सिलवासा: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर मामले में कांग्रेस के स्टैंड पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 'शर्मिंदा' होना चाहिए कि उनके नेता राहुल गांधी का बयान पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मसले पर इस्तेमाल किया जा रहा है.
एक रैली में भाजपा अध्यक्ष शाह ने कहा कि लोगों ने अनुच्छेद 370 को संशोधित पर नरेंद्र मोदी सरकार के कदम का समर्थन किया है. राहुल पर प्रहार करते हुए कहा कुछ लोग अभी भी इसका विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 को हटाने के कदम का विरोध किया. राहुल गांधी के बयान की पाकिस्तान में सराहना की जाती है. पाकिस्तान ने उनकी टिप्पणियों को अपनी याचिका में शामिल किया है. कांग्रेस नेताओं को शर्म आनी चाहिए कि इन बयानों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जा रहा है.'
दरअसल राहुल ने एक बयान में हिंसा की खबरों और कश्मीर में 'लोगों के मरने' के बारे में कहा था. यह बयान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के हटने के बाद दिया गया था. इसका उल्लेख पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपनी याचिका में किया है.
शाह ने कहा कि कश्मीर में एक भी गोली या आंसू गैस के गोले नहीं दागे गए हैं और न ही किसी की मौत हुई है, जब से केंद्र ने अनुच्छेद 370 को रद्द किया है.
उन्होंने रैली में कहा, 'आज कश्मीर की कानून-व्यवस्था के बारे में सवाल उठाए जा रहे हैं. मैं बताना चाहूंगा कि वहां की स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है. अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से एक भी गोली या आंसू गैस के गोले नहीं दागे गए हैं. न ही कश्मीर में कोई हत्या हुई है.'
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शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा निरस्त करके वहां पर विकास का मार्ग प्रशस्त किया गया है और यह 'आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील' साबित होगा.
बता दें, कांग्रेस ने राहुल गांधी का नाम घसीटने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ट्वीट किया था कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें पाकिस्तान या किसी अन्य देश के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है.
शाह ने कांग्रेस पर राष्ट्रीय हितों के मुद्दों पर सरकार का समर्थन करने वाले विपक्ष की परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाया.
उन्होंने भाजपा और उसके पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ पर दावा किया जब हम विपक्ष में थे, तब जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग घोषित करने वाले प्रस्तावों पर या पाकिस्तान और चीन के साथ युद्ध जैसे राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर सरकार का हमने भरपूर समर्थन किया था.
उन्होंने कहा, 'यह देश में एक परंपरा रही है, जब भी सवाल राष्ट्रीय हित का हो, तो हमें देश के बारे में सोचने के लिए दल-राजनीति से ऊपर उठना चाहिए. आप (कांग्रेस) परंपरा को तोड़ रहे हैं. आपको नहीं पता है कि आप वोट बैंक की राजनीति करते है, लेकिन लोग आपका आंकलन कर रहे हैं.'
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शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भारत विरोधी नारे लगाने वाले लोगों के साथ यह खड़े थे. साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक पर मोदी सरकार पर सवाल उठाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, 'जब जेएनयू में नारे लगाए गए, तो कांग्रेस उन लोगों के साथ खड़ी थी. वहीं, जब मोदी सरकार ने पाक में सर्जिकल स्ट्राइक किया, तो उन्होंने भी पाक की तरह सवाल उठाए और पूछा कि तस्वीरें कहां हैं.'
शाह ने कहा, 'अब जब हमने अनुच्छेद 370 और 35A को हटा दिया है, तब भी आप हमारा विरोध करना जारी रखे हैं. मैं कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आप राजनीति कहां करना चाहते हैं? आप भारत के लोगों को नहीं जानते, जो नरेंद्र मोदी के पीछे चट्टान की तरह खड़े हैं?'
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने का निर्णय सिर्फ पीएम मोदी ही ले सकते थे. इस कदम से राज्य की शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.
भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं आपको बता सकता हूं, उनके मंत्री के तौर पर मोदीजी द्वारा लिया गया निर्णय ऐसा है जिसे कोई और ले ही नही सकता था. कई लोग 70 साल में आए और तीन पीढ़ियों तक शासन कर गए, लेकिन अनुच्छेद 370 को नहीं हटा पाए. लोग इस फैसले पर पीएम को आशीर्वाद दे रहे हैं.'
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अपने सिलवासा दौरे के दौरान शाह ने 61 करोड़ रुपये के शैक्षणिक केंद्र की आधारशिला रखी. इसके अलावा उन्होंने 8 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एक पैरामेडिकल संस्थान भवन और 10 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य केंद्र का भी उद्घाटन किया.
उन्होंने एक एनजीओ अक्षय पात्र द्वारा केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली में सस्ते भोजन की योजना मजदूरों के साथ 280 स्कूलों के लिए भी मिड-डे मील योजना शुरू किया. शाह ने यहां एक मेडिकल कॉलेज के पहले शैक्षणिक सत्र की भी शुरुआत की.