हैदराबाद : भारत में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है वहीं कई मरीजों की मौत भी हो रही है. संक्रमण के मद्देनजर मरीजों के शव का अंतिम संस्कार भी करना मुश्किल हो रहा है. गांव वालों के आपत्ति के कारण शव को दपनाने या अंतिम संस्कार करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
तेलंगाना के खम्मम जिले के पेनुबल्ली मंडल के लंकापल्ली में दिल का दौरा पड़ने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. कोरोना से मरने के संदेह में गांव वालों ने उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया. तेलंगाना के लंकापल्ली में हुई युवक की मौत के बाद उसे अंतिम संस्कार के लिए उसके गृहनगर ले जाया गया. कोरोना संदिग्ध होने के कारण उसके भाई ने उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. उसके बाद शव को सत्तुपल्ली ले जाया गया. वहां भी शव का अंतिम संस्कार करने पर गांव वालों ने आपत्ति जाना शुरू कर दिया, जिसके बाद मंगलवार को वीएम बनर्जी और सब-इंस्पेक्टर नागराज ने बताया कि डॉक्टरों ने शव की पुष्टि की है.
पढ़ें - दुश्मन को भी न मिले यह मौत, जेसीबी से गड्ढे में उड़ेले जा रहे शव
युवक की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. जिसके बाद शव को कब्रिस्तान में ले जाया गया और अंतिम संस्कार किया गया.
पढ़ें - कर्नाटक में कोरोना मृतकों के शवों की दुर्गति से मानवता शर्मसार
आंध्र प्रदेश में पूर्वी गौदावरी जिले में एक व्यक्ति की सोमवार को मृत्यु हो गई. स्थानीय लोगों द्वारा कोरोना वायरस पीड़ित के शव को दफनाने पर आपत्ति जताए जाने पर दो दिनों कर शव घर के सामने पड़ रहा.