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राहुल का इस्तीफा नामंजूर, पार्टी बोली- आपकी जरूरत है

लोकसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने नतीजों पर मंथन किया. बैठक के बाद कांग्रेस ने राहुल के इस्तीफे को खारिज किया और कहा कि पार्टी को उनकी जरूरत है. पढ़ें पूरी खबर

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला
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Published : May 25, 2019, 4:15 PM IST

Updated : May 25, 2019, 4:35 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई. बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे. सहयोगी दलों का शुक्रिया अदा किया.

सीडब्लूसी की बैठक में क्या हुआ, कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रमुख बिंदु

  • 12 करोड़ मतदाताओं का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने कांग्रेस को वोट दिया.
  • सीडब्लूसी ने सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया. सभी सहयोगी दलों का धन्यवाद किया.
  • राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन सीडब्लूसी ने इसे खारिज कर दिया.
  • सीडब्लूसी ने राहुल गांधी को युवाओं, किसानों, महिलाओं, एससी, एसटी, अल्पसंख्यकों के लिए लड़ते रहने को कहा.
  • कांग्रेस इस हार पर आत्मचिंतन कर रही है. पार्टी के संगठनात्मक ढांचे पर काम करेगी. उसमें आमूलचुल सुधार लाएगी.
  • सीडब्लूसी ने इस पर चिंता व्यक्त किया है.
  • बैंकों में बढ़ती एनपीए चिंता का विषय है.
  • ईरान पर प्रतिबंध के मद्देनजर बढ़ती तेल की कीमत भी आम लोगों के लिए चिंता का विषय है. बढ़ती महंगाई आम लोगों के लिए परेशानी है.
  • नौकरियों का घोर संकट बना हुआ है, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहे हैं.
  • किसानों के सामने संकट पहले की तरह बना हुआ है.
  • सामाजिक सद्भाव और भाईचारे पर आक्रमण हो रहा है.
  • सीडब्लूसी सरकार से कहेगी, इसका समाधान ढूंढे. कांग्रेस पार्टी सकारात्मक और सहयोगात्मक योगदान करती रहेगी.

क्या कहा पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने

राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करने का माद्दा सिर्फ राहुल के पास है.

उन्होंने पिछले पांच सालों तक काम किया है. संघर्ष किया है. जनता के सवालों को उठाया है.

यदि दूसरा व्यक्ति आता है, तो उन्हें समझने में फिर पांच साल लगेगा, इसलिए राहुल गांधी को ही अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए.

क्या कहा पूर्व रक्षा मंत्री एके अंटनी ने

यह हार है, लेकिन यह विनाशकारी हार नहीं है.

लेकिन ये सच है कि हम जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतर पाए.

आज हमने हार के लिए प्राथमिक तौर पर कुछ आम कारणों की ही चर्चा की.

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 52 सीटें मिलने के बाद से ही मंथन शुरू हो गया था. यह संख्या पार्टी को पिछले लोकसभा में पार्टी को मिली 44 सीटों से मात्र आठ ज्यादा है.

इससे पहले की रिपोर्टों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की शीर्ष इकाई की बैठक शुरू होने के तुरंत बाद 2019 आम चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी. सीडल्ब्यूसी ने हालांकि उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

पढ़ें-CWC की बैठक खत्म, राहुल इस्तीफे पर अड़े, मीडिया प्रमुख ने बताया गलत

सीडब्लूसी की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे पार्टी के ज्यादातर वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.

इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई. बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे. सहयोगी दलों का शुक्रिया अदा किया.

सीडब्लूसी की बैठक में क्या हुआ, कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रमुख बिंदु

  • 12 करोड़ मतदाताओं का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने कांग्रेस को वोट दिया.
  • सीडब्लूसी ने सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया. सभी सहयोगी दलों का धन्यवाद किया.
  • राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन सीडब्लूसी ने इसे खारिज कर दिया.
  • सीडब्लूसी ने राहुल गांधी को युवाओं, किसानों, महिलाओं, एससी, एसटी, अल्पसंख्यकों के लिए लड़ते रहने को कहा.
  • कांग्रेस इस हार पर आत्मचिंतन कर रही है. पार्टी के संगठनात्मक ढांचे पर काम करेगी. उसमें आमूलचुल सुधार लाएगी.
  • सीडब्लूसी ने इस पर चिंता व्यक्त किया है.
  • बैंकों में बढ़ती एनपीए चिंता का विषय है.
  • ईरान पर प्रतिबंध के मद्देनजर बढ़ती तेल की कीमत भी आम लोगों के लिए चिंता का विषय है. बढ़ती महंगाई आम लोगों के लिए परेशानी है.
  • नौकरियों का घोर संकट बना हुआ है, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहे हैं.
  • किसानों के सामने संकट पहले की तरह बना हुआ है.
  • सामाजिक सद्भाव और भाईचारे पर आक्रमण हो रहा है.
  • सीडब्लूसी सरकार से कहेगी, इसका समाधान ढूंढे. कांग्रेस पार्टी सकारात्मक और सहयोगात्मक योगदान करती रहेगी.

क्या कहा पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने

राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करने का माद्दा सिर्फ राहुल के पास है.

उन्होंने पिछले पांच सालों तक काम किया है. संघर्ष किया है. जनता के सवालों को उठाया है.

यदि दूसरा व्यक्ति आता है, तो उन्हें समझने में फिर पांच साल लगेगा, इसलिए राहुल गांधी को ही अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए.

क्या कहा पूर्व रक्षा मंत्री एके अंटनी ने

यह हार है, लेकिन यह विनाशकारी हार नहीं है.

लेकिन ये सच है कि हम जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतर पाए.

आज हमने हार के लिए प्राथमिक तौर पर कुछ आम कारणों की ही चर्चा की.

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 52 सीटें मिलने के बाद से ही मंथन शुरू हो गया था. यह संख्या पार्टी को पिछले लोकसभा में पार्टी को मिली 44 सीटों से मात्र आठ ज्यादा है.

इससे पहले की रिपोर्टों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की शीर्ष इकाई की बैठक शुरू होने के तुरंत बाद 2019 आम चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी. सीडल्ब्यूसी ने हालांकि उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

पढ़ें-CWC की बैठक खत्म, राहुल इस्तीफे पर अड़े, मीडिया प्रमुख ने बताया गलत

सीडब्लूसी की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे पार्टी के ज्यादातर वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.

इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे.

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Last Updated : May 25, 2019, 4:35 PM IST
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