ETV Bharat / bharat

डाकपत्र से वोटिंग पर आयु सीमा के फैसले पर निर्देश दे चुनाव आयोग : कांग्रेस - निर्वाचन आयोग

विधी मंत्रालय ने 19 जून को डाकपत्र से मतदान करने की सुविधा देने के संदर्भ में आयु सीमा घटाकर 65 वर्ष कर दिया है. , जिसके बाद कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुए चुनाव आयोग से पुराने नियम को ही बहाल करने की मांग की है. बता दें कि पहले डाक मतपत्र से मतदान करने की उम्र 85 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए थी.

congress leader
कपिल सिब्बल और केसी वेणुगोपाल
author img

By

Published : Jul 3, 2020, 9:49 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने कोरोना महामारी के चलते वरिष्ठ नागरिकों के लिए डाकपत्र से मतदान की सुविधा देने के संदर्भ में आयु सीमा घटाकर 65 साल करने के फैसले का विरोध किया. कांग्रेस ने इसके साथ ही निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह इस निर्णय एवं इससे जुड़े संशोधन को वापस लेने का निर्देश दे.

विपक्षी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और रणदीप सुरजेवाला की ओर से आयोग को दिए गए प्रतिवेदन में यह दावा किया गया है कि इस निर्णय को लेकर विधि मंत्रालय ने चुनाव कराने संबंधी नियम -1961 में जो संशोधन किया है उसमें कई कानूनी खामियां हैं.

कांग्रेस ने कहा, 'जिस तरह से ये निर्णय लिया गया है उससे साफ जाहिर होता है कि इसमें कोई दिमाग नहीं लगाया गया और संबंधित पक्षों के साथ कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया.'

उसने यह आरोप भी लगाया कि इस व्यवस्था से मतदान की गोपनीयता भंग होने का खतरा है, जबकि किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में मतदान की गोपनीयता बहुत महत्वपूर्ण है.

विपक्षी पार्टी ने कहा कि बेहतर विकल्प यह होगा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग मतदान बूथ बनाए जाएं जिससे संक्रमण का न्यूनतम खतरा होगा.

उसने आग्रह किया, 'निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत दी गई शक्तियों का उपयोग करे और इस निर्णय तथा नियम में संशोधन को वापस लेने का निर्देश दे.'

पढ़ें : कांग्रेस पार्टी आज भी वैसी ही है, बस सिंधिया बदल गए : वेणुगोपाल

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र के लिए मतदाताओं की आयु सीमा कम कर दी गयी है.

विधि मंत्रालय ने अक्टूबर 2019 में चुनाव कराने के नियमों में संशोधन किया था और दिव्यांगों तथा 80 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र से मतदान की अनुमति प्रदान की थी. अब मंत्रालय ने 19 जून को जारी ताजा संशोधन में 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को डाक मतपत्र के इस्तेमाल की अनुमति दी है.

भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद बिहार पहला राज्य है जहां विधानसभा चुनाव होने हैं और इस राज्य के मतदाता उक्त संशोधित नियम का सबसे पहले लाभ उठाएंगे.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने कोरोना महामारी के चलते वरिष्ठ नागरिकों के लिए डाकपत्र से मतदान की सुविधा देने के संदर्भ में आयु सीमा घटाकर 65 साल करने के फैसले का विरोध किया. कांग्रेस ने इसके साथ ही निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह इस निर्णय एवं इससे जुड़े संशोधन को वापस लेने का निर्देश दे.

विपक्षी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और रणदीप सुरजेवाला की ओर से आयोग को दिए गए प्रतिवेदन में यह दावा किया गया है कि इस निर्णय को लेकर विधि मंत्रालय ने चुनाव कराने संबंधी नियम -1961 में जो संशोधन किया है उसमें कई कानूनी खामियां हैं.

कांग्रेस ने कहा, 'जिस तरह से ये निर्णय लिया गया है उससे साफ जाहिर होता है कि इसमें कोई दिमाग नहीं लगाया गया और संबंधित पक्षों के साथ कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया.'

उसने यह आरोप भी लगाया कि इस व्यवस्था से मतदान की गोपनीयता भंग होने का खतरा है, जबकि किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में मतदान की गोपनीयता बहुत महत्वपूर्ण है.

विपक्षी पार्टी ने कहा कि बेहतर विकल्प यह होगा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग मतदान बूथ बनाए जाएं जिससे संक्रमण का न्यूनतम खतरा होगा.

उसने आग्रह किया, 'निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत दी गई शक्तियों का उपयोग करे और इस निर्णय तथा नियम में संशोधन को वापस लेने का निर्देश दे.'

पढ़ें : कांग्रेस पार्टी आज भी वैसी ही है, बस सिंधिया बदल गए : वेणुगोपाल

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र के लिए मतदाताओं की आयु सीमा कम कर दी गयी है.

विधि मंत्रालय ने अक्टूबर 2019 में चुनाव कराने के नियमों में संशोधन किया था और दिव्यांगों तथा 80 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र से मतदान की अनुमति प्रदान की थी. अब मंत्रालय ने 19 जून को जारी ताजा संशोधन में 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को डाक मतपत्र के इस्तेमाल की अनुमति दी है.

भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद बिहार पहला राज्य है जहां विधानसभा चुनाव होने हैं और इस राज्य के मतदाता उक्त संशोधित नियम का सबसे पहले लाभ उठाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.