नई दिल्ली : देश के आर्थिक हालात पर विपक्षी कांग्रेस पार्टी एक से आठ नवम्बर तक 35 प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी. साथ ही पार्टी इस मुद्दे पर पांच से 15 नवम्बर तक विरोध-प्रदर्शन भी करेगी.
बता दें कि कांग्रेस ने बीते दिनों आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार अर्थव्यवस्था के 'संकट' को दूर करने के लिए कदम उठाने की बजाय राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने यह सवाल भी किया कि क्या अब देश में BJP के लिए एक निजाम और विपक्ष के लिए दूसरा निजाम है?
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत गंभीर है और यह राष्ट्रीय चिंता का विषय है. निवेश टूट गया है, लोगों की नौकरियां जा रही हैं और पूंजी नहीं है.'
शर्मा ने दावा किया, 'अगर सरकार के पास अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक करने के लिए कोई सोच और नीयत नहीं है तो आने वाले दिन देश के लिए और भी तकलीफदेह होंगे.'
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शर्मा ने कहा, 'सरकार ने इस वित्त वर्ष में करीब 24 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा था। पहले पांच महीने में सरकार अपने लक्ष्य से बहुत दूर नजर आ रही है.'
कांग्रेस के एक अकाउंटेंट के यहां आयकर विभाग की कथित छापेमारी की पृष्ठभूमि में शर्मा ने कहा, 'यह सरकार प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है. अब कांग्रेस के नेताओं के साथ ही उसके कर्मचारियों के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है. जो देश लूटकर चले गये, उनसे इस सरकार को कोई मतलब नहीं है.'
चुनावी चंदे का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि गत लोकसभा चुनाव में कुल खर्च का 60 फीसदी से अधिक भाजपा ने खर्च किया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह दावा भी किया कि अर्थव्यवस्था की खराब हालत को ठीक करने की बजाय यह सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है और विरोधियों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.
उन्होंने कहा कि अगर वित्त मंत्री को अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर कोई चिंता है तो उन्हें इससे जुड़े सवालों का जवाब देना चाहिए.