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भारत-चीन सीमा विवाद : कांग्रेस ने मोदी सरकार को बताया मूकदर्शक, दागे कई सवाल - भारत चीन सीमा विवाद

लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे मामले में मोदी सरकार को मूकदर्शक बताया है. पढ़े पूरी खबर...

randeep surjewala
रणदीप सुरजेवाला
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Published : Jun 17, 2020, 12:22 PM IST

नई दिल्ली : लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने इस पूरे मामले में मोदी सरकार को मूकदर्शक बताया है.

कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, 'चीनी सेना द्वारा लद्दाख में तीन स्थानों पर की गई घुसपैठ की खबरों ने पूरे देश में गंभीर चिंता और व्यग्रता पैदा कर दी, लेकिन सीमा पर घुसपैठ के तथाकथित चीनी दुस्साहस पर मोदी सरकार ने मौन साध लिया.'

सुरजेवाला ने कहा, 'भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता. पिछले पांच दशकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक भी दुर्घटना या भारत-चीन सीमा पर हमारे सैनिक की शहादत नहीं हुई है. चीनी सेना के हाथों भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों की शहादत पूरी तरह से अप्रत्याशित और अस्वीकार्य है.'

पढ़ें- भारत-चीन सीमा पर तनाव : राहुल बोले- अब तक चुप क्यों हैं प्रधानमंत्री मोदी

उन्होंने दावा किया कि इन खबरों को सुन कर पूरा देश क्षुब्ध है, रोष में है, परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चुप्पी साध रखी है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, 'क्या यह सच है कि चीनी सेना ने गलवान घाटी में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों को मार डाला है? क्या यह सही है कि अन्य भारतीय सैनिक भी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए हैं? यदि हां, तो प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?'

उन्होंने यह भी पूछा, 'क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री इस बात पर राष्ट्र को विश्वास में लेंगे कि हमारे अधिकारी और सैनिक ऐसे समय में कैसे शहीद हो सकते हैं जबकि चीनी सेना गलवान घाटी के हमारे क्षेत्र से कब्जा छोड़ कथित तौर पर वापस जा रही थी? केंद्र सरकार बताए कि हमारे उच्च सेना अधिकारी और सैनिक कैसे और किन परिस्थितियों में शहीद हुए?'

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने पिछले दो महीने से चीनी सेना द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्जे के बारे में चुप्पी साध रखी है और सार्वजनिक पटल पर किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया है.

पढ़ें : भारत-चीन तनाव : गलवान में हिंसा के बाद हिमाचल और उत्तराखंड में अलर्ट

सुरजेवाला ने सवाल किया, 'क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री अब आगे बढ़कर देश को यह बताने का साहस करेंगे कि अप्रैल-मई 2020 तक भारत की सीमा के कितने क्षेत्रों में चीन ने अवैध कब्जा कर लिया है? साथ ही यह भी बताएं कि वे कौन से हालात व स्थितियां हैं, जिनके चलते हमारे बहादुर सैन्य अधिकारी व सैनिकों की शहादत हुई है? क्या प्रधानमंत्री राष्ट्र को विश्वास में लेंगे?'

उन्होंने कहा, 'पूरा देश भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और भूभागीय अखंडता की रक्षा के लिए एकजुट है. पर मोदी सरकार को यह याद रखना होगा कि संसदीय प्रणाली में शासकों की गोपनीयता या चुप्पी का कोई स्थान नहीं है.'

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कहा, "समय आ गया है, जब केंद्र सरकार चीन के मामले में कड़े कदम उठाए क्योंकि 'हमारी कमजोरी का हर संकेत' चीन की प्रतिक्रिया को और अधिक 'आक्रामक' बनाता है."

नई दिल्ली : लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने इस पूरे मामले में मोदी सरकार को मूकदर्शक बताया है.

कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, 'चीनी सेना द्वारा लद्दाख में तीन स्थानों पर की गई घुसपैठ की खबरों ने पूरे देश में गंभीर चिंता और व्यग्रता पैदा कर दी, लेकिन सीमा पर घुसपैठ के तथाकथित चीनी दुस्साहस पर मोदी सरकार ने मौन साध लिया.'

सुरजेवाला ने कहा, 'भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता. पिछले पांच दशकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक भी दुर्घटना या भारत-चीन सीमा पर हमारे सैनिक की शहादत नहीं हुई है. चीनी सेना के हाथों भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों की शहादत पूरी तरह से अप्रत्याशित और अस्वीकार्य है.'

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उन्होंने दावा किया कि इन खबरों को सुन कर पूरा देश क्षुब्ध है, रोष में है, परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चुप्पी साध रखी है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, 'क्या यह सच है कि चीनी सेना ने गलवान घाटी में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों को मार डाला है? क्या यह सही है कि अन्य भारतीय सैनिक भी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए हैं? यदि हां, तो प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?'

उन्होंने यह भी पूछा, 'क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री इस बात पर राष्ट्र को विश्वास में लेंगे कि हमारे अधिकारी और सैनिक ऐसे समय में कैसे शहीद हो सकते हैं जबकि चीनी सेना गलवान घाटी के हमारे क्षेत्र से कब्जा छोड़ कथित तौर पर वापस जा रही थी? केंद्र सरकार बताए कि हमारे उच्च सेना अधिकारी और सैनिक कैसे और किन परिस्थितियों में शहीद हुए?'

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने पिछले दो महीने से चीनी सेना द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्जे के बारे में चुप्पी साध रखी है और सार्वजनिक पटल पर किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया है.

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सुरजेवाला ने सवाल किया, 'क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री अब आगे बढ़कर देश को यह बताने का साहस करेंगे कि अप्रैल-मई 2020 तक भारत की सीमा के कितने क्षेत्रों में चीन ने अवैध कब्जा कर लिया है? साथ ही यह भी बताएं कि वे कौन से हालात व स्थितियां हैं, जिनके चलते हमारे बहादुर सैन्य अधिकारी व सैनिकों की शहादत हुई है? क्या प्रधानमंत्री राष्ट्र को विश्वास में लेंगे?'

उन्होंने कहा, 'पूरा देश भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और भूभागीय अखंडता की रक्षा के लिए एकजुट है. पर मोदी सरकार को यह याद रखना होगा कि संसदीय प्रणाली में शासकों की गोपनीयता या चुप्पी का कोई स्थान नहीं है.'

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कहा, "समय आ गया है, जब केंद्र सरकार चीन के मामले में कड़े कदम उठाए क्योंकि 'हमारी कमजोरी का हर संकेत' चीन की प्रतिक्रिया को और अधिक 'आक्रामक' बनाता है."

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