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सीएम विजयन और शिवशंकर एक दूसरे की कर रहे हैं मदद : कांग्रेस - congress alleges cm and ias helping each other

कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि निलंबित आईएएस अधिकारी शिवशंकर और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन उन मामलों में एक-दूसरे की मदद कर रहे थे, जिनकी विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही है.

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Published : Oct 19, 2020, 4:43 PM IST

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनके निलंबित सचिव एम शिवशंकर अपने ऊपर चल रहे मामलों में एक दूसरे को बचाने का प्रयास कर रहे हैं और एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शिवशंकर, जिन्होंने आईटी सचिव का पद भी संभाला उनको पहले हटा दिया गया और फिर निलंबित कर दिया गया था. सोने की तस्करी मामले के प्रमुख आरोपी स्वप्ना सुरेश से उनके संबंध थे.

यहां मीडिया को संबोधित करते हुए, विपक्ष नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि विजयन ने शिवशंकर के कृत्य की निंदा नहीं की, जिनसे विभिन्न राष्ट्रीय जांच एजेंसियों द्वारा कई दिनों तक पूछताछ की गई, जबकि दो कैबिनेट मंत्रियों - जी. सुधाकरन और कदाकंपल्ली सुरेंद्रन ने शिवशंकर के कृत्य की खुले तौर पर निंदा की, विजयन ने शिवशंकर के बारे में एक शब्द नहीं कहा और अब इसी तरह विभिन्न एजेंसियों को दिए गए शिवशंकर के बयानों को लेकर विजयन द्वारा कोई टिपण्णी की गई है.

चेन्निथला ने कहा कि शुरुआत में जब आरोप लगे, तो विजयन ने खुद सारा श्रेय लिया और जब मामले में गहराई से छानबीन की गई, तो विजयन पीछे हट गए.

उन्होंने कहा कि कोई भी, कभी भी यह विश्वास नहीं करेगा कि विजयन की जानकारी के बिना शिवशंकर ने यह सब किया होगा और विजयन उनको जमानत दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

चेन्निथला ने कहा कि दोनों अपराध में भागीदार थे और जब सीबीआई और सीमा शुल्क की जांच बढ़ गई, तो विजयन सरकार बेचैन होने लगी है और सीबीआई जांच को रोकने के लिए अदालत से संपर्क करने की पूरी कोशिश कर रही है.

शिवशंकर से सोमवार को सीमा शुल्क द्वारा पूछताछ की जाने की सभी संभावना थी, तो उन्होंने कहा कि वह अस्वस्थ हैं. हालांकि, एंजियोग्राफी के बाद एक निजी अस्पताल में उनके पूरी तरह से ठीक होने का पता चला. अगले दिन उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्होंने कहा कि उनकी पीठ मे दर्द है.

सोमवार को उन्होंने केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और सीमा शुल्क द्वारा गिरफ्तार किए जाने से अग्रिम जमानत की मांग कर रहे थे, जबकि पिछले सप्ताह उन्हें अदालत से एक आदेश मिला, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय को इस महीने की 23 तारीख तक उन्हें गिरफ्तार नहीं करने के लिए कहा गया था.

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनके निलंबित सचिव एम शिवशंकर अपने ऊपर चल रहे मामलों में एक दूसरे को बचाने का प्रयास कर रहे हैं और एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शिवशंकर, जिन्होंने आईटी सचिव का पद भी संभाला उनको पहले हटा दिया गया और फिर निलंबित कर दिया गया था. सोने की तस्करी मामले के प्रमुख आरोपी स्वप्ना सुरेश से उनके संबंध थे.

यहां मीडिया को संबोधित करते हुए, विपक्ष नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि विजयन ने शिवशंकर के कृत्य की निंदा नहीं की, जिनसे विभिन्न राष्ट्रीय जांच एजेंसियों द्वारा कई दिनों तक पूछताछ की गई, जबकि दो कैबिनेट मंत्रियों - जी. सुधाकरन और कदाकंपल्ली सुरेंद्रन ने शिवशंकर के कृत्य की खुले तौर पर निंदा की, विजयन ने शिवशंकर के बारे में एक शब्द नहीं कहा और अब इसी तरह विभिन्न एजेंसियों को दिए गए शिवशंकर के बयानों को लेकर विजयन द्वारा कोई टिपण्णी की गई है.

चेन्निथला ने कहा कि शुरुआत में जब आरोप लगे, तो विजयन ने खुद सारा श्रेय लिया और जब मामले में गहराई से छानबीन की गई, तो विजयन पीछे हट गए.

उन्होंने कहा कि कोई भी, कभी भी यह विश्वास नहीं करेगा कि विजयन की जानकारी के बिना शिवशंकर ने यह सब किया होगा और विजयन उनको जमानत दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

चेन्निथला ने कहा कि दोनों अपराध में भागीदार थे और जब सीबीआई और सीमा शुल्क की जांच बढ़ गई, तो विजयन सरकार बेचैन होने लगी है और सीबीआई जांच को रोकने के लिए अदालत से संपर्क करने की पूरी कोशिश कर रही है.

शिवशंकर से सोमवार को सीमा शुल्क द्वारा पूछताछ की जाने की सभी संभावना थी, तो उन्होंने कहा कि वह अस्वस्थ हैं. हालांकि, एंजियोग्राफी के बाद एक निजी अस्पताल में उनके पूरी तरह से ठीक होने का पता चला. अगले दिन उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्होंने कहा कि उनकी पीठ मे दर्द है.

सोमवार को उन्होंने केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और सीमा शुल्क द्वारा गिरफ्तार किए जाने से अग्रिम जमानत की मांग कर रहे थे, जबकि पिछले सप्ताह उन्हें अदालत से एक आदेश मिला, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय को इस महीने की 23 तारीख तक उन्हें गिरफ्तार नहीं करने के लिए कहा गया था.

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