नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष पर हमला किया. इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि मोहन भागवत हमेशा से ही आरक्षण और दलितों के खिलाफ रहे हैं.
मोहन भागवत के सद्भाव पूर्ण माहौल में आरक्षण के बारे में बातचीत करने वाले बयान को कांग्रेस ने एजेंडा बताया. पार्टी ने कहा की इससे आरएसएस और बीजेपी देश की मुख्य समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं.
इस बारे में ईटीवी भारत ने कांग्रेस नेता उदित राज से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मोहन भागवत का आरक्षण के खिलाफ ऐसा बयान पहली बार नहीं आया है. उन्होंने बिहार के चुनाव के दौरान भी ऐसा ही एक बयान दिया था. उदित ने कहा कि इससे मोहन भागवत की आरक्षण को लेकर मानसिकता उभर कर आ रही है.
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उदित राज ने कहा, '1948 में भी उन्होंने संविधान का ध्यान ना रखते हुए डॉक्टर अंबेडकर का पुतला जलाया था. 2006 में जब उच्च शिक्षण संस्थानों में पिछड़े वर्गों को आरक्षण मिला था, तब भी भागवत ने उसका विरोध किया था. हाल ही में देश में जो निजीकरण किया जा रहा है, उससे यही पता चलता है कि बीजेपी दलितों के विरोध में काम कर रही है.'
इसके अलावा कांग्रेस की एक प्रेस वार्ता के दौरान भी उदित राज ने बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया, 'ऐसे बयान देकर यह लोग आरक्षण के जरिए समुदायों को आपस में लड़ाने का भाव रखते हैं. नफरत फैलाने का लक्ष्य रखते हैं. यही लोग ओबीसी आरक्षण के विरोध में भी रहे.'
इसके अलावा कांग्रेस नेता ने पार्टी की बढाई करते हुए कहा कि आरक्षण कांग्रेस की ही देन है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही लोगों को उनका हक देने के पक्ष में रही है.