नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि चुनाव परिणाम बेहतर हो सकता था, यदि महागठबंधन में सीटों का बंटवारा बेहतर तरीके से हुआ होता.
उन्होंने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि यदि सीटों का बंटवारा बेहतर तरीके से हुआ होता, तो परिणाम निश्चित रूप से बेहतर होते. एनडीए के साथ मार्जिन बहुत कम था. उन्होंने कहा कि लेफ्ट पार्टियों ने चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया.
सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई-एमएल सहित वाम दलों ने महागठबंधन के साथ मिलकर 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 16 सीटों पर जीत हासिल की. सीपीआई-एमएल ने 12 सीटों पर जीत हासिल की और सीपीआई व सीपीएम को दो-दो सीटों पर जीत मिली.
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा. उसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 19 पर जीत हासिल कर पाई थी. पिछले चुनाव की तुलना में पार्टी के खाते में आठ सीटें कम आई हैं.
उपचुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. गुजरात में कांग्रेस को आठ में से एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. मध्य में प्रदेश में हुए उपचुनाव में 28 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ नौ सीटों पर कब्जा जमा पाई. वहीं, कर्नाटक, मणिपुर और उत्तर प्रदेश में पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली.
डी राजा ने कहा कि कांग्रेस को परिणामों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. इसी तरह राष्ट्रीय जनता दल और अन्य पार्टियों को भी विचार करना चाहिए.
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राजा ने एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने असल मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ा और भाजपा का यह दावा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से वह चुनाव जीते हैं, बिल्कुल गलत है.
डी राजा ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों का असर पश्चिम बंगाल और असम में होने वाले चुनावों पर भी पड़ेगा. उन्होंने पार्टी को सरहाते हुए कहा कि वोट और सीट शेयर, दोनों में बढ़ोतरी हुई है. पिछले वर्ष सीपीआई और सीपीएम में किसी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी.