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कांजी हाउस मामलाः सीएम त्रिवेंद्र ने Etv भारत की खबर पर लगाई मुहर, माना 102 गोवंश की हुई मौत

ईटीवी भारत पर गोवंश की मौत की खबर दिखाने के बाद से नगर निगम और सरकार में हड़कंप मचा हुआ है. अब सीएम त्रिवेंद्र ने गोवंशों के मौत की बात स्वीकार की है.

सीएम त्रिवेंद्र रावत
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Published : Aug 1, 2019, 9:36 PM IST

देहरादूनः कांजी हाउस में 102 गोवंश की मौतों के बाद से उत्तराखंड शासन-प्रशासन में हड़कंप मचा है. अब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि कांजी हाउस में बड़ी संख्या में गोवंशों की मौत हुई है. इस खबर को सबसे पहले ईटीवी भारत ने प्रकाशित किया था, जिसके बाद से नगर निगम एक्शन और सरकार एक्शन में आ गई है.

मीडिया से गुरुवार को बात करते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने माना कि एक महीने में करीब 102 गोवंशों की मौत हुई है. सीएम ने कहा कि कांजी हाउस में वे पशु रखे जाते हैं जो बीमार होते हैं या फिर दुर्घटना में घायल हो जाते हैं. जिनकी मौत हुई है. उन्होंने कहा कि ये मौत का आंकड़ा एक दिन का नहीं एक महीने का है.

बातचीत के दौरान सीएम त्रिवेंद्र रावत

अधिकारियों ने किया निरीक्षण
वहीं खबर प्रकाशित होने के दूसरे दिन अधिकारियों की टीम कांजी हाउस पहुंच गई. इस दौरान उन्होंने वहां के हालात का निरीक्षण किया है. जिसके बाद सीएम ने भी गोवंश की मौत की बात स्वीकार की.

पढ़ें: उत्तराखंड : कांजी हाउस में एक माह में 105 गायों की मौत, 'राष्ट्रमाता' का दर्जा देने वाली त्रिवेंद्र सरकार बेखबर

उत्तराखंड सरकार गौ संरक्षण एवं सवंर्धन की बड़ी-बड़ी बातें तो लगातार कर रही है, लेकिन कांजी हाउस में बंद गोवंशों की हालत इतनी बद्दतर हो गई है कि देख-रेख के अभाव में लगातार इनकी मौत हो रही है. कांजी हाउस में बंद गोवंशों की दुर्दशा देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां किस तरह से गोवंशों का रख-रखाव किया जा रहा है. देहरादून के केदारपुरम में बने कांजी हाउस की हालत इतनी बदतर है कि मरी हुई गोवंशों को कौए खा रहे हैं. बाकी जो गोवंशों हैं वो मरणासन्न हालत में हैं.

देहरादूनः कांजी हाउस में 102 गोवंश की मौतों के बाद से उत्तराखंड शासन-प्रशासन में हड़कंप मचा है. अब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि कांजी हाउस में बड़ी संख्या में गोवंशों की मौत हुई है. इस खबर को सबसे पहले ईटीवी भारत ने प्रकाशित किया था, जिसके बाद से नगर निगम एक्शन और सरकार एक्शन में आ गई है.

मीडिया से गुरुवार को बात करते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने माना कि एक महीने में करीब 102 गोवंशों की मौत हुई है. सीएम ने कहा कि कांजी हाउस में वे पशु रखे जाते हैं जो बीमार होते हैं या फिर दुर्घटना में घायल हो जाते हैं. जिनकी मौत हुई है. उन्होंने कहा कि ये मौत का आंकड़ा एक दिन का नहीं एक महीने का है.

बातचीत के दौरान सीएम त्रिवेंद्र रावत

अधिकारियों ने किया निरीक्षण
वहीं खबर प्रकाशित होने के दूसरे दिन अधिकारियों की टीम कांजी हाउस पहुंच गई. इस दौरान उन्होंने वहां के हालात का निरीक्षण किया है. जिसके बाद सीएम ने भी गोवंश की मौत की बात स्वीकार की.

पढ़ें: उत्तराखंड : कांजी हाउस में एक माह में 105 गायों की मौत, 'राष्ट्रमाता' का दर्जा देने वाली त्रिवेंद्र सरकार बेखबर

उत्तराखंड सरकार गौ संरक्षण एवं सवंर्धन की बड़ी-बड़ी बातें तो लगातार कर रही है, लेकिन कांजी हाउस में बंद गोवंशों की हालत इतनी बद्दतर हो गई है कि देख-रेख के अभाव में लगातार इनकी मौत हो रही है. कांजी हाउस में बंद गोवंशों की दुर्दशा देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां किस तरह से गोवंशों का रख-रखाव किया जा रहा है. देहरादून के केदारपुरम में बने कांजी हाउस की हालत इतनी बदतर है कि मरी हुई गोवंशों को कौए खा रहे हैं. बाकी जो गोवंशों हैं वो मरणासन्न हालत में हैं.

Intro:summary- देहरादून में 102 पशुओं की मौत के मामले में आखिरकार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी यह मान लिया है कि 1 महीने में 102 पशु मारे हैं। ईटीवी भारत ने भी 1 महीने में 102 पशुओं के मरने की खबर प्रकाशित की थी

देहरादून में गोवंश की मौत पर हुए बवाल के बाद मुख्यमंत्री ने भी पत्रकारों से बात करते हुए यह मान लिया कि करीब एक सौ दो पशु एक माह में मरे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह बात अधिकारियों से मामले पर बात होने के बाद कहीं।


Body:देहरादून में गोवंश के मरने की खबर प्रकाशित होने के बाद उत्तराखंड सरकार और प्रशासन में हलचल बढ़ गई... आनन-फानन में अधिकारियों ने काजी हाउस का निरीक्षण किया और यहां की स्थितियों को जानने को इसकी इसके बाद मुख्यमंत्री ने भी नगर निगम मेयर समेत तमाम अधिकारियों से बात की और हालातों को समझने की कोशिश की... गोवंश की हो रही मौत पर अधिकारियों से बात करने के बाद मुख्यमंत्री प्रेस से मुखातिब हुए और उन्होंने कहा कि एक रात में पशुओं के मरने की संख्या 102 नहीं है बल्कि यह आंकड़ा 1 महीने का है... मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि ईटीवी भारत ने 1 महीने में पशुओं के मरने का जो आंकड़ा प्रकाशित किया था वह बिल्कुल सही था। सुनिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने बयान में कैसे ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लगा गए।

बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड


Conclusion:काजी हाउस में गोवंश की मौत पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रकाशित किया उसके बाद जाकर नगर निगम के अधिकारी जागे और नगर आयुक्त को खुद एसी कमरों से उठकर कांजी हाउस का दौरा करना पड़ा... ऐसे में जरूरत है कि अधिकारी रूटीन रूप से काजी हाउस जैसी जगह का निरीक्षण करें ताकि गौवंश के मरने की संख्या को कम किया जा सके।
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