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जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट बहाली पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर

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Published : Jun 10, 2020, 10:36 AM IST

उच्चतम न्यायालय में जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सुविधा की बहाली को लेकर गृह मंत्रालय, बीवीआर सुब्रमण्यम, अजय कुमार भल्ला और प्रदेश के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही की मांग की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

no committee set up to review jammu kashmir situation to uplift internet restrictions
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : मीडिया प्रोफेशनल्स फाउंडेशन ने उच्चतम न्यायालय की अवमानना को लेकर एक याचिका दायर की है. यह याचिका जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सुविधा की बहाली को लेकर बताई जा रही है. याचिका में गृह मंत्रालय के सचिव अजय कुमार भल्ला और जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही की मांग की गई है.

याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में व्यवसाय, शिक्षा, मेडिकल आदि कार्यों और कोरोना की जानकारी के लिए 4G सेवा की जरूरत है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की गई थी.

इसके जवाब में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामें में जवाब दाखिल कर याचिका खारिज करने की बात कही थी.

इस पर तर्क दिया गया था कि 4G का इस्तेमाल आतंकी करेगें, इसलिए यह नहीं लागू किया जा सकता है. कहा गया था कि सभी जरूरी सेवाएं 2G के सहारे चल रही हैं.

प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा का खतरा बना हुआ है, मोबाइल इंटरनेट 2G रखने से भड़काऊ सामग्री के प्रसार पर अंकुश लगेगा. फिक्स लाइन इंटरनेट बिना स्पीड लिमिट उपलब्ध है.

छात्रों के लिए शिक्षा सामग्री उपलब्ध है, जो 2G इंटरनेट से हासिल करना संभव है और इंटरनेट सुविधा पाना मौलिक अधिकार पाने के हक का उल्लंघन नहीं है.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने देश की सुरक्षा और जनता की जरूरतों के बीच संतुलन की बात कहते हुए कहा कि राज्य में खुद तो 4G सेवा बहाल करने का आदेश नहीं दिया लेकिन राज्य में अलग-अलग जिलों में वहां की स्थिति का आंकलन कर इंटरनेट सेवा पर अंतिम निर्णय लेने के लिए सरकार को तुरंत एक हाई पॉवर स्पेशल कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था.

नई दिल्ली : मीडिया प्रोफेशनल्स फाउंडेशन ने उच्चतम न्यायालय की अवमानना को लेकर एक याचिका दायर की है. यह याचिका जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सुविधा की बहाली को लेकर बताई जा रही है. याचिका में गृह मंत्रालय के सचिव अजय कुमार भल्ला और जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही की मांग की गई है.

याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में व्यवसाय, शिक्षा, मेडिकल आदि कार्यों और कोरोना की जानकारी के लिए 4G सेवा की जरूरत है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की गई थी.

इसके जवाब में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामें में जवाब दाखिल कर याचिका खारिज करने की बात कही थी.

इस पर तर्क दिया गया था कि 4G का इस्तेमाल आतंकी करेगें, इसलिए यह नहीं लागू किया जा सकता है. कहा गया था कि सभी जरूरी सेवाएं 2G के सहारे चल रही हैं.

प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा का खतरा बना हुआ है, मोबाइल इंटरनेट 2G रखने से भड़काऊ सामग्री के प्रसार पर अंकुश लगेगा. फिक्स लाइन इंटरनेट बिना स्पीड लिमिट उपलब्ध है.

छात्रों के लिए शिक्षा सामग्री उपलब्ध है, जो 2G इंटरनेट से हासिल करना संभव है और इंटरनेट सुविधा पाना मौलिक अधिकार पाने के हक का उल्लंघन नहीं है.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने देश की सुरक्षा और जनता की जरूरतों के बीच संतुलन की बात कहते हुए कहा कि राज्य में खुद तो 4G सेवा बहाल करने का आदेश नहीं दिया लेकिन राज्य में अलग-अलग जिलों में वहां की स्थिति का आंकलन कर इंटरनेट सेवा पर अंतिम निर्णय लेने के लिए सरकार को तुरंत एक हाई पॉवर स्पेशल कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था.

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