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EU सांसदों के कश्मीर दौरे पर कांग्रेस बोली - 72 वर्षों में देश की यह सबसे बड़ी राजनीतिक भूल

यूरोपीय यूनियन (ईयू) के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे पर कांग्रेस ने भाजपा को कठघरे में खड़ा किया है. कांग्रेस का आरोप है कि भारत सरकार ने कश्मीर को लेकर नीति ही पलट दी है. कांग्रेस ने इस मामले में केंद्र सरकार से कई सवाल किये और प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण की मांग की. पढ़ें पूरी खबर...

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला
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Published : Oct 30, 2019, 7:13 PM IST

Updated : Oct 30, 2019, 10:11 PM IST

नई दिल्ली : यूरोपीय यूनियन (ईयू) के सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। इस क्रम में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार ने कश्मीर को लेकर भारत की नीति पलट दी है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भारत की 72 वर्षों से यह नीति रही है कि कश्मीर मुद्दे पर किसी का भी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा. वहीं केंद्र की भाजपा सरकार ने इसको पलट दिया.

EU सांसदों के कश्मीर दौरे पर कांग्रेस द्वारा केंद्र का घेराव

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण कर रही है.

इसके साथ ही रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार से सवाल किया कि मादी शर्मा कौन है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार व्यक्तिगत यात्रा पर आए यूरोपीय संघ के सांसदों का लाल कालीन बिछाकर स्वागत करती है, वहीं देश के सांसदों को एयपोर्ट से ही वापस भेज दिया जाता है.

सुरजेवाला ने कहा कि यूरोपीय संघ के सांसद अपने देशों से औपचारिक यात्रा पर नहीं हैं. उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर द्वारा लाया गया है.

EU सांसदों के कश्मीर दौरे पर कांग्रेस द्वारा केंद्र का घेराव

उन्होंने कहा कि भाजपा के इस निर्णय से स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने भारत की कूटनीति को अंतरराष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर के हाथों गिरवी रख दिया है.

सुरजेवाला ने मादी शर्मा को लेकर सवाल किया कि भाजपा का उनसे और उनके एनजीओ (Women's Eco-Nomic and Social Think tank ) से क्या जूड़ाव है. उन्होंने यह भी पूछा कि इस पूरे मामले में विदेश मंत्रालय को क्यों दरकिनार कर दिया गया.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई यह है कि पिछले 72 सालों में देश की यह सबसे बड़ी राजनीतिक भूल है. मोदी सरकार ने एक तीसरे पक्ष को कश्मीर बुलाकर देश की घोषित नीति का उल्लंघन कर घोर पाप किया है. ऐसा करके मोदी सरकार ने कश्मीर की सम्प्रभुता को भी चुनौती दे दी है.

पढ़ें - EU प्रतिनिधिमंडल : अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मामला

कांग्रेस ने मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी देश की सम्प्रभुता को चुनौती देने, राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रहार करने और देश की संसद का अपमान करने वाले इन निर्णयों के बारे में आगे बढ़कर देश को स्पष्टीकरण दें.

नई दिल्ली : यूरोपीय यूनियन (ईयू) के सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। इस क्रम में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार ने कश्मीर को लेकर भारत की नीति पलट दी है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भारत की 72 वर्षों से यह नीति रही है कि कश्मीर मुद्दे पर किसी का भी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा. वहीं केंद्र की भाजपा सरकार ने इसको पलट दिया.

EU सांसदों के कश्मीर दौरे पर कांग्रेस द्वारा केंद्र का घेराव

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण कर रही है.

इसके साथ ही रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार से सवाल किया कि मादी शर्मा कौन है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार व्यक्तिगत यात्रा पर आए यूरोपीय संघ के सांसदों का लाल कालीन बिछाकर स्वागत करती है, वहीं देश के सांसदों को एयपोर्ट से ही वापस भेज दिया जाता है.

सुरजेवाला ने कहा कि यूरोपीय संघ के सांसद अपने देशों से औपचारिक यात्रा पर नहीं हैं. उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर द्वारा लाया गया है.

EU सांसदों के कश्मीर दौरे पर कांग्रेस द्वारा केंद्र का घेराव

उन्होंने कहा कि भाजपा के इस निर्णय से स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने भारत की कूटनीति को अंतरराष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर के हाथों गिरवी रख दिया है.

सुरजेवाला ने मादी शर्मा को लेकर सवाल किया कि भाजपा का उनसे और उनके एनजीओ (Women's Eco-Nomic and Social Think tank ) से क्या जूड़ाव है. उन्होंने यह भी पूछा कि इस पूरे मामले में विदेश मंत्रालय को क्यों दरकिनार कर दिया गया.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई यह है कि पिछले 72 सालों में देश की यह सबसे बड़ी राजनीतिक भूल है. मोदी सरकार ने एक तीसरे पक्ष को कश्मीर बुलाकर देश की घोषित नीति का उल्लंघन कर घोर पाप किया है. ऐसा करके मोदी सरकार ने कश्मीर की सम्प्रभुता को भी चुनौती दे दी है.

पढ़ें - EU प्रतिनिधिमंडल : अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मामला

कांग्रेस ने मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी देश की सम्प्रभुता को चुनौती देने, राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रहार करने और देश की संसद का अपमान करने वाले इन निर्णयों के बारे में आगे बढ़कर देश को स्पष्टीकरण दें.

Intro:New Delhi: While accusing Modi government for internationalising the Kashmir issue and reversing India's tested policy of not allowing any third party's interference in country's internal matter, Congress questioned the government over the "mystery woman" Madi Sharma and her NGO, Women's Eco-Nomic and Social Think tank (WESTT), who were instrumental in facilitating the trip.


Body:By calling it as the "biggest diplomatic blunder" in the Indian history, Congress Spokesperson Randeep Singh Surjewala said, "Modi Government has made a spectacle of India's diplomacy by outsourcing diplomacy to an International Business Broker. Will the Prime Minister tell as to who is 'Madi Sharma'? Why and in what capacity is a Madi Sharma fixing an appointment for the delegation of EU MPs with our PM, on a personal visit and why Government of India is facilitating it?"

"Over the last three days, India witnessed an immature, ill-advised and ill-conceived PR exercise of BJP Government organized by an International business broker, in which 27 EU Parliamentarians were brought to India by a non-descript think tank. Only 23 went on a BJP Government facilitated trip as four members returned back to Delhi," he added.

Congress party also asked the Prime Minister to make a clear statement on Madi Sharma and the third party interference in the internal matter of the country. Surjewala said that the Modi government has committed a "grave sacrilege" by allowing a third party to assess the ground situation of Kashmir.

He said, "Modi government has committed a grave sacrilege by introducing a third party to assess the ground situation in Kashmir and that also through an unknown think tank. By doing so, Government has caused an affront to India's sovereign right over Jammu and Kashmir."



Conclusion:Surjewala asserted, "We call upon Prime Minister Narendra Modi to come forward and answer these issues of challenging India's sovereignty, National security and insult of India's Parliament."
Last Updated : Oct 30, 2019, 10:11 PM IST
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