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CAA विरोध : NSA डोभाल ने बड़ी साजिश कर दी नाकाम

नागरिकता संशोधन कानून पर प्रदर्शन की आड़ में राजधानी दिल्ली में बड़ी हिंसा की साजिश रची जा रही थी. गनीमत रही कि इसकी भनक एनएसए अजीत डोभाल को समय रहते लग गई और उनकी प्लानिंग से यह साजिश नाकाम हो गई.

conspiracy of violence
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Published : Dec 20, 2019, 6:39 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से खबर है कि गुरुवार को राजधानी में हुए प्रदर्शन के दौरान बाहर से आए लोग प्रदर्शन की आड़ में बड़ी हिंसा को अंजाम देने की तैयारी में थे. लेकिन समय रहते एनएसए को इसकी भनक लग गई और बड़ी हिंसा की साजिश फेल हो गई.


NSA डोभाल ने की थी बैठक
बुधवार देर रात तक पुलिस कमिश्नर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एनएसए अजीत डोभाल ने बैठक की थी. बैठक में पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक, विशेष आयुक्त कानून व्यवस्था, संयुक्त आयुक्त और 6 जिले के डीसीपी भी शामिल थे. बैठक में इस तरह की हिंसा की साजिश से निपटने के लिए रणनीति तैयार की गई. इस रणनीति का फायदा ये हुआ कि गुरुवार को राजधानी में हुए प्रदर्शन में कोई भी हिंसक घटना नहीं हुई.

CAA पर प्रदर्शन की आड़ में बड़ी हिंसा की थी साजिश

रणनीति के तहत की गई सघन चेकिंग
बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि हरियाणा की ओर से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी दिल्ली पहुंचेंगे और यहां पथराव और आगजनी की घटना को अंजाम देंगे. ऐसे में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए चेकिंग अभियान चलाए जाएं. साथ ही करीब 20 मेट्रो स्टेशन को भी बंद करने के आदेश दिए गए.

क्राइम ब्रांच समेत 18 हजार जवान थे तैनात
एनएसए अजीत डोभाल के निर्देशानुसार बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. जहां एक तरफ दिल्ली पुलिस के 13,000 जवान प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए मुस्तैद थे तो वहीं 5 हजार अतिरिक्त पुलिसकर्मी भी लगाए गए थे. साथ ही प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए क्राइम ब्रांच और आर्थिक अपराध शाखा के जवानों को भी तैनात किया गया था.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से खबर है कि गुरुवार को राजधानी में हुए प्रदर्शन के दौरान बाहर से आए लोग प्रदर्शन की आड़ में बड़ी हिंसा को अंजाम देने की तैयारी में थे. लेकिन समय रहते एनएसए को इसकी भनक लग गई और बड़ी हिंसा की साजिश फेल हो गई.


NSA डोभाल ने की थी बैठक
बुधवार देर रात तक पुलिस कमिश्नर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एनएसए अजीत डोभाल ने बैठक की थी. बैठक में पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक, विशेष आयुक्त कानून व्यवस्था, संयुक्त आयुक्त और 6 जिले के डीसीपी भी शामिल थे. बैठक में इस तरह की हिंसा की साजिश से निपटने के लिए रणनीति तैयार की गई. इस रणनीति का फायदा ये हुआ कि गुरुवार को राजधानी में हुए प्रदर्शन में कोई भी हिंसक घटना नहीं हुई.

CAA पर प्रदर्शन की आड़ में बड़ी हिंसा की थी साजिश

रणनीति के तहत की गई सघन चेकिंग
बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि हरियाणा की ओर से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी दिल्ली पहुंचेंगे और यहां पथराव और आगजनी की घटना को अंजाम देंगे. ऐसे में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए चेकिंग अभियान चलाए जाएं. साथ ही करीब 20 मेट्रो स्टेशन को भी बंद करने के आदेश दिए गए.

क्राइम ब्रांच समेत 18 हजार जवान थे तैनात
एनएसए अजीत डोभाल के निर्देशानुसार बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. जहां एक तरफ दिल्ली पुलिस के 13,000 जवान प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए मुस्तैद थे तो वहीं 5 हजार अतिरिक्त पुलिसकर्मी भी लगाए गए थे. साथ ही प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए क्राइम ब्रांच और आर्थिक अपराध शाखा के जवानों को भी तैनात किया गया था.

Intro:नई दिल्ली
गुरुवार को राजधानी में हुए प्रदर्शन के दौरान बाहर से आए लोगों द्वारा बड़ी हिंसा को अंजाम देने की तैयारी थी. लेकिन समय रहते इसकी भनक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को मिल गई. उन्होंने बुधवार को देर रात तक पुलिस कमिश्नर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक कर इस हिंसा से निपटने के लिए रणनीति तैयार की. इसका फायदा भी देखने को मिला और गुरुवार को दिल्ली में किसी प्रकार की हिंसा नहीं हो पाई.


Body:पुलिस सूत्रों के अनुसार बुधवार देर रात नई दिल्ली इलाके में एक टॉप सीक्रेट मीटिंग आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे थे. वहीं इस बैठक में पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक, विशेष आयुक्त कानून व्यवस्था, संयुक्त आयुक्त एवं 6 जिला के डीसीपी भी शामिल थे. अचानक बुलाई इस बैठक में जब पुलिस अधिकारी पहुंचे तो वहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उन्हें बताया कि गुरुवार को राजधानी में बड़ी हिंसा को अंजाम देने की तैयारी की गई है. यह बैठक उसी से निपटने के लिए बुलाई गई है.


रणनीति के तहत की गई जांच, मेट्रो को किया बंद
इस बैठक में उन्होंने बताया कि हरियाणा की तरफ से बड़ी संख्या में बाहरी लोग इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आएंगे. यह प्रदर्शनकारी यहां पर आकर पथराव एवं आगजनी को अंजाम देंगे. इस मामले की जांच करने पर भी यह पता नहीं हो पाएगा कि किन लोगों ने इस हिंसा को अंजाम दिया. इसलिए सबसे जरूरी काम बाहर से आने वाले प्रदर्शनकारियों को रोकना रहेगा. इस रणनीति के तहत ही दिल्ली में लगभग 20 मेट्रो स्टेशनों को बंद किया गया था तो वहीं दूसरी तरफ गुड़गांव से पुलिस जांच करने के बाद ही गाड़ियों को आगे जाने दिया जा रहा था. इसकी वजह से लोगों को जाम का सामना करना पड़ा.



क्राइम ब्रांच सहित 18 हजार जवान थे तैनात
इसके साथ ही अजीत डोभाल के निर्देशानुसार बड़ी संख्या में पुलिस बल को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. जहां एक तरफ दिल्ली पुलिस के 13,000 जवान इन प्रदर्शनों में तैयारी के साथ खड़े किए गए थे तो वहीं 5,000 अतिरिक्त पुलिस बल को भी लगाया गया था. पहली बार ऐसे प्रदर्शन में क्राइम ब्रांच और आर्थिक अपराध शाखा के जवानों को भी तैनात किया गया था.


Conclusion:देर रात तक चली यह बैठक
सूत्रों के अनुसार देर रात तक चली इस बैठक के बाद नई दिल्ली में पुलिस कमिश्नर ने भी अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें यह तय किया कि केवल जंतर मंतर पर ही प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी. वहीं अन्य जगहों से प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया जाएगा.
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