नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को पार्टी के लोकसभा सदस्यों के साथ डिजिटल बैठक की जिसमें ज्यादातर सांसदों ने यह मांग उठाई कि राहुल गांधी को फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी और मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के. सुरेश ने कहा कि राहुल गांधी को फिर से पार्टी का नेतृत्व संभालना चाहिए.
सुरेश की इस बात का ज्यादातर सांसदों ने समर्थन किया.
सूत्रों का कहना है कि सुरेश ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के समय राहुल गांधी लोगों के मुद्दों को आगे बढ़कर उठाते रहे हैं, ऐसे में इस निर्णायक समय में उन्हें कांग्रेस की कमान संभालने की जरूरत है.
एक सूत्र ने बताया कि बैठक में कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग करते हुए यह भी कहा कि अगर वह फिर से पार्टी की कमान नहीं संभालना चाहते तो उनके लिए कोई वैकल्पिक पद तैयार किया जाए.
सुरेश के अलावा, मणिकम टैगोर, अब्दुल खालिक, गौरव गोगोई और कुछ अन्य सांसदों ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह फिर से पार्टी की कमान संभालें.
सूत्रों ने बताया कि पार्टी सांसदों की इस मांग पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
इससे पहले, शनिवार सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर कहा कि अब राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए.
हाल ही में हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी यह मांग उठाई थी जिसका कई नेताओं ने समर्थन किया था.
गौरतलब है कि पिछले साल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था.
कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों की बैठक में देश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति, कोरोना वायरस संकट और संसद के अगले सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर भी चर्चा की गई.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस संसद के आगामी सत्र में लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध और कोरोना वायरस संकट से निपटने के सरकार के तौर-तरीकों को लेकर उसे घेरने की तैयारी कर रही है.
बैठक में कांग्रेस सांसदों ने एक सुर में कहा कि कोरोना महामारी के चलते सांसद निधि को निलंबित किए जाने का निर्णय उचित नहीं था और ऐसे में यह निधि बहाल की जानी चाहिए.