नई दिल्ली: कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि वह और राहुल गांधी पार्टी के नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते. बैठक में राहुल गांधी का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया गया.
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक से बाहर निकलने के बाद सोनिया ने संवाददाताओं से कहा कि अध्यक्ष तय करने के लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू हुई है. मैं और राहुल इसका हिस्सा नहीं हो सकते. मेरा नाम बैठक के लिए गलती से शामिल हो गया था.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'सभी सदस्यों ने राहुल गांधी से अध्यक्ष बने रहने और नेतृत्व करने का एक सहमति से आग्रह किया. उन्होंने यह अनुरोध भी किया कि आज जब मौजूदा सरकार संवैधानिक प्रावधानों, नागरिकों के अधिकारों और संस्थाओं पर आक्रमण कर रही है तो ऐसे समय मजबूत विपक्ष के लिए और कांग्रेस को नेतृत्व देने के लिए राहुल गांधी उपयुक्त व्यक्ति है.'
उन्होंने कहा कि गांधी ने अपना इस्तीफा वापस लेने से इनकार किया और कहा कि सीडब्ल्यूसी के सदस्यों और दूसरे नेताओं से नए अध्यक्ष को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया जाए.
सुरजेवाला ने कहा कि सीडब्ल्यूसी पांच अलग-अलग समूहों में परामर्श कर रही है. रात आठ बजे सीडब्ल्यूसी की फिर बैठक होगी जिसमें इन समूहों की बातचीत में निकले निष्कर्ष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा.
सुरजेवाला ने यह भी कहा कि अभी गांधी का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है और सीडब्ल्यूसी के विचाराधीन है.
दरअसल, इस्तीफा देते समय राहुल गांधी ने स्पष्ट किया था कि गांधी परिवार का कोई व्यक्ति अध्यक्ष नहीं बनेगा और वह इसके चयन की प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे.
यहां सीडब्ल्यूसी की बैठक की शुरुआत में पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, वरिष्ठ अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और कई अन्य नेता शामिल हुए.
पार्टी के नये अध्यक्ष को लेकर मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे सहित कई वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा है.
वैसे, अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के कई नेता प्रियंका गांधी के नाम की पैरवी कर चुके हैं.
खबर के मुताबिक राहुल गांधी कल वायनाड में रहेंगे. यह उनका संसदीय क्षेत्र है और यहां वे बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे.
पांच जोन में बांटा गया पार्टी को
बैठक में पार्टी को पांच जोन में बांटा गया है. सीडब्ल्यूसी सभी राज्यों से अपना मत लेगी. खबरों की माने तो अब कांग्रेस अध्यक्ष पद पर अंतिम फैसला में वक्त लग सकता है.
बता दें कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से बनी असमंजस की स्थिति और नेतृत्व के संकट को खत्म करने की कोशिश करते हए कांग्रेस ने शनिवार यानी 10 अगस्त को पार्टी की कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में राहुल गांधी, सोनिया गांधी सहित तमाम बड़े नेता मौजूद रहें. सोनिया ने बैठक में कहा कि वे और राहुल पार्टी के अध्यक्ष पद की चयन प्रक्रिया के हिस्सा नहीं बनेंगे.
इस मीटिंग में पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों और राष्ट्रीय नेताओं को बुलाया गया . खबर के मुताबिक अलग-अलग 5 खेमों में नेताओं के चर्चा किए जाने की बात हुई.
बैठक से पूर्व क्या कहा वेणुगोपाल ने
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा की 10 अगस्त को सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी. वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, 'यह निर्णय हुआ है कि कांग्रेस कार्य समिति की अगली बैठक 10 अगस्त को सुबह 11 बजे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में होगी.'
माना जा रहा है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर कोई फैसला हो सकता है.
नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद गत 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में गांधी की ओर से इस्तीफे की पेशकश के बाद से सीडब्ल्यूसी की अगली बैठक और अगले अध्यक्ष को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही थीं.
सिंघवी ने इस बात पर दिया जोर, जानें
दूसरी तरफ कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर होने जा रही कार्य समिति की बैठक से एक दिन पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को कहा कि ऐसे अध्यक्ष का चयन होना चाहिए जो सहमति बनाकर चले.
चयन प्रक्रिया पर जोर
उन्होंने नए अध्यक्ष के चयन के लिए पार्टी के भीतर चुनाव की प्रक्रिया अपनाने पर जोर देते हुए यह भी कहा कि इस चयन में अब जरा भी देर नहीं होनी चाहिए.
फैसला जल्द हो
शशि थरूर और पार्टी के कई नेता यह खुलकर कह चुके हैं कि यह असमंजस की स्थिति खत्म होनी चाहिए और नए अध्यक्ष को लेकर जल्द फैसला होना चाहिए.
अध्यक्ष के लिए नामों की चर्चा
पार्टी के नये अध्यक्ष को लेकर मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे सहित कई वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा है.
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी युवा नेता को सौंपने की बात की और फिर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम की पैरवी की.
वैसे, कांग्रेस के कई दूसरे नेता भी अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका के नाम की पैरवी कर चुके हैं.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उस वक्त उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए सीडब्ल्यूसी ने उन्हें पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था, हालांकि गांधी अपने रुख पर अड़े रहे और स्पष्ट कर दिया कि न तो वह और न ही गांधी परिवार का कोई दूसरा सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा.
काम करते रहेंगे
अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए गांधी ने यह भी कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहते हुए भी वह पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहेंगे. उनके समर्थन में बहुत सारे नेताओं ने भी इस्तीफा दे दिया था.
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गांधी के इस्तीफे के बाद से अगले अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी में लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है. नए अध्यक्ष को चुनने के लिए कई दौर की बैठकें हुईं लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाई.