नई दिल्ली : यूरोपीय यूनियन (ईयू) के सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। इस क्रम में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार ने कश्मीर को लेकर भारत की नीति पलट दी है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भारत की 72 वर्षों से यह नीति रही है कि कश्मीर मुद्दे पर किसी का भी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा. वहीं केंद्र की भाजपा सरकार ने इसको पलट दिया.
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण कर रही है.
इसके साथ ही रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार से सवाल किया कि मादी शर्मा कौन है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार व्यक्तिगत यात्रा पर आए यूरोपीय संघ के सांसदों का लाल कालीन बिछाकर स्वागत करती है, वहीं देश के सांसदों को एयपोर्ट से ही वापस भेज दिया जाता है.
सुरजेवाला ने कहा कि यूरोपीय संघ के सांसद अपने देशों से औपचारिक यात्रा पर नहीं हैं. उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर द्वारा लाया गया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा के इस निर्णय से स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने भारत की कूटनीति को अंतरराष्ट्रीय बिजनेस ब्रोकर के हाथों गिरवी रख दिया है.
सुरजेवाला ने मादी शर्मा को लेकर सवाल किया कि भाजपा का उनसे और उनके एनजीओ (Women's Eco-Nomic and Social Think tank ) से क्या जूड़ाव है. उन्होंने यह भी पूछा कि इस पूरे मामले में विदेश मंत्रालय को क्यों दरकिनार कर दिया गया.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई यह है कि पिछले 72 सालों में देश की यह सबसे बड़ी राजनीतिक भूल है. मोदी सरकार ने एक तीसरे पक्ष को कश्मीर बुलाकर देश की घोषित नीति का उल्लंघन कर घोर पाप किया है. ऐसा करके मोदी सरकार ने कश्मीर की सम्प्रभुता को भी चुनौती दे दी है.
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कांग्रेस ने मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी देश की सम्प्रभुता को चुनौती देने, राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रहार करने और देश की संसद का अपमान करने वाले इन निर्णयों के बारे में आगे बढ़कर देश को स्पष्टीकरण दें.