नई दिल्ली: चुनाव आयोग द्वारा वोटों की गिनती से पहले वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया है. ईसी द्वारा अर्जी खारिज कर देने को कांग्रेस ने लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश के 23 राजनीतिक दल और पूरी भारत की 75% जनता के प्रतिनिधियों की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया.
उन्होंने कहा कि अब यह चुनाव आयोग नहीं बल्कि मोदी आयोग बनकर रह गया है. सिंघवी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का भरोसा कायम रह सके इसलिए ईवीएम पर उठ रहे सवाल को बस खत्म करने की बात थी लेकिन आयोग ने उसे भी खारिज कर दिया.
सिंघवी ने कहा कि चुनाव आचार संहिता मानो मोदी प्रचार संहिता बनकर रह गया है. देश की 75% जनता के प्रतिनिधित्व करने वाली 23 राजनीतिक दलों के नेताओं की मांग यह नहीं है कि चुनाव दोबारा कराया जाए बस इतनी है कि ईवीएम और वीवीपट का मिलान करा लिया जाए.
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उन्होंने कहा कि आयोग ने हमारी मांग सिर्फ इसलिए खारिज कर दी क्योंकि उसका मानना है इससे चुनाव परिणाम आने में विलंब हो जाएगा. हमारी दलील यह है कि परिणाम में विलंब होने से ज्यादा जरूरी है, लोकतंत्र पर आम जनता का भरोसा कायम रहना. आयोग ने देश के 75% प्रतिनिधियों की अर्जी को खारिज कर यह दिखाया है कि उनका भरोसा सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह में है, इसलिए हमारा मानना है कि लोकतंत्र के लिए काला दिन है.
चुनाव आयोग ने हमारी बात ना मानकर यह साबित कर दिया कि उनका भरोसा लोकतंत्र में नहीं है. एक संवैधानिक संस्था का ऐसा रवैया भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद है.