नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए बयान को कांग्रेस उनके द्वारा पीछे की गई गलती को सुधार बताया है. कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मीम अफजल ने ने कहा कश्मीर पर भारत का पक्ष एकदम साफ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप स्पष्ट कर चुके हैं कि कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव अब विचाराधीन नहीं है. अमेरिका में भारतीय उच्चायुक्त श्रृंगला ने ट्रंप के हवाले से यह बात कही है.
गौरतलब है किभारत पहले ही जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को आंतरिक बता चुका है. विदेश मंत्रालय ने दो टूक लहजे में कहा है कि इस मामले में किसी तीसरे देश की दखलअंदाजी स्वीकार नहीं होगी. इसी बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताजा रूख को कांग्रेस ने गलती में सुधार बताया है.
जानकारी के मुताबिक ट्रंप ने जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला करार दिया है. इसके बाद कांग्रेस ने राष्ट्रपति ट्रंप का जिक्र करते हुए कहा कि ये जो उनसे गलती हुई है, या उन्होंने झूठ बोला, या जो भी कुछ है. जाहिर है वह भारत की नीति कभी नहीं रही.
कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा भारत में भी ट्रंप के बयान पर काफी विवाद हुआ था. उन्होंने कहा कि ये यू-टर्न नहीं है. ये बयान से वापसी नहीं, बल्कि उनके झूठ का सुधार है.
क्या कहा श्रृंगला ने
अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला कहा कि अमेरिका की कश्मीर पर दशकों पुरानी नीति रही है कि वह मध्स्थता नहीं करेगा, बल्कि द्विपक्षीय स्तर पर मामले को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान को प्रोस्ताहित करेगा.
श्रृंगला ने फॉक्स न्यूज से कहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने बहुत स्पष्ट कहा था कि जम्मू-कश्मीर पर मध्यस्थता का उनका प्रस्ताव इस बात पर निर्भर करता है कि भारत और पाकिस्तान इसे स्वीकार करते हैं या नहीं। चूंकि भारत ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया. इसलिए यह स्पष्ट है कि अब यह प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
भारतीय राजदूत ने कहा, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी इस मामले में स्पष्ट हैं.उन्होंने कहा था कि यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान को शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र के अनुसार, द्विपक्षीय आधार पर सुलझाना चाहिए.
श्रृंगला ने कहा, इसलिए यह ऐसा मुद्दा है जो तीसरे पक्ष की मदद से नहीं सुलझाया जा सकता है. मैं मानता हूं कि राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे स्पष्ट कर दिया है.
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गौरतलब है कि 22 जुलाई को व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को यह कहकर चौंका दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता करने के लिए कहा था.
हालांकि, भारत ने साफ कर दिया था कि ऐसा कोई प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को नहीं दिया और सभी मुद्दे पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय आधार पर सुलझाए जाएंगे.
एक सवाल के जवाब में अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला ने बताया कि कश्मीर को लेकर भारत सरकार की ओर से उठाए गए पाबंदियों जैसे कदम अस्थायी और एहतियाती हैं.
श्रृंगला ने कहा, जब फैसले की घोषणा की गई तो सीमा पार से घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों की आशंका थी. हम जानते हैं कि हिंसा के लिए उकसाया जाएगा. इसलिए हमनें केवल एहतियाती कदम उठाए।
यहां तक कि हम बात कर रहे हैं, तब कश्मीर में लागू प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं. हजारों की संख्या में लोग ईद मनाने के लिए घरों से निकले। उन्होंने मस्जिदों में जाकर नमाज रिपीट नमाज अदा की. दुकानें खुली हुई हैं. कुछ शहरों में तो ट्रैफिक जाम की स्थिति है. हम प्रतिबंधों को हटाने की कार्रवाई कर रहे हैं.
(पीटीआई इनपुट)