नई दिल्लीः त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष प्रद्युत देव बर्मन ने दिल्ली में राष्ट्रीय मीडिया के सामने यह बात कही कि त्रिपुरा के हालात बद से बदतर हो गए हैं. वहां ना कानून व्यवस्था है, ना लोकतंत्र का राज है. हम दिल्ली में आपको यही बताने आए हैं .त्रिपुरा भारत का एक बॉर्डर स्टेट है देश को कश्मीर की चिंता तो होती है लेकिन त्रिपुरा की नहीं.
बर्मन ने बीजेपी पर वार करते हुए कहा कि जब से त्रिपुरा में भाजपा की सरकार बनी है तब से वहां आम आदमी पर अत्याचार बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में भाजपा में कुछ नए लोग शामिल हुई जो कम्युनिस्ट पार्टी छोड़कर आए हैं. यह नए भाजपाई पुराने भाजपाई को भी त्रिपुरा में चैन से जीने नहीं दे रहे. लोग जंगल में शरण लेने को मजबूर है.
त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष बर्मन ने नेशनल मीडिया के सामने अपनी बात रखी और कहा कि मीडिया को सिर्फ कश्मीर की चिंता होती है. त्रिपुरा एक बॉर्डर प्रदेश है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. लोकतंत्र देश की भीतरी हिस्से में जरूरी है उसी तरह से त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर प्रदेशों में भी जरूरी है.
बर्मन ने कहा त्रिपुरा में न तो कानून व्यवस्था है ना लोकतंत्र का राज कायम है. वहां कांग्रेसियों को ही नहीं बल्कि पुराने भाजपाइयों को भी हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है. लोग जंगल में शरण लिए हुए हैं.
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मीडिया से शिकायती लहजे में बर्मन ने कहा दिल्ली की मीडिया त्रिपुरा जैसे बॉर्डर प्रदेशों को नजरअंदाज कर रही है यह देश हित में नहीं है. हम भी भारत के अटूट अंग हैं. यह जिम्मेदारी हर किसी की है, हमारे दर्द को भी देश सुने. उन्होंने कहा, हम इस बात की शिकायत अब सुप्रीम कोर्ट से करेंगे. प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज खत्म क्यों हो गया? इसके लिए जिम्मेदार कौन है?