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कांग्रेस का EC पर निशाना, कहा- मोदी प्रचार संहिता बनकर रह गई चुनाव आचार संहिता - EVM

वीवीपैट मिलान करने की विपक्ष की अर्जी खारिज होने के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अब मोदी आयोग बनकर रह गया है और चुनाव आचार संहिता मानो मोदी प्रचार संहिता बनकर रह गया है.

अभिषेक मनु सिंघवी
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Published : May 22, 2019, 10:14 PM IST

नई दिल्ली: चुनाव आयोग द्वारा वोटों की गिनती से पहले वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया है. ईसी द्वारा अर्जी खारिज कर देने को कांग्रेस ने लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश के 23 राजनीतिक दल और पूरी भारत की 75% जनता के प्रतिनिधियों की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया.

उन्होंने कहा कि अब यह चुनाव आयोग नहीं बल्कि मोदी आयोग बनकर रह गया है. सिंघवी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का भरोसा कायम रह सके इसलिए ईवीएम पर उठ रहे सवाल को बस खत्म करने की बात थी लेकिन आयोग ने उसे भी खारिज कर दिया.

देखें वीडियो.

सिंघवी ने कहा कि चुनाव आचार संहिता मानो मोदी प्रचार संहिता बनकर रह गया है. देश की 75% जनता के प्रतिनिधित्व करने वाली 23 राजनीतिक दलों के नेताओं की मांग यह नहीं है कि चुनाव दोबारा कराया जाए बस इतनी है कि ईवीएम और वीवीपट का मिलान करा लिया जाए.

पढ़ेंः मतगणना के दौरान हिंसा की आशंका, गृह मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट

उन्होंने कहा कि आयोग ने हमारी मांग सिर्फ इसलिए खारिज कर दी क्योंकि उसका मानना है इससे चुनाव परिणाम आने में विलंब हो जाएगा. हमारी दलील यह है कि परिणाम में विलंब होने से ज्यादा जरूरी है, लोकतंत्र पर आम जनता का भरोसा कायम रहना. आयोग ने देश के 75% प्रतिनिधियों की अर्जी को खारिज कर यह दिखाया है कि उनका भरोसा सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह में है, इसलिए हमारा मानना है कि लोकतंत्र के लिए काला दिन है.

चुनाव आयोग ने हमारी बात ना मानकर यह साबित कर दिया कि उनका भरोसा लोकतंत्र में नहीं है. एक संवैधानिक संस्था का ऐसा रवैया भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद है.

नई दिल्ली: चुनाव आयोग द्वारा वोटों की गिनती से पहले वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया है. ईसी द्वारा अर्जी खारिज कर देने को कांग्रेस ने लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश के 23 राजनीतिक दल और पूरी भारत की 75% जनता के प्रतिनिधियों की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया.

उन्होंने कहा कि अब यह चुनाव आयोग नहीं बल्कि मोदी आयोग बनकर रह गया है. सिंघवी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का भरोसा कायम रह सके इसलिए ईवीएम पर उठ रहे सवाल को बस खत्म करने की बात थी लेकिन आयोग ने उसे भी खारिज कर दिया.

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सिंघवी ने कहा कि चुनाव आचार संहिता मानो मोदी प्रचार संहिता बनकर रह गया है. देश की 75% जनता के प्रतिनिधित्व करने वाली 23 राजनीतिक दलों के नेताओं की मांग यह नहीं है कि चुनाव दोबारा कराया जाए बस इतनी है कि ईवीएम और वीवीपट का मिलान करा लिया जाए.

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उन्होंने कहा कि आयोग ने हमारी मांग सिर्फ इसलिए खारिज कर दी क्योंकि उसका मानना है इससे चुनाव परिणाम आने में विलंब हो जाएगा. हमारी दलील यह है कि परिणाम में विलंब होने से ज्यादा जरूरी है, लोकतंत्र पर आम जनता का भरोसा कायम रहना. आयोग ने देश के 75% प्रतिनिधियों की अर्जी को खारिज कर यह दिखाया है कि उनका भरोसा सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह में है, इसलिए हमारा मानना है कि लोकतंत्र के लिए काला दिन है.

चुनाव आयोग ने हमारी बात ना मानकर यह साबित कर दिया कि उनका भरोसा लोकतंत्र में नहीं है. एक संवैधानिक संस्था का ऐसा रवैया भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद है.

Intro:चुनाव आयोग द्वारा वोटों की गिनती से पहले वीवीपैट मिलान करने की विपक्ष की अर्जी खारिज कर देने को कांग्रेस ने लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा देश के 23 राजनीतिक दल और पूरी भारत की 75% जनता के प्रतिनिधियों की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया. अब मोदी आयोग बनकर रह गया है .अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा लोकतंत्र में जनता का भरोसा कायम रह सके .इसलिए ईवीएम पर उठ रहे संदेश को बस खत्म करने की बात थी .आयोग ने उसे भी खारिज कर दिया.


Body:अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा चुनाव आचार संहिता मानो मोदी प्रचार संहिता बनकर रह गया है. देश की 75% जनता के प्रतिनिधित्व करने वाली 23 राजनीतिक दलों के नेताओं की मांग यह नहीं की चुनाव दुबारा कराया जाए बस में ईवीएम और वीवीपट का मिलन करा लिया जाए .आयोग ने हमारी मांग सिर्फ इसलिए खारिज कर दी क्योंकि उसका मानना है इससे चुनाव परिणाम आने में विलंब हो जाएगा हमारी दलील यह है कि परिणाम में विलंब होने से ज्यादा जरूरी है लोकतंत्र पर आम जनता का भरोसा कायम रहना आयोग ने देश के 75% प्रतिनिधियों की अर्जी को खारिज कर इस दिखा है उनका भरोसा सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह में है इसलिए हमारा मानना है कि लोकतंत्र के लिए काला दिन है कई साल तक पार्टी के प्रतिनिधियों ने मंगलवार शाम को चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि मतों की गिनती से पहले 5% वीवीपट का मिलान कहां लिया जाए ताकि इस बात का अंदेशा खत्म हो ईवीएम में गड़बड़ी है लेकिन आयोग ने हमारी बात ना मानकर यह साबित कर दिया कि उनका भरोसा लोकतंत्र में नहीं है एक संवैधानिक संस्था का यह रवैया भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद है.


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