नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) के उमरंगसो हाइड्रो पावर स्टेशन की पाइप लाइन के फटने के बाद विपक्षी दल ने पर्यावरण पर चिंता जताई है.
साथ ही विपक्षी दल ने बीजेपी सरकार पर इस चिंताजनक आपदा का जिम्मेदार ठहराया है.
असम के कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने इस घटना के लिए राज्य में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की आलोचना की है.
आपको बता दें कि बीते 7 अक्टूबर को कपिली पावर प्लान्ट की पाइप फट जाने से बाढ़ आ गई जिसमें NEEPCO ( उत्तर पूर्वी इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन लिमिटेड) के 3 कर्मचारी और एक वर्कर बह गए थे, जिनका अब तक कोर्ई पता नहीं चला है.
ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में बोरदोलोई ने कहा कि NEEPCO के अधिकारियों और सीएमडी ने घटना की वजह कपिली नदी के अम्लीय जल को बताया है.
उन्होंने कहा कि अवैध रूप से हो कोयला खनन की वजह से नदी का जल अम्लीय हो गया है.
बोरदोलोई ने अवैध कोयला खनन पर कथित रूप से ' संरक्षण' करने के लिए असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल पर निशाना साधा.
बोरदोलोई ने कहा, 'असम सरकार एक अवैध कोयला सिंडिकेट चला रही है, जहां शीर्ष पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल संरक्षण जुड़े हैं.
उन्होंने कहा कि अगर असम में अवैध कोयला खनन नहीं रुका तो भविष्य में आपदा को कोई नहीं रोक सकता है. साथ ही उन्होंने केंद्र से इस मामले पर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है.
बोरोदोलोई ने कहा, 'मैं केंद्र सरकार के अधिकारियों, पर्यावरण विशेषज्ञों, पत्रकारों की एक टीम द्वारा कोयला खनन पर वर्तमान स्थिति का जायजा लेने की अपील करता हूं.'
आपको बता दें कि इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट (SC) ने भी अवैध कोयला खनन मामले में हस्तक्षेप किया था और सरकार से ऐसे खनन को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा था.