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कर्नाटक : चुनाव से कॉफी किसान परेशान, हथियार बिना फसल की सुरक्षा कैसे - चिक्कमगलुरु जिले में हर जगह कॉफी

कॉफी उत्पादक इन दिनों बड़े परेशान हैं. कर्नाटक पुलिस ने कॉफी उत्पादकों को ग्राम पंचायत चुनाव के कारण अपने हथियार जमा करने का निर्देश दिया है. यहीं से कॉफी उत्पादकों की परेशानी शुरू होती है. पढ़ें रिपोर्ट.

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Published : Dec 9, 2020, 6:39 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 7:19 PM IST

चिक्कमगलुरु : कॉफी की कटाई के समय ग्राम पंचायत चुनाव ने कॉफी उत्पादकों की समस्या को बढ़ा दिया है. किसान फसल को चोरों से बचाने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन ग्राम पंचायत चुनाव के कारण पुलिस विभाग ने हथियारों को जमा करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है. इससे कॉफी की फसल की सुरक्षा को लेकर उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है.

चोरों के काम का है यह समय

चिक्कमगलुरु जिले में हर जगह कॉफी है. एक तरफ कॉफी बीन्स की कटाई हो रही है और तो दूसरी तरफ कॉफी बीन्स को अलग किया जा रहा है. इसके बाद सूखी कॉफी की फलियों की पैकिंग की जा रही है. इस समय पर न केवल कॉफी, बल्कि काली मिर्च और अखरोट की कटाई भी की जाती है. यही कारण है कि यह समय चोरों के लिए भी काम करने का होता है.

फसल चोरी होने का डर सता रहा

चोरों को डराने के लिए कॉफी उत्पादक एक बंदूक रखते हैं और बागान में गश्त करते हैं. इस बार इसी समय ग्राम पंचायत चुनाव होने के कारण पुलिस ने बंदूकों को पुलिस थानों में सरेंडर करने की सलाह दी है. कॉफी उत्पादकों ने कहा कि हमें फसलों की सुरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस मिला है लेकिन अब पुलिस ने हथियारों के आत्मसमर्पण का सुझाव दिया है. यह फसल का समय है. कॉफी और काली मिर्च जमीन में उगाई जाती हैं. यदि फसलें चोरी हुईं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उत्पादकों ने ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान भी पुलिस से घर में हथियार रखने की अनुमति देने का आग्रह किया है.

चिक्कमगलुरु : कॉफी की कटाई के समय ग्राम पंचायत चुनाव ने कॉफी उत्पादकों की समस्या को बढ़ा दिया है. किसान फसल को चोरों से बचाने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन ग्राम पंचायत चुनाव के कारण पुलिस विभाग ने हथियारों को जमा करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है. इससे कॉफी की फसल की सुरक्षा को लेकर उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है.

चोरों के काम का है यह समय

चिक्कमगलुरु जिले में हर जगह कॉफी है. एक तरफ कॉफी बीन्स की कटाई हो रही है और तो दूसरी तरफ कॉफी बीन्स को अलग किया जा रहा है. इसके बाद सूखी कॉफी की फलियों की पैकिंग की जा रही है. इस समय पर न केवल कॉफी, बल्कि काली मिर्च और अखरोट की कटाई भी की जाती है. यही कारण है कि यह समय चोरों के लिए भी काम करने का होता है.

फसल चोरी होने का डर सता रहा

चोरों को डराने के लिए कॉफी उत्पादक एक बंदूक रखते हैं और बागान में गश्त करते हैं. इस बार इसी समय ग्राम पंचायत चुनाव होने के कारण पुलिस ने बंदूकों को पुलिस थानों में सरेंडर करने की सलाह दी है. कॉफी उत्पादकों ने कहा कि हमें फसलों की सुरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस मिला है लेकिन अब पुलिस ने हथियारों के आत्मसमर्पण का सुझाव दिया है. यह फसल का समय है. कॉफी और काली मिर्च जमीन में उगाई जाती हैं. यदि फसलें चोरी हुईं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उत्पादकों ने ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान भी पुलिस से घर में हथियार रखने की अनुमति देने का आग्रह किया है.

Last Updated : Dec 9, 2020, 7:19 PM IST
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