कि नीतीश कुमार साख के नेता हैं न तो उनकी साख में बट्टा लगा है न ही वोटों के प्रतिशत में कमी आई है. लोक जनशक्ति पार्टी को कंट्रोल नहीं कर पाने के वजह से बिहार में एनडीए को नुकसान हुआ है. जदयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में भाजपा और जदयू के बीच विवाद खुलकर सामने आने लगे. जदयू कई मोर्चों पर आक्रामक दिखाई देने लगी. अरुणाचल प्रदेश में जदयू में टूट कार्य समिति के बैठक में छाया रहा. पार्टी की ओर से कहा गया कि भाजपा ने अटल धर्म का पालन नहीं किया. जदयू के 6 विधायकों को भाजपा में शामिल करा लिया.

पढ़ें- राजकोट को एम्स की सौगात, पीएम मोदी 31 दिसंबर को रखेंगे आधारशिला

लव जिहाद के मुद्दे पर भी दोनों में मतभेद
लव जिहाद को लेकर भी पार्टी आक्रमक है. जदयू का मानना है कि ऐसी किसी कानून की जरूरत नहीं है. यह कानून समाज को बांटने वाला है. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार में देरी को लेकर भी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा के टालमटोल रवैया के वजह से मंत्रिमंडल विस्तार अधर में है. जदयू ने यह भी साफ कर दिया कि नीतीश कुमार के साख में कमी नहीं आई है और न ही वोट प्रतिशत में कमी आई है. कम सीट आने के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे लेकिन मित्र दल के अनुरोध के बाद पद को स्वीकार करना पड़ा.

भाजपा को आंख दिखा रही जदयू
केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी सम्मानजनक ऑफर नहीं मिलने के चलते पार्टी केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा नहीं है. भविष्य में अगर संख्या बल के आधार पर सम्मानजनक ऑफर मिला तो मंत्रिमंडल में पार्टी शामिल होने पर विचार करेगी. नीतीश कुमार ने नेताओं से आक्रमक राजनीति करने को कहा और नेताओं में आक्रामकता दिखाना भी शुरू कर दिया. जदयू नेता अब भाजपा को आंख भी दिखा रहे हैं.

पढ़ें- चव्हाण के बयान पर कांग्रेस नेताओं की बैलेंस बनाने की कोशिश

भाजपा के दबाव में आने को तैयार नहीं जदयू
जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने जहां भाजपा को आंख दिखाई वहीं नसीहत भी दी. केसी त्यागी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद साफ हो गया कि भाजपा अटल धर्म से विमुख हो चुकी है और सहयोगी दलों के हितों का ख्याल नहीं रखती.

प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

वहीं, भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि दोनों दलों के बीच कोई विवाद नहीं है. नीतीश कुमार बिहार में गठबंधन के नेता हैं. जहां तक सवाल लव जिहाद का है तो कई भाजपा शासित राज्यों में कानून लागू किया गया है और इसकी जरूरत भी है.

डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

'दोनों दलों के रिश्ते में आई तल्खी'
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि जदयू अब आक्रमक राजनीति करना चाहती है. पार्टी ने संकेत दे दिया है कि अब वह भाजपा के दबाव में आने वाले नहीं हैं और नीतीश कुमार अपने तरीके से सरकार को चलाना चाहेंगे. संजय कुमार ने कहा कि दोनों दलों के रिश्ते में तल्खी आई है इसकी परिणति क्या होगी यह देखने वाली बात है.

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जदयू और भाजपा के बीच विवाद सतह पर आने लगे हैं. चुनाव के नतीजों ने भाजपा को जहां बड़ा भाई बना दिया है वहीं जदयू हार के लिए भाजपा को कटघरे में खड़ा कर रही है. इसके बावजूद दोनों पार्टियां काफी हदतक तालमेल बैठाने की कोशिश में लगी थी और गठबंधन के लोग बार-बार ये कह भी रहे थे कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. ऊपरी तौर पर दिख भी यही रहा था, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच दिल में लगी आग उस वक्त भड़क गई जब बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के 6 विधायकों को अपनी ओर खीच लिया.

इस घटना के बाद जेडीयू और बीजेपी के बीच की अंदरूनी कलह सामने आने लगी. दोनों के बीच बयानबाजी और जले पर मरहम लगाने का दौर शुरू हो गया. बीजेपी ने बहुत कोशिश की कि जेडीयू इस घटना को हलके में ले, लेकिन जेडीयू जो 15 साल से बड़े भाई की भूमिका में थी कब चुप रहने वाली थी.

जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

राष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख कमजोर होते देख जेडीयू भड़क गई. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने सख्त लहजे में कहा कि बीजेपी ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया. इस बैठक के बाद जदयू ने आर-पार की लड़ाई के संकेत भी दे ही दिए.

जदयू ने भाजपा के खिलाफ कई फ्रंट पर खोला मोर्चा
बिहार विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद जदयू खेमे में निराशा थी. नीतीश कुमार भी संख्या बल को देखते हुए मुख्यमंत्री बनने को तैयार नहीं थे. लेकिन भाजपा के अनुरोध के बाद उन्होंने कुर्सी संभालने का फैसला किया. सीट बंटवारे से लेकर सरकार के गठन तक दोनों दलों ने कई उतार-चढ़ाव देखे और जदयू आखिरकार सरकार में रहते हुए छोटे भाई की भूमिका में आ गई.

'एलजेपी के कारण कमजोर हुई जेडीयू'
जदयू का मानना है कि नीतीश कुमार साख के नेता हैं न तो उनकी साख में बट्टा लगा है न ही वोटों के प्रतिशत में कमी आई है. लोक जनशक्ति पार्टी को कंट्रोल नहीं कर पाने के वजह से बिहार में एनडीए को नुकसान हुआ है. जदयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में भाजपा और जदयू के बीच विवाद खुलकर सामने आने लगे. जदयू कई मोर्चों पर आक्रामक दिखाई देने लगी. अरुणाचल प्रदेश में जदयू में टूट कार्य समिति के बैठक में छाया रहा. पार्टी की ओर से कहा गया कि भाजपा ने अटल धर्म का पालन नहीं किया. जदयू के 6 विधायकों को भाजपा में शामिल करा लिया.

पढ़ें- राजकोट को एम्स की सौगात, पीएम मोदी 31 दिसंबर को रखेंगे आधारशिला

लव जिहाद के मुद्दे पर भी दोनों में मतभेद
लव जिहाद को लेकर भी पार्टी आक्रमक है. जदयू का मानना है कि ऐसी किसी कानून की जरूरत नहीं है. यह कानून समाज को बांटने वाला है. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार में देरी को लेकर भी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा के टालमटोल रवैया के वजह से मंत्रिमंडल विस्तार अधर में है. जदयू ने यह भी साफ कर दिया कि नीतीश कुमार के साख में कमी नहीं आई है और न ही वोट प्रतिशत में कमी आई है. कम सीट आने के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे लेकिन मित्र दल के अनुरोध के बाद पद को स्वीकार करना पड़ा.

भाजपा को आंख दिखा रही जदयू
केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी सम्मानजनक ऑफर नहीं मिलने के चलते पार्टी केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा नहीं है. भविष्य में अगर संख्या बल के आधार पर सम्मानजनक ऑफर मिला तो मंत्रिमंडल में पार्टी शामिल होने पर विचार करेगी. नीतीश कुमार ने नेताओं से आक्रमक राजनीति करने को कहा और नेताओं में आक्रामकता दिखाना भी शुरू कर दिया. जदयू नेता अब भाजपा को आंख भी दिखा रहे हैं.

पढ़ें- चव्हाण के बयान पर कांग्रेस नेताओं की बैलेंस बनाने की कोशिश

भाजपा के दबाव में आने को तैयार नहीं जदयू
जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने जहां भाजपा को आंख दिखाई वहीं नसीहत भी दी. केसी त्यागी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद साफ हो गया कि भाजपा अटल धर्म से विमुख हो चुकी है और सहयोगी दलों के हितों का ख्याल नहीं रखती.

प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

वहीं, भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि दोनों दलों के बीच कोई विवाद नहीं है. नीतीश कुमार बिहार में गठबंधन के नेता हैं. जहां तक सवाल लव जिहाद का है तो कई भाजपा शासित राज्यों में कानून लागू किया गया है और इसकी जरूरत भी है.

डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

'दोनों दलों के रिश्ते में आई तल्खी'
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि जदयू अब आक्रमक राजनीति करना चाहती है. पार्टी ने संकेत दे दिया है कि अब वह भाजपा के दबाव में आने वाले नहीं हैं और नीतीश कुमार अपने तरीके से सरकार को चलाना चाहेंगे. संजय कुमार ने कहा कि दोनों दलों के रिश्ते में तल्खी आई है इसकी परिणति क्या होगी यह देखने वाली बात है.

Last Updated : Dec 29, 2020, 11:06 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.