नई दिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश में भाजपा ने कमलनाथ सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया है. इस बारे में भाजपा ने राज्यपाल को एक चिट्टी लिखी है. जिसमें उन्होंने विधानसभा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.
मध्य प्रदेश में विपक्षी नेता गोपाल भार्गव ने कहा है कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में चली गई है. इसके जवाब में कांग्रेस ने कहा कि हमारी सरकार मजबूत है. भाजपा दिन में सपने देखना बंद करे.
इस संबंध में गोपाल भार्गव का कहना है, 'कमलनाथ सरकार अपने आप गिर जाएगी. मैं खरीद-फरोख्त पर तो यकीन नहीं करता, लेकिन इसका समय आ गया है और यह जल्द ही ऐसा होगा. हम विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को पत्र भेज रहे हैं.'
भार्गव ने कहा, '11 दिसंबर को राज्य में विधानसभा चुनाव हुआ था. राज्य में लोग कमलनाथ सरकार से खुश नहीं हैं. चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे भी साफ बता रहे हैं कि कांग्रेस के पास अब जनमत नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'इस पर विधानसभा पर चर्चा होनी चाहिए. यह संभव है कि सत्र के दौरान स्पीकर से शक्ति परीक्षण की मांग की जाए.'
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का भी एक बयान मीडिया में है. इसके मुताबिक उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम के 20 से 22 दिनों तक कमलनाथ सीएम बने रहेंगे, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है.
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मध्यप्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस की संख्या 114 है. भाजपा के पास 109 सीटें हैं. दो सीट बसपा और पांच निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत के लिए 116 का आंकड़ा चाहिए.
आपको ये बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए एग्जिट पोल में मध्यप्रदेश में भाजपा को भारी बढ़त दिखाया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से जब पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह अपनी ओर से सरकार गिराने की पहल नहीं करेंगे. लेकिन सरकार में अंतर विरोध इतना ज्यादा है, कि कभी भी कुछ हो सकता है. शिवराज ने दावा किया कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मत भिन्नता है.
उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव प्रचार बिना खत्म हुए ही सिंधिया विदेश चले गए. यह दर्शाता है कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है.
इस संबंध में भाजपा नेता राकेश सिंह का कहना है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार नहीं चल पाएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अल्पमत में हैं. राकेश सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी के आपसी मतभेदों की वजह से ही उनकी सरकार गिरेगी.
उन्होंने कहा कि आज हम चुनाव के नतीजों और केंद्र में अपनी सरकार बनाने पर ध्यान दे रहे हैं. अभी इस बात पर हम चर्चा नहीं कर रहे कि मध्य प्रदेश में किसकी सरकार आएगी या किसकी नहीं आएगी.