नई दिल्ली: भाजपा शासित असम में गुरुवार को दूसरे चरण का चुनाव होने जा रहा है. इस बार जहां भाजपा ने नये चेहरों को मैदान में उतारा है. तो वहीं कांग्रेस ने उनकी टक्कर के लिये पांच दिग्गजों को खड़ा किया है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशेषज्ञ दीपक दीवान ने इस पर ईटीवी भारत से बातचीत की और अपनी राय रखी.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में करीमगंज, सिलचर, स्वायत्त जिला, मंगलदोई और नावगोंग में मतदान किया जाएगा.
बीजेपी ने रूपक शर्मा को असम के पूर्व मंत्री प्रद्युत बोरदोलोई के खिलाफ नवागोंग में खड़ा किया है. दिलीप सैकिया को मंगलदोई में कांग्रेस के दिग्गज भुवनेश्वर कलिता के खिलाफ खड़ा किया है. सांसद सुष्मिता देव सिलचर में डॉ. राजदीप रॉय बंगाली का सामना करेंगी, और सांसद बिरेन सिंह एंग्टी स्वायत्त जिले में भाजपा के हारेनसिंह बे को टक्कर देंगे.
इस बार भाजपा ने अपने पांच मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया और पांच नए चेहरे मैदान में उतारे. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशेषज्ञ दीपक दीवान ने कहा, 'भाजपा ने कहा है कि उन्होंने असम के लिए काम किया है, इसलिए उन्होंने इस चुनाव में नए चेहरे उतारे हैं.'
ईटीवी भारत से बात करते हुए, दीपक दीवान ने कहा कि जो कांग्रेस पहले ही विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बना चुकी है, उसे लोग सत्ता में नहीं लाना चाहेंगे.'
उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनाव एक खेल की तरह है, हमें देखना होगा कि किस पार्टी को अधिक लाभ होता है.'
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने मेघालय, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ खड़ा किया है.
मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा तुरा से चुनाव लड़ रहे हैं, नागालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री केएल चिशी नागालैंड से चुनाव लड़ रहे हैं और अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी गृह राज्य मंत्री और अरुणाचल प्रदेश पश्चिम लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार किरन रिजिजू के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.