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निसर्ग : फलों का नुकसान, किसानों ने सरकार से की मुआवजे की मांग - चक्रवात निसर्ग

महाराष्ट्र से टकराने और राज्य में चार लोगों की जान लेने के 18 घंटे बाद चक्रवात निसर्ग पूर्व में विदर्भ क्षेत्र की ओर चला गया. इस दौरान रत्नागिरी जिले में घरों, इमारतों, कॉलोनियों, वाहनों, सैकड़ों पेड़ों और खेती की खड़ी फसलों आदि को भारी नुकसान पहुंचा. पढ़ें पूरी खबर...

घटनास्थल की तस्वीर,
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Published : Jun 5, 2020, 3:34 AM IST

मुंबई : महाराष्ट्र से टकराने और राज्य में चार लोगों की जान लेने के 18 घंटे बाद चक्रवात निसर्ग पूर्व में विदर्भ क्षेत्र की ओर चला गया. इस दौरान रत्नागिरी जिले में नारियल, आम और एरेका नारियल फार्मों को बड़ा नुकसान हुआ. इसको लेकर किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. बता दें कि कुछ वर्ष पहले फ्यान चक्रवात आया था. निसर्ग की तुलना में इस चक्रवात से कम नुकसान हुआ था.

इस दौरान रत्नागिरी जिले में 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चली. इस दौरान घरों, इमारतों, कॉलोनियों, वाहनों, सैकड़ों पेड़ों और खेती की खड़ी फसलों आदि को भारी नुकसान पहुंचा.

निसर्ग चक्रवात से फलों को नुकसान.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि पूर्व में उत्तर-पूर्व की ओर जाने और एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र में कमजोर होकर, वह विदर्भ क्षेत्री की ओर चला गया.'

रायगढ़ जिले के श्रीवर्धन में टकराने के बाद चक्रवात पुणे की ओर चला गया और गुरुवार सुबह तक नासिक क्षेत्र से पूर्व की ओर विदर्भ क्षेत्र में आगे बढ़ा.

अब तक कम से कम 10 लोगों के घायल होने के साथ ही रायगढ़ और पुणे दोनों में ही जिलों में चक्रवात से संबंधित दो मौतें दर्ज की गई हैं.

रायगढ़ जिले के पीड़ितों में 53 वर्षीय एक दुकानदार शामिल है. वह उमेट गांव में एक बिजली के खंभे की चपेट में आ गया था, जबकि अन्य मामले में श्रीवर्धन में एक पेड़ के गिरने से उसके नीचे आकर एक 15 वर्षीय लड़के की मौत हो गई.

पुणे की बात करें तो छत से एक टिन की चादर के उड़ जाने से एक 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई और अन्य मामले में घर के नीचे दबने से एक 65 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई.

मुंबई मौत के मामलों को लेकर चक्रवात की चपेट में आने से बच गया और किसी भी अन्य तटीय कोंकण जिलों में कोई जानलेवा हादसा नहीं हुआ.

हालांकि, यहां जान का नुकसान नहीं हुआ है लेकिन घरों, इमारतों, तटीय गांव की कॉलोनियों, वाहनों, सैकड़ों पेड़ों और खेती की खड़ी फसलों आदि को भारी नुकसान पहुंचा है.

मुंबई : महाराष्ट्र से टकराने और राज्य में चार लोगों की जान लेने के 18 घंटे बाद चक्रवात निसर्ग पूर्व में विदर्भ क्षेत्र की ओर चला गया. इस दौरान रत्नागिरी जिले में नारियल, आम और एरेका नारियल फार्मों को बड़ा नुकसान हुआ. इसको लेकर किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. बता दें कि कुछ वर्ष पहले फ्यान चक्रवात आया था. निसर्ग की तुलना में इस चक्रवात से कम नुकसान हुआ था.

इस दौरान रत्नागिरी जिले में 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चली. इस दौरान घरों, इमारतों, कॉलोनियों, वाहनों, सैकड़ों पेड़ों और खेती की खड़ी फसलों आदि को भारी नुकसान पहुंचा.

निसर्ग चक्रवात से फलों को नुकसान.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि पूर्व में उत्तर-पूर्व की ओर जाने और एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र में कमजोर होकर, वह विदर्भ क्षेत्री की ओर चला गया.'

रायगढ़ जिले के श्रीवर्धन में टकराने के बाद चक्रवात पुणे की ओर चला गया और गुरुवार सुबह तक नासिक क्षेत्र से पूर्व की ओर विदर्भ क्षेत्र में आगे बढ़ा.

अब तक कम से कम 10 लोगों के घायल होने के साथ ही रायगढ़ और पुणे दोनों में ही जिलों में चक्रवात से संबंधित दो मौतें दर्ज की गई हैं.

रायगढ़ जिले के पीड़ितों में 53 वर्षीय एक दुकानदार शामिल है. वह उमेट गांव में एक बिजली के खंभे की चपेट में आ गया था, जबकि अन्य मामले में श्रीवर्धन में एक पेड़ के गिरने से उसके नीचे आकर एक 15 वर्षीय लड़के की मौत हो गई.

पुणे की बात करें तो छत से एक टिन की चादर के उड़ जाने से एक 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई और अन्य मामले में घर के नीचे दबने से एक 65 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई.

मुंबई मौत के मामलों को लेकर चक्रवात की चपेट में आने से बच गया और किसी भी अन्य तटीय कोंकण जिलों में कोई जानलेवा हादसा नहीं हुआ.

हालांकि, यहां जान का नुकसान नहीं हुआ है लेकिन घरों, इमारतों, तटीय गांव की कॉलोनियों, वाहनों, सैकड़ों पेड़ों और खेती की खड़ी फसलों आदि को भारी नुकसान पहुंचा है.

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